नई दिल्ली 17, May 2025

लेख

1 - ऑपरेशन सिंदूर न्याय की अखंड प्रतिज्ञा

2 - देश के लोकतंत्र को मज़बूत करने के लिए बाबा साहिब का अमूल्य योगदान

3 - दिल्ली सरकार के 100,000करोड़ से क्षेत्र में उन्नति की संभावनाओं को मिलेगी मजबूती

4 - दशक के बाद बिखरा झाड़ू 27 साल बाद खिला कमल फिर एक बार

5 - स्वर्णिम भारत,विरासत और इतिहास पर आधारित इस बार का गणतंत्र दिवस समारोह

6 - महाराष्ट्र में फिर एक बार लहराया बीजेपी का परचम

7 - तमाम कवायदों के बावजूद बीजेपी तीसरी बार हरियाणा में सरकार बनाने को अग्रसर

8 - श्रॉफ बिल्डिंग के सामने कुछ इस अंदाज से हुआ लाल बाग के राजा का स्वागत

9 - प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के सदस्यता ग्रहण करने के साथ ही शुरू हुआ बीजेपी का सदस्यता अभियान

10 - देश के सीमांत इलाकों में तैनात सैनिकों में भी दिखा 78 वें स्वतंत्रता दिवस का जज्बा

11 - २०२४-२५ के बजट को लेकर सियासत विपक्ष आमने सामने

12 - एक बार फिर तीसरी पारी खेलेंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी

13 - केजरिवाल के जमानत पर रिहा होने पर शुरु हुई नई कवायदें

14 - मतदान की दर धीमी आखिर माजरा क्या

15 - क्यूं चलाना चाहते हैं केजरीवाल जेल से सरकार

16 - 2004-14 के मुकाबले 2014-23 में वामपंथी उग्रवाद-संबंधित हिंसा में 52 प्रतिशत और मृतकों की संख्या में 69 % कमी

17 - कर्तव्य पथ दिखी शौर्य की झलक

18 - फ़ाइनली राम लल्ला अपने आशियाने में हो गये हैं विराजमान

19 - राजस्थान का ऊँट किस छोर करवट लेगा

20 - एक बार फिर गणपति मय हुई माया नगरी मुंबई

21 - पत्रकारिता की आड़ में फर्जीवाड़े के खिलाफ एनयूजे(आई) छेड़ेगी राष्ट्रव्यापी मुहीम

22 - भ्रष्टाचार, तुस्टिकरण एवं परिवारवाद विकास के दुश्मन

23 - एक बार फिर शुरू हुई पश्चिम बंगाल में रक्त रंजित राजनीति

24 - नहीं होगा बीजेपी के लिऐ आसान कर्नाटक में कांग्रेस के चक्रव्यूह को भेद पाना

25 - रद्द करने के बाद भी नहीं खामोश कर पायेंगे मेरी जुबान

26 - उत्तर-पूर्वी राज्यों के अल्पसंख्यकों ने एक बार फिर बीजेपी पर जताया भरोसा

27 - 7 लाख तक की आमदनी टैक्स फ्री

28 - गुजरात में फिर एक बार लहराया बीजेपी का परचम

29 - बीजेपी आप में काँटे की टक्कर

30 - सीमित व्यवस्था के बावजूद धूम-धाम से हो रही है छट माइय्या की पूजा

31 - जहाँ आज भी पुजा जाता है रावण

32 - एक बार फिर माया नगरी हुई गणपतिमय

33 - एक बार फिर लहराया तिरंगा लाल किले की प्राचीर पर

34 - बलवाइयों एवं जिहादियों के प्रति पनपता सहनभूतिक रुख

35 - आजादी के अमृत महोत्सव की कड़ी के रूप में मनाया जा रहा है 8 वाँ विश्व योग दिवस

36 - अपने दिग्गज नेताओं को नहीं संभाल पाई कांग्रेस पार्टी

37 - ज्ञान व्यापी मस्जिद के वजु घर में शिवलिंग मिलने से विवाद गहराया

38 - आखिर क्यूँ मंजूर है इन्हे फिर से वही बंदिशें.....

39 - पाँच में से चार राज्यों में लहराया कमल का परचम

40 - पेट्रोलियम, फर्टिलाइजर एवं खाद्य सामाग्री पर मिलने वाली राहत में लगभग 27 फीसदी की कटौती

41 - जे&के पुलिस के सहायक उप निरीक्षक बाबूराम शर्मा मरणोपरांत अशोक चक्र से संमानित

