दिल्ली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी ने 6 और 7 मई, 2025 को त्यागराज स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में अपना वार्षिक टैलेंट स्काउटिंग इवेंट सफलतापूर्वक आयोजित किया। इस वर्ष के आयोजन में भारत भर के 10 से अधिक राज्यों से प्रभावशाली भागीदारी देखी गई, जो दिल्ली स्पोर्ट्स स्कूल की तेज़ी से बढ़ती मान्यता को दर्शाता है।
दो दिवसीय कार्यक्रम का उद्देश्य कक्षा 6वीं से 9वीं और 11वीं के छात्रों के लिए परीक्षण आयोजित करना था। पहले दिन बॉक्सिंग, तैराकी, भारोत्तोलन और कुश्ती के लिए लेवल 1 और लेवल 2 टेस्ट पूरा करने पर ध्यान केंद्रित किया गया, जबकि दूसरे दिन तीरंदाजी, शूटिंग, टेबल टेनिस और लॉन टेनिस के लिए टेस्ट शामिल थे। दोनों दिन एथलेटिक्स और बैडमिंटन के ट्रायल आयोजित किए गए, जिन्हें कक्षा-वार विभाजित किया गया - कक्षा 6, 7 और 11 के लिए पहला दिन और कक्षा 8 और 9 के लिए दूसरा दिन। युवा खेल प्रेमियों ने इन सभी विषयों में अपने कौशल का प्रदर्शन बड़े उत्साह के साथ किया।
प्रतिभागियों ने एक व्यापक मूल्यांकन प्रक्रिया से गुज़रा जिसमें उन्नत उपकरणों और तकनीकों का उपयोग करके आयोजित 11 मोटर गुणवत्ता परीक्षण शामिल थे, साथ ही खेल-विशिष्ट मूल्यांकन भी किए गए। इस कठोर दृष्टिकोण का उद्देश्य भारत में खेलों के मानक को बढ़ाने के दिल्ली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी के मिशन के अनुरूप उभरती हुई खेल प्रतिभाओं की पहचान करना और उनका पोषण करना था।
सकारात्मक माहौल को और बढ़ाते हुए, कई छात्रों के साथ उनके माता-पिता या अभिभावक भी थे, जिन्होंने ट्रायल देखा और प्रतिभागियों के लिए किए गए सुचारू संचालन और विचारशील व्यवस्थाओं की सराहना की। सुव्यवस्थित प्रक्रिया और एथलीट-अनुकूल वातावरण की सभी उपस्थित लोगों ने व्यापक रूप से प्रशंसा की।
यह कार्यक्रम युवा एथलीटों के लिए अपनी क्षमता दिखाने के लिए एक मंच और प्रतिष्ठित दिल्ली स्पोर्ट्स स्कूल में प्रवेश पाने का मार्ग दोनों के रूप में कार्य करता है। स्कूल एक एकीकृत कार्यक्रम प्रदान करता है जिसमें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, आवासीय सुविधाएँ और विश्व स्तरीय खेल अवसंरचना तक पहुँच शामिल है - इन सभी का उद्देश्य भारत में खेल आइकन की अगली पीढ़ी का पोषण करना है।
दिल्ली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी युवा एथलीटों को समर्थन और सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, यह सुनिश्चित करते हुए कि उन्हें अपने चुने हुए खेलों में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए आवश्यक मार्गदर्शन और संसाधन प्राप्त हों।
