पंजाब के गोदामों में अनाज के संभरण एवं पीडीएस सप्लाई में कुव्यवस्था के कारण किसानों को 6000 करोड़ रुपये का घाटा संभावित । गौर फ़रमाने की बात यह है कि पंजाब देश भर में पैडी उत्पन्न करने वाला सबसे बड़ा राज्य है । यहाँ पैडी (चावल) का उत्पादन 180 - 185 MT प्रति वर्ष होता है । जिस्मे से 90 फीसदी शेलर्स एवं मिलर्स द्वारा प्रोसेस करके पीडीएस सिस्टम के तहत एफसीआई द्वारा देश भर में सप्लाई किया जाता है और कुछ हद तक बाहर के देशों में भी सप्लाई होता हैआ । पंजाब में लगभग 5500 शेलर्स है जो अपने गोदामों एफ़सीआई के लिए संभरण करते हैं ।
पंजाब की सियासत से जुड़े हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रताप सिंह बाजवा जो की पंजाब असेंबली में नेता प्रतिपक्ष भी हैं का कहना है कि अक्टूबर माह में पिछले 14 दिन में 5 लाख MT चावल गोदामों से बाहर निकला है जो कि गोदामों में स्टोर किए गए चावलों का 5 फीसदी भी नहीं है । नई फसल तैयार है लेकिन संभरण के माकूल इंतज़ामात ना होने के करण चावल के ख़राब होने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता जिसके कारण किसनों को करोड़ों रुपये का नुक़सान हो सकता है । विषम परिस्थितियों के बावजूद पंजाब के मुख्य मंत्री भगवंत मान खामोश हैं और उनके द्वारा कोई एक्शन नहीं लिया गया ।
इस बाबत पंजाब के किसानों की संस्था कृषाल द्वारा कल किए गए 3 घंटे के चक्का जाम के दबाव में आकर आज पंजाब के मुख्यमंत्री रमणीक सिंह बिट्टू को साथ लेकर केंद्रीय खाद्य मंत्री से मिले । मामले का संज्ञान लेते हुए खाद्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने आगामी 31 मार्च तक इन गोदामों को नई फसल के लिए ख़ाली करने का आश्वासन दिया है । पैडी से चावल की रिकवरी 60-62 फ़ीसदी है । आखिर क़िसानों के प्रति पंजाब सरकार की इतनी उदासीनता क्यूँ...