42 - आखिर कौन होंगे सत्ता के इस महाभोज के सिकंदर

43 - ठेके आन फिटनेस सेंटर ऑफ छा गए केजरीवाल जी तुस्सी

44 - मुख्य सुरक्षा अधिकारी हुए पंचतत्वों विलीन

45 - दिल्ली में यमुना का पानी का बीओडी लेवेल 50 के पार

46 - फूक के कदम रखिए वरना हो सकता है आपका भी अगला नंबर

47 - महंत नरेंद्र गिरी की मौत पर लगे सवालिया निशान

48 - अकाली दल बादल ने लगाई हैट्रिक

49 - सबके साथ,सबके विकास,सबके विश्वास एवं सबके प्रयास से ही लक्ष्य प्राप्ति संभव

50 - जबरन कराया गया बच्ची का अंतिम संस्कार

सफल टैलेंट स्काउटिंग इवेंट ने पूरे भारत से छात्रों आकर्षित


दिल्ली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी ने 6 और 7 मई, 2025 को त्यागराज स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में अपना वार्षिक टैलेंट स्काउटिंग इवेंट सफलतापूर्वक आयोजित किया। इस वर्ष के आयोजन में भारत भर के 10 से अधिक राज्यों से प्रभावशाली भागीदारी देखी गई, जो दिल्ली स्पोर्ट्स स्कूल की तेज़ी से बढ़ती मान्यता को दर्शाता है।
दो दिवसीय कार्यक्रम का उद्देश्य कक्षा 6वीं से 9वीं और 11वीं के छात्रों के लिए परीक्षण आयोजित करना था। पहले दिन बॉक्सिंग, तैराकी, भारोत्तोलन और कुश्ती के लिए लेवल 1 और लेवल 2 टेस्ट पूरा करने पर ध्यान केंद्रित किया गया, जबकि दूसरे दिन तीरंदाजी, शूटिंग, टेबल टेनिस और लॉन टेनिस के लिए टेस्ट शामिल थे।  दोनों दिन एथलेटिक्स और बैडमिंटन के ट्रायल आयोजित किए गए, जिन्हें कक्षा-वार विभाजित किया गया - कक्षा 6, 7 और 11 के लिए पहला दिन और कक्षा 8 और 9 के लिए दूसरा दिन। युवा खेल प्रेमियों ने इन सभी विषयों में अपने कौशल का प्रदर्शन बड़े उत्साह के साथ किया।
प्रतिभागियों ने एक व्यापक मूल्यांकन प्रक्रिया से गुज़रा जिसमें उन्नत उपकरणों और तकनीकों का उपयोग करके आयोजित 11 मोटर गुणवत्ता परीक्षण शामिल थे, साथ ही खेल-विशिष्ट मूल्यांकन भी किए गए। इस कठोर दृष्टिकोण का उद्देश्य भारत में खेलों के मानक को बढ़ाने के दिल्ली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी के मिशन के अनुरूप उभरती हुई खेल प्रतिभाओं की पहचान करना और उनका पोषण करना था।
सकारात्मक माहौल को और बढ़ाते हुए, कई छात्रों के साथ उनके माता-पिता या अभिभावक भी थे, जिन्होंने ट्रायल देखा और प्रतिभागियों के लिए किए गए सुचारू संचालन और विचारशील व्यवस्थाओं की सराहना की। सुव्यवस्थित प्रक्रिया और एथलीट-अनुकूल वातावरण की सभी उपस्थित लोगों ने व्यापक रूप से प्रशंसा की।
यह कार्यक्रम युवा एथलीटों के लिए अपनी क्षमता दिखाने के लिए एक मंच और प्रतिष्ठित दिल्ली स्पोर्ट्स स्कूल में प्रवेश पाने का मार्ग दोनों के रूप में कार्य करता है।  स्कूल एक एकीकृत कार्यक्रम प्रदान करता है जिसमें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, आवासीय सुविधाएँ और विश्व स्तरीय खेल अवसंरचना तक पहुँच शामिल है - इन सभी का उद्देश्य भारत में खेल आइकन की अगली पीढ़ी का पोषण करना है।
दिल्ली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी युवा एथलीटों को समर्थन और सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, यह सुनिश्चित करते हुए कि उन्हें अपने चुने हुए खेलों में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए आवश्यक मार्गदर्शन और संसाधन प्राप्त हों।

दिल्ली के गुरुघरों को बदनाम करने का नया तरीका ढूंढ निकाला है सरना-जीके ने : कालका - कहलो

 

दिल्ली: गुरुद्वार रकाब गंज परिसर में कुकर्म के मामले में खुलकर बोले दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका एवं महासचिव जगदीप सिंह कहलो कहा कि मंजीत सिंह जीके और परमजीत सिंह सरना हमेशा श्री अकाल तख्त साहिब और पंथक मर्यादा को ठेस पहुंचाते आए हैं। उन्होंने दिल्ली के गुरुघरों को बदनाम करने का नया तरीका ढूंढ निकाला है। जिस मामले की बात कर वे मौजूदा कमेटी को बदनाम कर रहे हैं, वह गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब से जुड़ा है। हम बताना चाहते हैं कि जैसे ही यह मामला हमारे ध्यान में आया, हमने तुरंत कार्रवाई करते हुए दोषियों को निलंबित किया और एक जांच कमेटी बना दी है, जिसकी रिपोर्ट आने पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। 

उनका मानना कमेटी के पूर्व अध्यक्ष मंजीत सिंह जी.के. उनके खिलाफ दर्ज चार भ्रष्टाचार मामलों में चार्जशीट दाखिल होने से बौखलाए हुए हैं। जी.के. और परमजीत सिंह सरना मिलकर कमेटी की कौमी संपत्तियों को बेचने के लिए उतावले हो रहे हैं, लेकिन मौजूदा कमेटी की टीम कौमी संपत्तियों की हर कीमत पर रक्षा करेगी। कमेटी के खातों से 10 लाख रुपये की नकद निकासी, 1 लाख कनाडा डॉलर की हेराफेरी, और अपनी बेटी व दामाद की कंपनी के नाम पर कमेटी से व्यापार करने समेत 4 मामलों में मंजीत सिंह जी.के. के खिलाफ चार्जशीटें दाखिल हो चुकी हैं और मामलों की सुनवाई शुरू हो चुकी है, जिनमें उन्हें सजा मिलनी तय है।

आदर्श नगर जिला कांग्रेस की www.adarshnagardcc.in वेबसाईट लॉच

दिल्ली: संगठन सृजन अभियान के तहत पार्टी को बूथ स्तर मजबूती देने के लिए आज दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव के नेतृत्व में सभी 14 जिलों में कार्यकारिणी की मासिक बैठक हुईं। जिला अध्यक्षों की अध्यक्षता में आयोजित लगभग आधा दर्जन बैठकों में प्रदेश अध्यक्ष श्री देवेन्द्र यादव शामिल हुए। आज सभी जिला और ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों की कार्यकारिणी भंग कर दी गई और जल्द नई कार्यकारिणी के गठन करने का निर्देश भी दिया गया।
आदर्श नगर जिला कांग्रेस कमेटी की बैठक में  प्रदेश  अध्यक्ष  ने राजीव गांधी जनसेवा केन्द्र का उद्घाटन एवं आदर्श नगर जिला कांग्रेस की www.adarshnagardcc.in वेबसाईट भी लॉच की। जिला अध्यक्ष  सिद्धार्थ राव की अध्यक्षता में कांग्रेस परिवार आपके द्वार के तहत राजीव गांधी जनसेवा केन्द्र के अंतर्गत सभी सभी दिल्ली सरकार, पुलिस संबधी, डीडीए की योजनाओं और सेवाओं का लाभ हर गरीब, वंचित और जरुरतमंद तक पहुँचाने में दिल्ली की जनता की हर संभव मदद की जाएगी। इनमें प्रमाण पत्र व दस्तावेज बनाने की सेवा हो, युवाओं के शिक्षा संबधी सेवा हो, सामाजिक सुरक्षा, कल्याण व नागरिक सेवा, छात्रवृति जैसी दिल्ली सरकार की सभी योजनाओं का लाभ शामिल है। आदर्श  नगर जिला कांग्रेस की तरह राजीव गांधी जनसेवा केन्द्र जल्द सभी जिलों में भी खोले जाऐंगे।
 प्रदेश अध्यक्ष ने बैठक में उपस्थित जिला पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने, संगठन को मजबूत और सुदृढ बनाकर कैसे आगे बढ़ाना है और कांग्रेस अध्यक्ष श्री मल्लिकार्जुन खड़गे और जन नेता श्री राहुल गांधी के संघर्षशील व्यक्तित्व और विचारों सहित पार्टी की गाईड लाईन पर चर्चा की।
संगठन में सक्रिय रुप से काम करने वाले कार्यकर्ता को आगे बढ़ने का हर स्तर पर मौका दिया जाऐगा, कोई भी कार्यकर्ता अपने को छोटा न समझे क्योंकि कांग्रेस पार्टी में सबको समान अवसर और बराबरी का अधिकार है। 12 वार्डों पर निगम के उप चुनाव होने हैं, हमें निगम में अपनी गिनती पर ध्यान न देकर क्षेत्र में कांग्रेस संगठन के साथ अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने का प्रयास करना है। संगठन की उपयुक्त सक्रियता के लिए लोकसभा प्रभारी और जिला आर्ब्जवर की नियुक्ति हमने इसलिए की है, कि जिला नियंत्रित ब्लाक के तहत बनने वाले मंडल और सेक्टर के अध्यक्ष वो लोग बनें जो पार्टी के लिए पूरी तरह समर्पित हो। पद लेकर घर में बैठने वालों के लिए पार्टी में कोई जगह नही है।
 सभी जिला व ब्लाक अध्यक्षों को निर्देश दिए  गए हैं कि जल्द से जल्द मंडल और सेक्टरों के क्षेत्रों का निर्धारण और नामकरण करके गठन करें। औसतन एक ब्लाक में 40-50 पोलिंग बूथ है। 20-25 बूथों पर एक मंडल और 5-7 बूथां पर एक सेक्टर का गठन करना होगा। एक ब्लाक में दो मंडल और 4-5 सेक्टरों का गठन करें। मंडल/सेक्टर का नाम क्षेत्र की मुख्य कॉलोनी, मुख्य सड़क या गांव के नाम पर रख सकते हैं। ब्लाक, मंडल और सेक्टरों के नाम अलग अलग होने चाहिए। मंडल/सेक्टर के क्षेत्र का विभाजन करते हुए यह भी ध्यान रखें कि विभाजित करने वाली सड़कों, कॉलोनियां व ब्लाक को समाजित न किया जाए।
प्रदेश अध्यक्ष के  अनुसार कि मंडल/सेक्टरों का विभाजन के लिए जिला पदाधिकारियों की बैठक बुलाई जाए। इसमें जिला अध्यक्ष, जिला पर्यवेक्षक, ब्लाक अध्यक्ष, पूर्व विधायक, एआईसीसी डेलीगेट, प्रदेश डेलीगेट, निगम पार्षद, पूर्व निगम पार्षद, विधानसभा व निगम प्रत्याशी सहित बीएलए-1 की मौजूदगी अनिवार्य होनी चाहिए।  