दिल्ली: गुरुद्वार रकाब गंज परिसर में कुकर्म के मामले में खुलकर बोले दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका एवं महासचिव जगदीप सिंह कहलो कहा कि मंजीत सिंह जीके और परमजीत सिंह सरना हमेशा श्री अकाल तख्त साहिब और पंथक मर्यादा को ठेस पहुंचाते आए हैं। उन्होंने दिल्ली के गुरुघरों को बदनाम करने का नया तरीका ढूंढ निकाला है। जिस मामले की बात कर वे मौजूदा कमेटी को बदनाम कर रहे हैं, वह गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब से जुड़ा है। हम बताना चाहते हैं कि जैसे ही यह मामला हमारे ध्यान में आया, हमने तुरंत कार्रवाई करते हुए दोषियों को निलंबित किया और एक जांच कमेटी बना दी है, जिसकी रिपोर्ट आने पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उनका मानना कमेटी के पूर्व अध्यक्ष मंजीत सिंह जी.के. उनके खिलाफ दर्ज चार भ्रष्टाचार मामलों में चार्जशीट दाखिल होने से बौखलाए हुए हैं। जी.के. और परमजीत सिंह सरना मिलकर कमेटी की कौमी संपत्तियों को बेचने के लिए उतावले हो रहे हैं, लेकिन मौजूदा कमेटी की टीम कौमी संपत्तियों की हर कीमत पर रक्षा करेगी। कमेटी के खातों से 10 लाख रुपये की नकद निकासी, 1 लाख कनाडा डॉलर की हेराफेरी, और अपनी बेटी व दामाद की कंपनी के नाम पर कमेटी से व्यापार करने समेत 4 मामलों में मंजीत सिंह जी.के. के खिलाफ चार्जशीटें दाखिल हो चुकी हैं और मामलों की सुनवाई शुरू हो चुकी है, जिनमें उन्हें सजा मिलनी तय है।
दिल्ली: रिहायशी एवं व्यवसायिक प्रॉपर्टी पर लगाये गए यूजर चार्जेज के खिलाफ आगामी 21 मई को होने वाले एमसीडी सत्र में प्रस्ताव को पास करवाने का प्रयास करेगी आम आदमी पार्टी । एमसीडी में नेता विपक्ष अंकुश नारंग के अनुसार यूजर चार्ज इसलिए नहीं लगने चाहिए, क्योंकि 12 जोन में मौजूद हमारे कंसेशनरी डोर-टू-डोर कूड़ा नहीं उठाते। 60 से 70 फीसद कूड़ा डोर-टू-डोर उठता है और उसे प्राइवेट लोग उठाते हैं। उन प्राइवेट लोगों को पैसे घर के मालिक या व्यवसाय के मालिक देते हैं।
अभी तक इन 12 जोन के कंसेशनरियों और प्राइवेट लोगों के बीच कोई समन्वय नहीं बन पाया है। अभी तक एमसीडी सभी ढलावों को बंद करने में विफल रही है और ढलावों के आसपास खूब सारा कूड़ा जमा होता है, जिससे वातावरण प्रदूषित होता है और बदबू के कारण लोगों का वहां रहना और निकलना मुश्किल हो जाता है। साथ ही, एफसीटीएस के आसपास भी इतना कूड़ा एकत्रित होता है कि लोगों का वहां से गुजरना कठिन हो जाता है। इसके अलावा, दिल्ली में कई वल्नरेबल पॉइंट्स हैं, जहां कूड़ा इकट्ठा होता है। एमसीडी न तो ढलावों को खत्म कर पाई है, न ही एफसीटीएस के पास कूड़े को हटा पाई है और न ही रिहायशी इलाकों में वल्नरेबल पॉइंट्स पर कूड़े को समाप्त कर पाई है।