पहले एमसीडी डोर-टू-डोर कूड़ा उठाए फिर रिहायशी-व्यवसायिक प्रॉपटी पर यूजर चार्ज:अंकुश नारंग

दिल्ली: रिहायशी एवं व्यवसायिक प्रॉपर्टी पर लगाये गए यूजर चार्जेज के खिलाफ आगामी  21 मई को होने वाले एमसीडी सत्र में प्रस्ताव को पास करवाने  का प्रयास करेगी आम आदमी पार्टी । एमसीडी में नेता विपक्ष अंकुश नारंग के अनुसार यूजर चार्ज इसलिए नहीं लगने चाहिए, क्योंकि 12 जोन में मौजूद हमारे कंसेशनरी डोर-टू-डोर कूड़ा नहीं उठाते। 60 से 70 फीसद कूड़ा डोर-टू-डोर उठता है और उसे प्राइवेट लोग उठाते हैं। उन प्राइवेट लोगों को पैसे घर के मालिक या व्यवसाय के मालिक देते हैं।

अभी तक इन 12 जोन के कंसेशनरियों और प्राइवेट लोगों के बीच कोई समन्वय नहीं बन पाया है।  अभी तक एमसीडी सभी ढलावों को बंद करने में विफल रही है और ढलावों के आसपास खूब सारा कूड़ा जमा होता है, जिससे वातावरण प्रदूषित होता है और बदबू के कारण लोगों का वहां रहना और निकलना मुश्किल हो जाता है। साथ ही, एफसीटीएस के आसपास भी इतना कूड़ा एकत्रित होता है कि लोगों का वहां से गुजरना कठिन हो जाता है। इसके अलावा, दिल्ली में कई वल्नरेबल पॉइंट्स हैं, जहां कूड़ा इकट्ठा होता है। एमसीडी न तो ढलावों को खत्म कर पाई है, न ही एफसीटीएस के पास कूड़े को हटा पाई है और न ही रिहायशी इलाकों में वल्नरेबल पॉइंट्स पर कूड़े को समाप्त कर पाई है।  

भाजपा शासित एमसीडी अभी तक सफाई व्यवस्था को दुरुस्त नहीं कर पाई है। अगर सफाई व्यवस्था दुरुस्त होती, तो मेगा सफाई अभियान चलाने की जरूरत नहीं पड़ती। जब तक 100 फीसदी सफाई व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो जाती, तब तक किसी पर भी यूजर चार्ज नहीं लगना चाहिए। लोग बहुत परेशान हैं। लोगों का कहना है कि अगर उनका हाउस टैक्स 800 या 850 रुपये है, तो उन्हें 1,000 रुपये यूजर चार्ज देना पड़ रहा है। किसी का प्रॉपर्टी टैक्स 2,500 से 3,000 रुपये है, तो उसे 5,000 रुपये यूजर चार्ज देना पड़ता है। यह सही नहीं है। यह दिल्ली के निवासियों और व्यापारियों पर वित्तीय बोझ है और ऐसा नहीं होना चाहिए।  

उनका मानना है कि जब तक एमसीडी 100 फीसद डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने में सक्षम नहीं हो जाती, तब तक यूजर चार्ज लगाने का कोई अधिकार नहीं है। जब तक ढलाव, वल्नरेबल पॉइंट्स और एफसीटीएस के आसपास कूड़ा खत्म नहीं होता, तब तक एमसीडी को किसी भी निवासी या व्यवसायी पर यूजर चार्ज लगाने का हक नहीं है। हमने यह प्रस्ताव रखा है। मजेदार बात यह है कि जब राजा इकबाल 25 अप्रैल को महापौर बने, तो उन्होंने अपने पहले संबोधन में कहा था कि यूजर चार्ज वापस लेंगे। लेकिन एक महीना होने को है और उन्होंने न तो यूजर चार्ज वापस लिया और न ही इस पर कोई बात की।  

 इस संदर्भ में पहले भी कमिश्नर अश्विनी कुमार और महापौर को चिट्ठी लिखी गई थी।  6 मई को चिट्ठी भेजी थी और आज 10 दिन हो गए, लेकिन न तो महापौर और ना ही कमिश्नर ने कोई जवाब दिया है। अगर नेता विपक्ष की चिट्ठी का जवाब नहीं देते हैं, तो दिल्ली की जनता की बात क्या ही सुनते होंगे और क्या ही कार्रवाई करते होंगे? अगर यूजर चार्ज को लेकर नेता प्रतिपक्ष की की चिट्ठी कूड़े में फेंकी जा रही है, तो आम जनता की शिकायतों का क्या हाल होगा?  महापौर व कमिश्नर से निवेदन है कि यूजर चार्ज तुरंत वापस लिया जाए। अगर वे ऐसा नहीं करते, तो हम सदन में प्रस्ताव के जरिए अपनी बात रखेंगे और सड़क से सदन तक इस मुद्दे को उठाएंगे। हम दिल्ली की जनता के साथ एमसीडी द्वारा यूजर चार्ज के माध्यम से हो रहे अन्याय को नहीं होने देंगे।  

गुरु घरों में हो रहे कुकर्मों पर अंकुश लगाने में प्रबंधन फेल

दिल्ली: गुरु घरों के अंदर कुछ लोग कुकर्म कर रहे हैं और सब कुछ  जानते हुए हुए भी मौजूदा गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी पर ना तो अंकुश लगा पा रही है और ना ही कुकर्मियों के खिलाफ कार्यवाही हो रही है । गुरुद्वारा रकाब गंज स्थित शिरोमणि अकाली  दल के दिल्ली प्रदेश कार्यालय में  84 सेवा दल के प्रधान अवतार सिंह ने प्रदेश अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना जो की दिल्ली प्रबंधन कमेटी के प्रधान भी रह चुके हैं  एवं अन्य की मौजूदगी में पत्रकारों को किए गए एक खुलासे के अनुसार ऐतिहासिक स्थल गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब के लंगर हॉल से सटे एक कमरे में कमेटी के एक ज़िम्मेदार कर्मचारी द्वारा कुकर्म किए जाने की खबर हमारी संस्था को मिली थी, जिसके बारे में हम सतर्क रहते हुए लगातार चार हफ्ते निगरानी करते रहे। चार हफ्तों बाद उक्त कर्मचारी को एक महिला के साथ कुकर्म करते रंगे हाथों पकड़ा गया। इस घटना के सबूत के रूप में  वीडियो रिकॉर्डिंग भी मौजूद है।
यदि उनकी सुनी  जाए तो मौके पर गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब के मैनेजर समेत अन्य कर्मचारी भी वहां पहुंच गए और बातचीत के बाद उक्त व्यक्ति, जो कमेटी का ही मुलाजिम है, को सस्पेंड कर दिया गया। संगत स्वयं सोच सकती है कि ऐसे कुकर्म की सज़ा सिर्फ सस्पेंड करना है?वह चाहते थे कि उक्त दोषी की सेवाएं समाप्त की जाएं और धार्मिक भावनाएं भड़काने का मामला दर्ज किया जाए। लेकिन कमेटी द्वारा मामले को ठंडे बस्ते में डालने के प्रयास होते रहे। कमेटी के जनरल सेक्रेटरी जगदीप सिंह काहलों द्वारा दो दिन बाद हमें अपने दफ्तर बुलाकर धमकाया गया और कमेटी में नौकरी देने का लालच भी दिया गया।
प्रबंधन कमेटी के पूर्व प्रधान सरदार परमजीत सिंह सरना ने विषय में पूरा सहयोग  देने  का आश्वासन दिया है। इस संबंध में शिकायत श्री अकाल तख्त साहिब को सौंपी जाएगी ।  कुकर्मी मुलाजिम समेत, उसे संरक्षण देने वाले दिल्ली कमेटी के पदाधिकारियों व संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ पंथक परंपराओं के अनुसार कार्रवाई की मांग की जाएगी ।

अवैध हथियार के साथ व्हाट्सएप स्टेटस लगाने वाला गिरफ्त में

दिल्ली: व्हाट्सएप स्टेटस पर अवैध हथियार के साथ फोटो लगाने वाले को थाना गोकलपुरी थाने की टीम ने कुछ ही घंटों में किया गिरफ्तार आरोपी के कब्जे से एक देशी कट्टा व 02 जिन्दा कारतूस (12 बोर) बरामद। आरोपी पहले भी एक लूट के मामले में र्संलिप्त पाया गया । संवेदनशील झुग्गी-झोपड़ी (JJ) क्लस्टरों में अपराध पर अंकुश लगाने, उभरते अपराधियों की पहचान करने, अवैध गतिविधियों की निगरानी करने तथा सत्यापन अभियानों को क्रियान्वित करने हेतु JJ क्लस्टर समितियों का गठन किये जाने के क्रम में, गोकुलपुरी स्थित संजय कॉलोनी क्षेत्र में एक समिति का गठन किया गया था ।  

संजय कॉलोनी के एक निवासी द्वारा अपने व्हाट्सएप स्टेटस पर अवैध हथियार के साथ फोटो लगाने की सूचना JJ क्लस्टर समिति के एक सदस्य द्वारा प्रदान की गई। सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए, ACP/गोकुलपुरी के पर्यवेक्षण में निरीक्षक परवीन कुमार, थानाध्यक्ष  गोकुलपुरी, के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई। इस टीम में HCs अनिल, अनुज व सिपाही रोहित, प्रवीन और हितेश शामिल थे, जिनका उद्देश्य सूचना का विकास करना और हथियार व गोला-बारूद की बरामदगी सुनिश्चित करना था।

टीम  ने तत्परता से कार्य करते हुए गोकुलपुरी के डी-ब्लॉक पार्क से आरोपी विजय पुत्र विनोद, उम्र 23 वर्ष, निवासी संजय कॉलोनी, गोकुलपुरी, दिल्ली को गिरफ्तार किया। तलाशी के दौरान उसके कब्जे से एक देसी कट्टा और दो जीवित कारतूस (12 बोर) बरामद किए गए।इस बाबत में थाना गोकुलपुरी में शस्त्र अधिनियम की धारा 25 के अंतर्गत मामला दर्ज कर जांच प्रारंभ की गई। पूछताछ के दौरान आरोपी विजय ने अपना अपराध स्वीकार किया तथा हथियार की प्राप्ति के स्रोत के बारे में जानकारी दी, जिसकी पुष्टि की जा रही है। विस्तृत पूछताछ में यह भी सामने आया कि आरोपी पूर्व में एक लूट के मामले में शामिल रह चुका है। मामले पर तहक़ीक़ात जारी है।