भाजपा शासित एमसीडी अभी तक सफाई व्यवस्था को दुरुस्त नहीं कर पाई है। अगर सफाई व्यवस्था दुरुस्त होती, तो मेगा सफाई अभियान चलाने की जरूरत नहीं पड़ती। जब तक 100 फीसदी सफाई व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो जाती, तब तक किसी पर भी यूजर चार्ज नहीं लगना चाहिए। लोग बहुत परेशान हैं। लोगों का कहना है कि अगर उनका हाउस टैक्स 800 या 850 रुपये है, तो उन्हें 1,000 रुपये यूजर चार्ज देना पड़ रहा है। किसी का प्रॉपर्टी टैक्स 2,500 से 3,000 रुपये है, तो उसे 5,000 रुपये यूजर चार्ज देना पड़ता है। यह सही नहीं है। यह दिल्ली के निवासियों और व्यापारियों पर वित्तीय बोझ है और ऐसा नहीं होना चाहिए।
उनका मानना है कि जब तक एमसीडी 100 फीसद डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने में सक्षम नहीं हो जाती, तब तक यूजर चार्ज लगाने का कोई अधिकार नहीं है। जब तक ढलाव, वल्नरेबल पॉइंट्स और एफसीटीएस के आसपास कूड़ा खत्म नहीं होता, तब तक एमसीडी को किसी भी निवासी या व्यवसायी पर यूजर चार्ज लगाने का हक नहीं है। हमने यह प्रस्ताव रखा है। मजेदार बात यह है कि जब राजा इकबाल 25 अप्रैल को महापौर बने, तो उन्होंने अपने पहले संबोधन में कहा था कि यूजर चार्ज वापस लेंगे। लेकिन एक महीना होने को है और उन्होंने न तो यूजर चार्ज वापस लिया और न ही इस पर कोई बात की।
इस संदर्भ में पहले भी कमिश्नर अश्विनी कुमार और महापौर को चिट्ठी लिखी गई थी। 6 मई को चिट्ठी भेजी थी और आज 10 दिन हो गए, लेकिन न तो महापौर और ना ही कमिश्नर ने कोई जवाब दिया है। अगर नेता विपक्ष की चिट्ठी का जवाब नहीं देते हैं, तो दिल्ली की जनता की बात क्या ही सुनते होंगे और क्या ही कार्रवाई करते होंगे? अगर यूजर चार्ज को लेकर नेता प्रतिपक्ष की की चिट्ठी कूड़े में फेंकी जा रही है, तो आम जनता की शिकायतों का क्या हाल होगा? महापौर व कमिश्नर से निवेदन है कि यूजर चार्ज तुरंत वापस लिया जाए। अगर वे ऐसा नहीं करते, तो हम सदन में प्रस्ताव के जरिए अपनी बात रखेंगे और सड़क से सदन तक इस मुद्दे को उठाएंगे। हम दिल्ली की जनता के साथ एमसीडी द्वारा यूजर चार्ज के माध्यम से हो रहे अन्याय को नहीं होने देंगे।
दिल्ली: व्हाट्सएप स्टेटस पर अवैध हथियार के साथ फोटो लगाने वाले को थाना गोकलपुरी थाने की टीम ने कुछ ही घंटों में किया गिरफ्तार आरोपी के कब्जे से एक देशी कट्टा व 02 जिन्दा कारतूस (12 बोर) बरामद। आरोपी पहले भी एक लूट के मामले में र्संलिप्त पाया गया । संवेदनशील झुग्गी-झोपड़ी (JJ) क्लस्टरों में अपराध पर अंकुश लगाने, उभरते अपराधियों की पहचान करने, अवैध गतिविधियों की निगरानी करने तथा सत्यापन अभियानों को क्रियान्वित करने हेतु JJ क्लस्टर समितियों का गठन किये जाने के क्रम में, गोकुलपुरी स्थित संजय कॉलोनी क्षेत्र में एक समिति का गठन किया गया था ।
संजय कॉलोनी के एक निवासी द्वारा अपने व्हाट्सएप स्टेटस पर अवैध हथियार के साथ फोटो लगाने की सूचना JJ क्लस्टर समिति के एक सदस्य द्वारा प्रदान की गई। सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए, ACP/गोकुलपुरी के पर्यवेक्षण में निरीक्षक परवीन कुमार, थानाध्यक्ष गोकुलपुरी, के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई। इस टीम में HCs अनिल, अनुज व सिपाही रोहित, प्रवीन और हितेश शामिल थे, जिनका उद्देश्य सूचना का विकास करना और हथियार व गोला-बारूद की बरामदगी सुनिश्चित करना था।