भूल चुक माफ़ IMDb की सबसे प्रतीक्षित फिल्मों की सूची में शीर्ष पर

दिल्ली : राजकुमार राव और वामिका गब्बी अभिनीत भूल चुक माफ़ IMDb की सबसे प्रतीक्षित फिल्मों की सूची में है शीर्ष पर । फ़िल्म ने सिनेमा प्रेमियों के बीच काफी उत्साह पैदा किया है, जिसका सबूत हाल ही में IMDb की सबसे प्रतीक्षित फिल्मों की सूची में शीर्ष पर आने की इसकी उपलब्धि है। IMDb से यह प्रतिष्ठित मान्यता भारतीय और वैश्विक दर्शकों के बीच फिल्म की व्यापक चर्चा और बढ़ती लोकप्रियता का एक मजबूत संकेतक है।
 
करण शर्मा द्वारा निर्देशित, यह पारिवारिक मनोरंजन वाराणसी की जीवंत पृष्ठभूमि पर रोमांस, हास्य और टाइम-लूप ट्विस्ट का एक अनूठा मिश्रण पेश करता है।अमेज़ॅन एमजीएम स्टूडियो के सहयोग से दिनेश विजन की मैडॉक फिल्म्स द्वारा निर्मित, भूल चुक माफ़ स्टूडियो की आकर्षक और अभिनव सिनेमा देने की परंपरा को जारी रखती है।

वर्तमान एवं भूतपूर्व अध्यक्ष की संपत्तियों की नीलामी हो ना कि दिल्ली कमेटी की जमीन की :सिरसा

दिल्ली: हाई कोर्ट द्वारा मौजूदा प्रबंधकों को अध्यापकों के बकाया का भुगतान न करने पर अवमानना का दोषी ठहराए जाने के सख़्त आदेश के बाद शिरोमणि अकाली दल की दिल्ली इकाई के प्रमुख सरदार परमजीत सिंह सरना ने दिल्ली कमेटी के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका और उनके सहयोगियों पर तीखा हमला किया है। दिल्ली कमेटी के मौजूदा अध्यक्ष एवं  जनरल सेक्रेटरी को गुरु हरकृष्ण पब्लिक स्कूल सोसाइटी द्वारा चलाए जा रहे स्कूलों के शिक्षकों और स्टाफ को छठे और सातवें वेतन आयोग के बकाया की अदायगी के 2021 के अदालत के आदेश की जानबूझकर अवहेलना करने पर दोषी ठहराया गया है। अदालत ने 400 करोड़ रुपये के बकाया की वसूली के लिए फॉरेंसिक ऑडिट और दिल्ली कमेटी तथा जीएचपीएस की संपत्तियों के मूल्यांकन का भी आदेश दिया है। दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष ने अदालत के इस निष्कर्ष की ओर इशारा किया कि मौजूदा अध्यक्ष  कालका और उनके साथियों ने शिक्षकों को उनका बकाया माफ़ करने के लिए मजबूर किया और कार्रवाई में देरी करने के लिए झूठे वादे किए।"यह केवल प्रशासनिक गलतियाँ नहीं हैं," उन्होंने कहा। "कालका और उनके गिरोह ने झूठे वादे किए, शिक्षकों को चुप कराने के लिए दबाव डाला, और अब सत्ता से जुड़े होकर बेबसी का रोना रो रहे हैं।"सरना ने घोषणा की कि "दिल्ली कमेटी की हर इंच ज़मीन संगत की है – इसे छुपाने या असफल नेताओं के अहंकार की ढाल बनाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।" उन्होंने मांग की कि सिरसा, कालका और उनके सहयोगियों की संपत्तियों को नीलाम किया जाए, न कि समुदाय की सेवा के लिए बनाई गई दिल्ली कमेटी की संपत्तियों को बेचा जाए। उन्होंने पांच बिंदुओं पर आधारित सवालों के भी उत्तर दिए, जिनका जवाब उन्होंने कहा कि कालका को संगत और क़ानून को देना चाहिए: दिल्ली हाई कोर्ट ने जीएचपीएस मामले में किसे दोषी ठहराया है – और क्यों?

दिल्ली कमेटी को इन कानूनी लड़ाइयों में पक्षकार के रूप में किसने खड़ा किया – क्या यह आपका प्रशासन नहीं था?दिल्ली कमेटी के वकील किसके निर्देश पर अदालत द्वारा नियुक्त मूल्यांकनकर्ता से सहयोग के लिए सहमत हुए?फॉरेंसिक ऑडिटर ने जीएचपीएस स्कूल की संपत्तियों को दिल्ली कमेटी की संपत्ति के रूप में क्यों सूचीबद्ध किया – क्या उन्हें कभी आधिकारिक रूप से अलग किया गया?एडवोकेट मंगेश नाइक द्वारा अर्जी दायर करने के बाद आपकी अगुवाई में दिल्ली कमेटी चार महीने तक चुप क्यों रही – क्या यह पर्दाफाश था या गंभीर लापरवाही?"कालका और उनके  साथियों के लिए अब हटने का समय आ गया है," उन्होंने ने निष्कर्ष निकालते हुए कहा कि "वे नैतिक अधिकार खो चुके हैं, उन्होंने कानूनी आधार खो दिया है और लोगों का विश्वास भी। दिल्ली कमेटी कभी भ्रष्ट लोगों का अड्डा नहीं थी – यह सेवा का गढ़ थी।"उन्होंने ने मौजूदा अध्यक्ष  को चेतावनी दी कि वह असली मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए अदालती कार्यवाही को तोड़-मरोड़ कर पेश न करें। "कालका सही पंजाबी बोलने के लिए संघर्ष कर रहा है – वह हिंदी और अंग्रेज़ी में अदालती हिस्सों को तोड़-मरोड़ कर पढ़ कर गुमराह करना चाहता था।” प्रदेश अध्यक्ष ने शायराना अंदाज़ में तंज़ कसते हुए कहा, "इधर उधर की बात मत कर, ये बता काफ़िला कैसे लुटा..." इसके साथ ही उन्होंने  मांग की कि इस नुकसान की भरपाई  मौजूदा अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका की और उनके साथियों की संपत्तियाँ ज़ब्त करके की जाए, जो पिछले 12 वर्षों से स्कूलों के चेयरमैन से लेकर कमेटी के अध्यक्ष तक के पदों पर रहते हुए लूट करते रहे हैं। दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 10 जुलाई को तय की है, जहां सज़ा की मात्रा और अनुपालन की प्रगति की समीक्षा की जाएगी।

गुरु हरकृष्ण पब्लिक स्कूलों के अध्यापकों के साथ धोखा करने वालों को जेल भेजा जाना चाहिए: सरना