टीम ने तत्परता से कार्य करते हुए गोकुलपुरी के डी-ब्लॉक पार्क से आरोपी विजय पुत्र विनोद, उम्र 23 वर्ष, निवासी संजय कॉलोनी, गोकुलपुरी, दिल्ली को गिरफ्तार किया। तलाशी के दौरान उसके कब्जे से एक देसी कट्टा और दो जीवित कारतूस (12 बोर) बरामद किए गए।इस बाबत में थाना गोकुलपुरी में शस्त्र अधिनियम की धारा 25 के अंतर्गत मामला दर्ज कर जांच प्रारंभ की गई। पूछताछ के दौरान आरोपी विजय ने अपना अपराध स्वीकार किया तथा हथियार की प्राप्ति के स्रोत के बारे में जानकारी दी, जिसकी पुष्टि की जा रही है। विस्तृत पूछताछ में यह भी सामने आया कि आरोपी पूर्व में एक लूट के मामले में शामिल रह चुका है। मामले पर तहक़ीक़ात जारी है।
दिल्ली: हाई कोर्ट द्वारा मौजूदा प्रबंधकों को अध्यापकों के बकाया का भुगतान न करने पर अवमानना का दोषी ठहराए जाने के सख़्त आदेश के बाद शिरोमणि अकाली दल की दिल्ली इकाई के प्रमुख सरदार परमजीत सिंह सरना ने दिल्ली कमेटी के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका और उनके सहयोगियों पर तीखा हमला किया है। दिल्ली कमेटी के मौजूदा अध्यक्ष एवं जनरल सेक्रेटरी को गुरु हरकृष्ण पब्लिक स्कूल सोसाइटी द्वारा चलाए जा रहे स्कूलों के शिक्षकों और स्टाफ को छठे और सातवें वेतन आयोग के बकाया की अदायगी के 2021 के अदालत के आदेश की जानबूझकर अवहेलना करने पर दोषी ठहराया गया है। अदालत ने 400 करोड़ रुपये के बकाया की वसूली के लिए फॉरेंसिक ऑडिट और दिल्ली कमेटी तथा जीएचपीएस की संपत्तियों के मूल्यांकन का भी आदेश दिया है। दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष ने अदालत के इस निष्कर्ष की ओर इशारा किया कि मौजूदा अध्यक्ष कालका और उनके साथियों ने शिक्षकों को उनका बकाया माफ़ करने के लिए मजबूर किया और कार्रवाई में देरी करने के लिए झूठे वादे किए।"यह केवल प्रशासनिक गलतियाँ नहीं हैं," उन्होंने कहा। "कालका और उनके गिरोह ने झूठे वादे किए, शिक्षकों को चुप कराने के लिए दबाव डाला, और अब सत्ता से जुड़े होकर बेबसी का रोना रो रहे हैं।"सरना ने घोषणा की कि "दिल्ली कमेटी की हर इंच ज़मीन संगत की है – इसे छुपाने या असफल नेताओं के अहंकार की ढाल बनाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।" उन्होंने मांग की कि सिरसा, कालका और उनके सहयोगियों की संपत्तियों को नीलाम किया जाए, न कि समुदाय की सेवा के लिए बनाई गई दिल्ली कमेटी की संपत्तियों को बेचा जाए। उन्होंने पांच बिंदुओं पर आधारित सवालों के भी उत्तर दिए, जिनका जवाब उन्होंने कहा कि कालका को संगत और क़ानून को देना चाहिए: दिल्ली हाई कोर्ट ने जीएचपीएस मामले में किसे दोषी ठहराया है – और क्यों?
दिल्ली कमेटी को इन कानूनी लड़ाइयों में पक्षकार के रूप में किसने खड़ा किया – क्या यह आपका प्रशासन नहीं था?दिल्ली कमेटी के वकील किसके निर्देश पर अदालत द्वारा नियुक्त मूल्यांकनकर्ता से सहयोग के लिए सहमत हुए?फॉरेंसिक ऑडिटर ने जीएचपीएस स्कूल की संपत्तियों को दिल्ली कमेटी की संपत्ति के रूप में क्यों सूचीबद्ध किया – क्या उन्हें कभी आधिकारिक रूप से अलग किया गया?एडवोकेट मंगेश नाइक द्वारा अर्जी दायर करने के बाद आपकी अगुवाई में दिल्ली कमेटी चार महीने तक चुप क्यों रही – क्या यह पर्दाफाश था या गंभीर लापरवाही?"कालका और उनके साथियों के लिए अब हटने का समय आ गया है," उन्होंने ने निष्कर्ष निकालते हुए कहा कि "वे नैतिक अधिकार खो चुके हैं, उन्होंने कानूनी आधार खो दिया है और लोगों का विश्वास भी। दिल्ली कमेटी कभी भ्रष्ट लोगों का अड्डा नहीं थी – यह सेवा का गढ़ थी।"उन्होंने ने मौजूदा अध्यक्ष को चेतावनी दी कि वह असली मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए अदालती कार्यवाही को तोड़-मरोड़ कर पेश न करें। "कालका सही पंजाबी बोलने के लिए संघर्ष कर रहा है – वह हिंदी और अंग्रेज़ी में अदालती हिस्सों को तोड़-मरोड़ कर पढ़ कर गुमराह करना चाहता था।” प्रदेश अध्यक्ष ने शायराना अंदाज़ में तंज़ कसते हुए कहा, "इधर उधर की बात मत कर, ये बता काफ़िला कैसे लुटा..." इसके साथ ही उन्होंने मांग की कि इस नुकसान की भरपाई मौजूदा अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका की और उनके साथियों की संपत्तियाँ ज़ब्त करके की जाए, जो पिछले 12 वर्षों से स्कूलों के चेयरमैन से लेकर कमेटी के अध्यक्ष तक के पदों पर रहते हुए लूट करते रहे हैं। दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 10 जुलाई को तय की है, जहां सज़ा की मात्रा और अनुपालन की प्रगति की समीक्षा की जाएगी।
दिल्ली: 7 से 8 मई 2025 की रात पाकिस्तान ने उत्तरी और पश्चिमी भारत में स्थित कई सैन्य ठिकानों जैसे अवंतीपोरा, श्रीनगर, जम्मू, पठानकोट, अमृतसर, कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, आदमपुर, बठिंडा, चंडीगढ़, नाल, फलोदी, उत्तरलाई और भुज पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला करने का प्रयास किया। आधिकारिक सूत्रों के। अनुसार इन हमलों को वायु रक्षा प्रणालियों द्वारा निष्क्रिय कर दिया गया। इन हमलों का मलबा कई स्थानों से बरामद हुआ, जो पाकिस्तानी हमलों का प्रमाण है।
पाकिस्तान आधारित सोशल मीडिया हैंडल्स एक वीडियो साझा कर रहे हैं, जिसमें दावा किया गया है कि पाकिस्तान सेना ने जम्मू-कश्मीर के बटाल सेक्टर में भारतीय चौकियों पर हमला किया और कम से कम 12 भारतीय सैनिकों को मार गिराया। पीआईबी फैक्ट चेक के अनुसार यह वीडियो पुराना है एवं ऑपरेशन सिंदूर के बाद की किसी भी गतिविधि से संबंधित नहीं है । इसे 2016 की समाचार रिपोर्ट में भी इस्तेमाल किया गया था ।