 
दिल्ली: है। हाई कोर्ट द्वारा  अध्यापकों  को उनकी बनती हुई तनख्वाहें न देने पर अदालत की अवमानना का दोषी ठहराए जाने  पर  शिरोमणि अकाली दल के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना ने दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका और उनके साथियों के खिलाफ कड़े शब्दों में हमला बोला । वर्तमान अध्यक्ष एवं पूर्व अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा पर निशाना साधते हुए कहा कि अध्यापकों के साथ धोखाधड़ी कर नौजवान पीढ़ी का भविष्य बर्बाद कर रहे हैं।
कोर्ट के आदेश ने दिल्ली कमेटी का असली चेहरा बेनकाब कर दिया है। ये सिर्फ कानूनी रूप से नहीं, बल्कि पूरी सिख संगत के भी दोषी हैं । दिल्ली कमेटी के जनरल सेक्रेटरी को 2021 के अदालती आदेश की अवहेलना करने और अध्यापकों को 6वें और 7वें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार वेतन न देने के लिए अदालत की अवमानना का दोषी ठहराया गया है। कोर्ट ने दिल्ली कमेटी और गुरु हरकृष्ण पब्लिक स्कूल सोसाइटी की संपत्ति का फोरेंसिक ऑडिट और मूल्यांकन करवा कर 400 करोड़ रुपये की बकाया राशि अदा करने का आदेश भी दिया है।
 प्रदेश अध्यक्ष के अनुसार यह केवल प्रशासनिक गलतियाँ नहीं हैं।  झूठ बोला,गया  अध्यापकों को डराया, और अब झूठी बेबसी दिखा रहे हैं। उन्होंने मांग  की कि इनकी निजी संपत्ति को नीलाम कर अध्यापकों का बकाया चुकाया जाए, न कि दिल्ली कमेटी की संपत्ति को। दिल्ली हाई कोर्ट ने अगली सुनवाई 10 जुलाई को रखी है, जिसमें सज़ा की अवधि और आदेशों के पालन की समीक्षा की जाएगी। 

भारतीय सेना के साहस और पराक्रम के सम्मान में कांग्रेस ने जय हिन्द यात्रा निकाली

दिल्ली : पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को मुहतोड़ जबाव दे रही भारतीय सेना के साहस और पराक्रम के सम्मान में  दिल्ली प्रदेश कांग्रेस ने निकाली जय हिन्द यात्रा। प्रदेश  कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव की अगुवाही में  दिल्ली के कौने-कौने से कांग्रेस के हजारों कार्यकर्ताओं ने जंतर मंतर पहुँचे । पहलगाम आतंकी हमले के ऑपरेशन सिंदूर के तहत अपना सर्वस्व समर्पित कर रही भारत की थल, जल और वायु सेना का मनोबल बढ़ाने और उसे मजबूत करने के लिए पूरा देश एकजुट होकर भारतीय सेना के साथ खड़ा है।
जय हिंद यात्रा को कांग्रेस कोषाध्यक्ष अजय माकन, संगठन महासचिव  के.सी. वेनुगोपाल, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री  अशोक गहलोत, पवन खेड़ा ने तिरंगा दिखाकर जंतर मंतर से यात्रा शुरु की। इस अवसर पर कांग्रेस महासचिव श्री सचिन पॉयलट और दिल्ली प्रभारी काजी निजामुद्दीन सहित पार्टी के केंद्र एवं राज्य स्तर के वरिष्ठ नेता पदयात्रा में दिखाई दिए ।
 प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के  अनुसार कांग्रेस अध्यक्ष  मल्लिकार्जुन खड़गे जी और लोकसभा में नेता विपक्ष  राहुल गांधी जी ने स्पष्ट कर दिया है कि संकट के समय दलगत राजनीति से उपर उठकर आतंकवाद और पाकिस्तान के खिलाफ देशहित में हर तरह की सैनिक कार्यवाही सहित सुरक्षा की दिशा में हम मन, वचन और कर्म से भारत सरकार के साथ है। पाकिस्तान के विरोध में भारत सरकार के प्रत्येक बड़े फैसले को कांग्रेस पार्टी का पूरा सहयोग और समर्थन रहेगा। भारतीय सेना के साहसी जज्बे को हम सलाम करते हैं और जय हिन्द यात्रा के तहत अपनी सेना के समर्थन में अपनी पूरी राजनीतिक इच्छाशक्ति प्रकट करते है।
 जय हिन्द यात्रा का लक्ष्य देशवासियों तक संदेश पहुँचाने का है कि तिरंगे की रक्षा और सुरक्षा के लिए एकजुट रहने का समय है और यह भी बताना है कि भारत की संप्रभुता का प्रतीक तिरंगा ही हमारा धर्म है, जिसकी रक्षा के लिए भारत की सीमाओं पर भारतीय सेना के जवान 24 घंटे सुरक्षा के लिए तैनात खड़े देश के लिए कुर्बानी देने से भी नही डरते।
पाकिस्तान को जबाव दे रहे भारतीय सेना अपना काम कर रही है लेकिन विभिन्न जाति, धर्म, वर्गों, क्षेत्रों के 140 करोड़ देशवासी मन और वचन के साथ उनके साथ खड़े है। यही अनेकता में एकता हमारे देश की ताकत है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने अपने सभी राजनीतिक कार्यक्रम रद्द करके साबित कर दिया है, कि हम अवसरवादी और मौकापरस्ती में विश्वास नही रखते। हमेशा देश की सेवा की है और दुख और जरुरत के समय देशवासियों के साथ खड़े रहना ही हमारा कर्तव्य है।
जय हिन्द यात्रा भारतीय सेना के मनोबल को मजबूत करने निकाली गई। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के निर्देशानुसार देश के सभी राज्यों सहित दिल्ली में दिल्ली कांग्रेस के कार्यकर्ताओं जय हिन्द यात्रा निकाली। हमारी अपील है कि सीमा पर बसे गांव और शहरों के लोगों की सुरक्षा की प्राथमिकता भी सरकार की जिम्मेदारी है, सरकार इनकी सुरक्षा भी तय करे। पुंछ में जिन लोगों की जान गई हम उनके प्रति भी संवेदना प्रकट करते है और उनके परिजनों की देखभाल, घायलों का इलाज करना  भी सरकार की जिम्मेदारी है। हमारी मांग कि जो देश खुलेआम आतंकवादियों को पनाह देता है उसे आईएमएफ से फंडिंग नही मिलनी चाहिए, भारत सरकार इस पर कड़ा रुख अपनाकर  

पाकिस्तान द्वारा ड्रोन और मिसाइलों से हमले वायुरक्षा प्रणाली से निष्क्रिय

दिल्ली: 7 से 8 मई 2025 की रात पाकिस्तान ने उत्तरी और पश्चिमी भारत में स्थित कई सैन्य ठिकानों जैसे अवंतीपोरा, श्रीनगर, जम्मू, पठानकोट, अमृतसर, कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, आदमपुर, बठिंडा, चंडीगढ़, नाल, फलोदी, उत्तरलाई और भुज पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला करने का प्रयास किया। आधिकारिक सूत्रों के। अनुसार इन हमलों को वायु रक्षा प्रणालियों द्वारा निष्क्रिय कर दिया गया। इन हमलों का मलबा कई स्थानों से बरामद हुआ, जो पाकिस्तानी हमलों का प्रमाण है।