दिल्ली: प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने दिल्ली कांग्रेस द्वारा दिल्ली की सभी मदर डेयरियों पर दूध के दामों में 2 रुपये बढ़ोतरी के विरोध में किए जाने वाले प्रदर्शन व हस्ताक्षर अभियान में कहा कि भाजपा की केन्द्र सरकार के अंतर्गत 2014 से 2025 तक खाद्य उत्पादों के साथ अन्य रोजमर्रा की जरुरतों की वस्तुओं में बेहताशा वृद्धि करके यह साबित कर दिया है कि यह सरकार केवल पूंजीपतियों की हितेषी है न कि गरीब व मध्यम वर्ग की। महंगाई का आलम यह है कि घर की सबसे महत्वपूर्ण जरुरत, बच्चो के पोषण का स्रोत दूध भी गरीबों की पहुँच से दूर होता जा रहा है और गरीब अब दाल रोटी खाओ, प्रभु के गुण गाओ जैसी कहावतें भी गरीब के लिए बेमानी नजर आने लगी है।डीडीए मार्केट मदर डेयरी, मिंटो रोड़ नजदीक गांधी मार्केट पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा शामिल विरोध प्रदर्शन में प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष के साथ पूर्व मंत्री हारून यूसूफ, कम्युनिकेशन विभाग के चेयरमैन व पूर्व विधायक अनिल भारद्वाज, जिला अध्यक्ष जावेद मिर्जा, पूर्व पार्षद अशोक जैन, कृष्ण मुरारी जाटव, मौहम्मद उस्मान, डा0 आर.बी. सिंह, मंजूर मलिक और संजय यादव मुख्य रुप से मौजूद थे। मदर डेयरी बूथों पर हजारों कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्ले कार्ड लेकर दूध के दामों की वापसी की मांग करते हुए मदर डेयरियों पर दूध उपभोक्ताओं से बढ़े हुए दामों के विरोध में हस्ताक्षर अभियान भी चलाया।
कांग्रेस शासन के बाद भाजपा के कार्यकाल में 2014 में दूध 48 रुपये प्रति लीटर था वह 44 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 69 रुपये प्रति लीटर हो गया है। जो टमाटर 2014 में 6 रुपये किलो मिलता था व आज 80 रुपये तक पहुॅच गया है, मतलब टमाटर के दामों में 1233 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जो कल्पना से भी परे है। इसी तरह तूर दाल जो 36 रुपये प्रतिकिलो थी वह अब 344 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 160 रुपये हो गई है। आलू 8 रुपये से 300 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 32 रुपये प्रतिकिलो मिल रहा है। प्याज जो 10 रुपये प्रतिकिलो थी वह 600 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ 70 रुपये प्रति किलो तक पहुॅच गई। आटा जो 2014 में 21 रुपये प्रति किलो था वह आज 98 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 40 रुपये प्रति किलो हो गया है। सरसों का तेल 2014 में 105 रुपये प्रति लीटर था जो 81 प्रतिशत बढ़ोतरी के बाद 2024 में 190 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है।प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ने कहा कि खाद्य वस्तुओं के साथ साथ रसोई गैस, पेट्रोल, डीजल, सीएनजी और पीएनजी की दरों में भी बेहताशा वृद्धि हुई है। रसोई गैस 450 रुपये से बढ़कर 850 हो गया है जिसमें 110 प्रतिशत की वृद्धि हुई। पेट्रोल 68 रुपये से बढ़कर 104 रुपये और डीजल 55.48 रुपये प्रतिलीटर में लगभग 59 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 88.05 रुपये प्रति लीटर पहुॅच गया। जबकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार गिरावट बनी रही। सरकार ने एक्साइज ड्यूटी और वेट में बेहताशा वृद्धि करके जनता पर अतिरिक्त बोझ डाला है। भाजपा के शासन काल में आम आदमी को घर चलाना मुश्किल हो गया है क्योंकि न थाली में खाना है और न जेब में पैसा है। महंगाई की मार और बेरोजगारी की आग में जनता दो तरफा संकट में फंसी है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को केवल और केवल अमीरों की चिंता है इसलिए उनको गरीब और मध्यम वर्ग के आंसू दिखाई नही देते। महंगाई की मार खाद्य उत्पादों व अन्य आवश्यकत वस्तुओं के साथ दवाईयों पर भी पड़ी है क्योंकि गरीब आवश्यक दवाईयां महंगी होने के कारण बीमारियों से मरने को मजबूर है। अब कैंसर, हृदय रोग, डायबिटिज, एंटी बायटिक दवाईयां भी गरीब अब खरीद नही सकता क्योंकि हाल ही में एनपीपीए ने सूचित दवाईयों के दामों में 10.7 प्रतिशत वृद्धि की अनुमति दे दी है। दवाईयों के दामों बेहताशा बढ़ोत्तरी के साथ बाजार में नकली दवाईयों का कारोबार भी गर्म है, नकली दवाईयां असली दवाईयों की पैकिंग के बार कोड के साथ खुले आम बिक रही है।
दिल्ली: केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आज एक संयुक्त प्रेसवार्ता कर वक़्फ़ बोर्ड जनजागरण अभियान को लेकर विपक्ष द्वारा मुस्लिम समुदाय में फैलाए जा रहे भ्रम की निंदा की और कहा कि विपक्ष एक बार फिर से वक़्फ़ बोर्ड के नाम पर ग़लत जानकारी देकर एक विशेष समुदाय को भड़काने का काम कर रहा है। प्रेसवार्ता में प्रदेश महामंत्री विष्णु मित्तल, वरिष्ठ भाजपा नेता आतिफ रशीद और दिल्ली भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष अनीश अब्बासी उपस्थित थे।
केंद्रीय मंत्री का मानना है कि देश की प्रगतिशिल यात्रा का एक महत्वपूर्ण पड़ाव वक्फ बोर्ड कानून है जो मोदी सरकार द्वारा संसद में पारित करवा कर कानून बनाया गया है। यह पहली बार नहीं है क्योंकि इससे पहले भी वक्फ में परिवर्तन हुए हैं। 2013 से पहले कांग्रेस के समय में वक्फ में बदलाव हुए हैं। सरकार ने जिस प्रकार से यह बिल जेपीसी को भी भेजा और जेपीसी का कन्सल्टेशन दर्शाता है कि सबका साथ सबका विकास वाली सरकार सभी उद्देश्यों को इस बिल में समाहित कर रही है। विपक्ष द्वारा वक्फ से मुसलमानों के अधिकार समाप्त होने जैसा भ्रम फैलाया जा रहा है। अपने धार्मिक कार्यों की गतिविधियों के लिए एक ट्रासपैरेंट और संवैधानिक दायरों के अंदर होना चाहिए। इसलिए वक्फ को क्रिएट करने का, मैनेज करने का और उसको रेगुलेट करने का अधिकार वक्फ सुधार कानून के बाद मुसलमानों के हित में सुरक्षित है।
दिल्ली: कांग्रेसी नेताओं द्वारा हो रही बयानबाजी को सत्ता के लिए सामाजिक न्याय का स्वांग बताते हुए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लिया गया जातिगत जनगणना का निर्णय सामाजिक न्याय के प्रति एनडीए की कटिबद्धता का प्रमाण है । फैसला यकायक नहीं लिया बल्कि पिछले 11 वर्षों से समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलने की नीति का तार्किक एवं सिद्धांतिक विस्तार है । कांग्रेस ने काका कलेकर कमेटी की पिछड़े वर्ग से संबंधित रिपोर्ट को बरसों तक दबाये रखा । 1977 में जानता पार्टी सरकार ने मंडल कमीशन का गठन किया ।
उन्होंने बताया की पहली बार भाजपा शासन काल में ओबीसी आयोग को संविधानिक दर्जा मिला । बड़ी संख्या में वंचित वर्गों को प्रतिनिधित्व मिला अब चाहें केंद्र हो या भाजपा शासित राज्य सरकारें मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद या फिर विधायक । यह सब सामाजिक न्याय के प्रति प्रतिबधता का प्रमाण है । जिसकी अगुवाही स्वयं प्रधानमंत्री कर रहे हैं । आजादी के बाद से अबतक की जनगणनाओं में जातिगत आँकड़े नहीं जुटाए गए । 2021 में जनगणना प्रस्तावित थी जो कोविड महामारी के करण स्थगित हो गई । अब सरकार ने सैद्धांतिक निर्णय लिया है कि जनगणना में जातिगत गणना भी शामिल होगी ।