पाकिस्तान आधारित सोशल मीडिया हैंडल्स एक वीडियो साझा कर रहे हैं, जिसमें दावा किया गया है कि पाकिस्तान सेना ने जम्मू-कश्मीर के बटाल सेक्टर में भारतीय चौकियों पर हमला किया और कम से कम 12 भारतीय सैनिकों को मार गिराया। पीआईबी फैक्ट चेक के अनुसार यह वीडियो पुराना है एवं ऑपरेशन सिंदूर के बाद की किसी भी गतिविधि से संबंधित नहीं है । इसे 2016 की समाचार रिपोर्ट में भी इस्तेमाल किया गया था । 

ऑपरेशन सिन्दूर

पहलगाम  में हुए आतंकी हमले के पीड़ितों और उनके परिवारों को इंसाफ दिलाने के लिए ऑपरेशन सिंदूर के तहत दिलाने के लिए  भारतीय  सेना  द्वारा सरहद  के  पार चलाए  जा रहे  9 आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाकर सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया गया। पिछले तीन दशकों में पाकिस्तान ने सुनियोजित तरीके से एक आतंकवादी ढांचा तैयार किया है। यह ढांचा भर्ती और ब्रेनवॉशिंग सेंटरों, प्रारंभिक और रिफ्रेशर ट्रेनिंग क्षेत्रों तथा आतंकियों के हैंडलरों के लिए लॉन्चपैड्स का एक जटिल जाल है। ये कैंप पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (PoJK) दोनों क्षेत्रों में स्थित हैं ।
 
22 अप्रैल 2025 को लश्कर-ए-तैयबा से संबंधित पाकिस्तानी और पाकिस्तान प्रशिक्षित आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हमला किया और 25 भारतीय नागरिकों और 1 नेपाली नागरिक की हत्या कर दी, उन्होंने लोगों को उनके परिवार के सदस्यों के सामने सिर में गोली मारी। परिवार के सदस्यों को जानबूझकर आघात पहुंचाया गया और उन्हें नसीहत दी गई कि वो वापस जाकर इस संदेश को पहुंचा दें। यह हमला स्पष्ट रूप से जम्मू-कश्मीर में बहाल हो रही सामान्य स्थिति को बाधित करने के उद्देश्य से किया गया था ।
 
आधिकारिक सूत्रों के  अनुसार पिछले दशक में 350 से अधिक भारतीय नागरिक और 600 से अधिक सुरक्षाकर्मी सीमापार आतंकवाद के शिकार हुए हैं।  ऑपरेशन सिंदूर के तहत ऐसे स्थानों को चिन्हित किया गया जहां से भारत के खिलाफ आतंकवादी हमलों की योजना बनाई गई और उन्हें निर्देशित किया गया।

रकाबगंज साहिब में हुए नैतिक पतन मामले पर DSGMC की निंदा: सरना

दिल्ली: शिरोमणि अकाली दल की दिल्ली इकाई के प्रधान परमजीत सिंह सरना ने श्री रकाबगंज साहिब में हुई कथित नैतिक पतन की घटनाओं को लेकर दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की अगुवाई पर तीखी टिप्पणी की है और इसे कलका-सिरसा के दस साल के शासनकाल के दौरान "गिरावट की एक नई हद" करार दिया है।
 
"यह शर्मनाक घटना, जो सीसीटीवी और मोबाइल कैमरों की पूरी निगरानी में हुई, श्री ननकाना साहिब के महंत नरायण दास से जुड़ी बदनामी से भी बड़ी है," सरदार सरना ने कहा। उन्होंने यह बात गुरुद्वारा सुधार आंदोलन से पहले एक महंत द्वारा गुरुद्वारों के दुरुपयोग की ओर इशारा करते हुए कही।
 
सरना ने हरमीत सिंह कलका और मनींदर सिंह सिरसा पर नैतिक पतन की अगुवाई करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "ऐसी घटनाएं दस साल तक उनकी निगरानी में पनपती रहीं, यह सिर्फ लापरवाही नहीं बल्कि पूरी विफलता को दर्शाता है।"
 
उन्होंने कलका से जवाबदेही की मांग की और चेतावनी दी कि पारंपरिक बयानों से बात नहीं बनेगी। "अगर उनमें नैतिकता का थोड़ा भी अंश बाकी है, तो उन्हें तुरंत पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।"

दिल्ली पर थोपे जा रहे कृत्रिम जल संकट के विरोध में भाजपा ने दिया उपराज्यपाल को ज्ञापन

 
दिल्ली: भाखड़ा डैम नहर में जल की कोई कमी नहीं है, फिर भी आम आदमी पार्टी की पंजाब सरकार ने राजनीतिक स्वार्थों की पूर्ति हेतु भाखड़ा नहर से जल आपूर्ति में भारी कटौती की घोषणा के मद्देनजर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष  वीरेन्द्र सचदेवा  और दिल्ली के सांसद  मनोज तिवारी, रामवीर सिंह बिधूड़ी,  योगेन्द्र चांदोलिया,  कमलजीत सहरावत, प्रवीण  खंडेलवाल एवं सुश्री बाँसुरी स्वराज आज दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना से मिलकर  आम आदमी पार्टी की पंजाब सरकार द्वारा दिल्ली वासियों पर थोपे जा रहे कृत्रिम जल संकट के संबंध में ज्ञापन सौपा।
 
इस ज्ञापन में कहा गया है की दिल्ली के लोग आपका ध्यान इस ओर आकर्षित करना चाहते हैं कि आम आदमी पार्टी की पंजाब सरकार ने हरियाणा राज्य की भाखड़ा नहर से जल आपूर्ति में कटौती की घोषणा कर दिल्ली पर एक कृत्रिम जल संकट थोपने का कार्य किया है। भाखड़ा डैम नहर में जल की कोई कमी नहीं है, फिर भी आम आदमी पार्टी की पंजाब सरकार ने राजनीतिक स्वार्थों की पूर्ति हेतु भाखड़ा नहर से जल आपूर्ति में भारी कटौती की घोषणा की है।
 
दिल्ली को अपनी जल आपूर्ति का 50% से अधिक हिस्सा हरियाणा से प्राप्त होता है । ज्ञापन  में आशा जताई गई है  कि उपराज्यपाल  इस बात से सहमत होंगे कि कोई भी कृषि प्रधान राज्य, जब वह जल संकट का सामना कर रहा हो, तो पहले अपने जल संसाधनों का उपयोग अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए करेगा। वास्तविकता यह है कि दिल्लीवासियों ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी को सत्ता से बाहर कर दिया है, और अब राजनीतिक अस्थिरता फैलाने के षड्यंत्र के तहत आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली को लगभग पूर्ण जल संकट की स्थिति की ओर धकेल दिया है।
 