1931 में पहली बार जातिगत जनगणना हुई थी । 1941 में ब्रिटिश हकूमत ने इसे नहीं होने दिया । स्वतंत्रता के बाद 1951 में पहली बार जनगणना होनी थी । तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू जातिगत जनगणना के विरोधी थे । उन्होंने राज्य सरकारों को इस बाबत खत भी लिखे । उनका मानना था इससे गुणवत्ता में असर पड़ेगा ।
दिल्ली: केंद्र द्वारा जातिगत जनगणना को जनगणना में शामिल किए जाने का स्वागत करते हुए लोकसभा के नेता विपक्ष राहुल गाँधी ने बताया कि वह और उनकी पार्टी पहले दिन से ही इसकी माँग कर रहे थे । इस मुद्दे को विपक्ष द्वारा समय समय पर उठाया जाता रहा है एवं इस बाबत प्रधानमंत्री को खत भी प्रेषित किया गया । लेकिन प्रधानमंत्री सामाजिक न्याय की इस नीति को लागू करने से बचते रहे और विपक्ष पर समाज को बांटने का झूठा आरोप लगाते रहे।
उनका मानना है कि जातिगत जनगणना के अभाव में, सार्थक सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण कार्यक्रमों का क्रियान्वयन अधूरा है, इसीलिए ये सभी वर्गों के लिए ज़रूरी है। जनगणना के लिए इस साल के बजट में भी केवल ₹575 करोड़ का आवंटन है, इसलिए ये सवाल मुनासिब है कि सरकार इसको कैसे और कब पूरा करेगी। उनकी पार्टी ने माँग की है कि मोदी सरकार जल्द से जल्द, बजट का प्रावधान कर, जनगणना और जातिगत जनगणना का काम पूरी पारदर्शिता के साथ चालू करे। हिस्सेदारी न्याय के बिना सबकी प्रगति अधूरी है।
अकबर रोड स्थित कांग्रेस कार्यालय में पत्रकारों से रूबरू होकर बोले राहुल गाँधी देश में आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा हटाने की मांग भी दोहराई। उन्होंने याद दिलाया कि कांग्रेस पार्टी ने संसद में कहा था कि वे जाति जनगणना कराकर रहेंगे और 50 प्रतिशत की सीमा को भी हटाएंगे। साथ ही की जाति जनगणना कराने में अपनी पार्टी के सहयोग की पेशकश । उन्होंने तेलंगाना को जाति जनगणना के लिए एक मॉडल बताते हुए कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार पहले ही जाति जनगणना करा चुकी है।
उन्होंने कहा कि तेलंगाना मॉडल को पूरे देश में जाति जनगणना के लिए ब्लूप्रिंट के रूप में अपनाया जा सकता है। हालांकि बिहार में भी जाति जनगणना की गई थी, लेकिन दोनों जनगणनाओं में बहुत अंतर था। उन्होंने कहा कि तेलंगाना में जाति जनगणना के दौरान पूछे जाने वाले प्रश्न हितधारकों से सलाह करके तैयार किए गए थे, और यह एक बहुत विस्तृत प्रक्रिया थी।जाति जनगणना देश में विकास के नए प्रतिमान की ओर पहला कदम होगी।तेलंगाना सरकार ने पहले ही आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा हटाने और राज्य में संविधान के अनुच्छेद 15(5) को लागू करने जैसे कदम उठाए गए हैं।
जाति जनगणना से यह पता चलेगा कि पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों की देश में कितनी भागीदारी है। यह पहला कदम है, लेकिन हमें और आगे जाना है। हमें पता लगाना है कि देश की संस्थाओं और सत्ता संरचना में इन लोगों की कितनी भागीदारी है। निजी शिक्षण संस्थानों में आरक्षण के लिए अनुच्छेद 15(5) को लागू करने की भी मांग की। उन्होंने सरकार से जाति जनगणना के लिए धन आवंटित करने और इस संबंध में अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत करने की मांग की।