इस ज्ञापन के माध्यम से आपसे आग्रह किया गया है कि इस मामले में हस्तक्षेप कर  दिल्ली को अरविंद केजरीवाल द्वारा निर्मित जल संकट से बचाने हेतु समाधान सुनिश्चित किया जाए ।

गरीब अब दाल रोटी खाओ प्रभु के गुण गाओ जैसी कहावतें भी गरीब के लिए बेमानी: देवेन्द्र यादव

दिल्ली: प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष  देवेन्द्र यादव ने दिल्ली कांग्रेस द्वारा दिल्ली की सभी मदर डेयरियों पर दूध के दामों में 2 रुपये बढ़ोतरी के विरोध में किए जाने वाले प्रदर्शन व हस्ताक्षर अभियान में कहा कि भाजपा की केन्द्र सरकार के अंतर्गत 2014 से 2025 तक खाद्य उत्पादों के साथ अन्य रोजमर्रा की जरुरतों की वस्तुओं में बेहताशा वृद्धि करके यह साबित कर दिया है कि यह सरकार केवल पूंजीपतियों की हितेषी है न कि गरीब व मध्यम वर्ग की। महंगाई का आलम यह है कि घर की सबसे महत्वपूर्ण जरुरत, बच्चो के पोषण का स्रोत दूध भी गरीबों की पहुँच से दूर होता जा रहा है और गरीब अब दाल रोटी खाओ, प्रभु के गुण गाओ जैसी कहावतें भी गरीब के लिए बेमानी नजर आने लगी है।डीडीए मार्केट मदर डेयरी, मिंटो रोड़ नजदीक गांधी मार्केट पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा शामिल विरोध प्रदर्शन में प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष के साथ पूर्व मंत्री हारून  यूसूफ, कम्युनिकेशन विभाग के चेयरमैन व पूर्व विधायक  अनिल भारद्वाज, जिला अध्यक्ष जावेद मिर्जा, पूर्व पार्षद  अशोक जैन, कृष्ण मुरारी जाटव, मौहम्मद उस्मान,  डा0 आर.बी. सिंह, मंजूर मलिक और संजय यादव मुख्य रुप से मौजूद थे। मदर डेयरी बूथों पर हजारों कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्ले कार्ड लेकर दूध के दामों की वापसी की मांग करते हुए मदर डेयरियों पर दूध उपभोक्ताओं से बढ़े हुए दामों के विरोध में हस्ताक्षर अभियान भी चलाया।
कांग्रेस शासन के बाद भाजपा के कार्यकाल में 2014 में दूध 48 रुपये प्रति लीटर था वह 44 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 69 रुपये प्रति लीटर हो गया है। जो टमाटर 2014 में 6 रुपये किलो मिलता था व आज 80 रुपये तक पहुॅच गया है, मतलब टमाटर के दामों में 1233 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जो कल्पना से भी परे है। इसी तरह तूर दाल जो 36 रुपये प्रतिकिलो थी वह अब 344 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 160 रुपये हो गई है। आलू 8 रुपये से 300 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 32 रुपये प्रतिकिलो मिल रहा है। प्याज जो 10 रुपये प्रतिकिलो थी वह 600 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ 70 रुपये प्रति किलो तक पहुॅच गई। आटा जो 2014 में 21 रुपये प्रति किलो था वह आज 98 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 40 रुपये प्रति किलो हो गया है। सरसों का तेल 2014 में 105 रुपये प्रति लीटर था जो 81 प्रतिशत बढ़ोतरी के बाद 2024 में 190 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है।प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ने कहा कि खाद्य वस्तुओं के साथ साथ रसोई गैस, पेट्रोल, डीजल, सीएनजी और पीएनजी की दरों में भी बेहताशा वृद्धि हुई है। रसोई गैस 450 रुपये से बढ़कर 850 हो गया है जिसमें 110 प्रतिशत की वृद्धि हुई। पेट्रोल 68 रुपये से बढ़कर 104 रुपये और डीजल 55.48 रुपये प्रतिलीटर में लगभग 59 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 88.05 रुपये प्रति लीटर पहुॅच गया। जबकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार गिरावट बनी रही। सरकार ने एक्साइज ड्यूटी और वेट में बेहताशा वृद्धि करके जनता पर अतिरिक्त बोझ डाला है। भाजपा के शासन काल में आम आदमी को घर चलाना मुश्किल हो गया है क्योंकि न थाली में खाना है और न जेब में पैसा है। महंगाई की मार और बेरोजगारी की आग में जनता दो तरफा संकट में फंसी है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को केवल और केवल अमीरों की चिंता है इसलिए उनको गरीब और मध्यम वर्ग के आंसू दिखाई नही देते। महंगाई की मार खाद्य उत्पादों व अन्य आवश्यकत वस्तुओं के साथ दवाईयों पर भी पड़ी है क्योंकि गरीब आवश्यक दवाईयां महंगी होने के कारण बीमारियों से मरने को मजबूर है। अब कैंसर, हृदय रोग, डायबिटिज, एंटी बायटिक दवाईयां भी गरीब  अब खरीद नही सकता क्योंकि हाल ही में एनपीपीए ने सूचित दवाईयों के दामों में 10.7 प्रतिशत वृद्धि की अनुमति दे दी है।  दवाईयों के दामों बेहताशा बढ़ोत्तरी के साथ बाजार में नकली दवाईयों का कारोबार भी गर्म है, नकली दवाईयां असली दवाईयों की पैकिंग के बार कोड के साथ खुले आम बिक रही है।

वक्फ बोर्ड कानून के पक्ष में है या विपक्ष में यह अभी तक स्पष्ट करने में असफल रही है कांग्रेस

दिल्ली: केंद्रीय मंत्री  भूपेंद्र यादव और  भाजपा अध्यक्ष  वीरेंद्र सचदेवा ने आज एक संयुक्त प्रेसवार्ता कर वक़्फ़ बोर्ड जनजागरण अभियान को लेकर विपक्ष द्वारा मुस्लिम समुदाय में फैलाए जा रहे भ्रम की निंदा की और कहा कि विपक्ष एक बार फिर से वक़्फ़ बोर्ड के नाम पर ग़लत जानकारी देकर एक विशेष समुदाय को भड़काने का काम कर रहा है। प्रेसवार्ता में प्रदेश महामंत्री  विष्णु मित्तल, वरिष्ठ भाजपा नेता आतिफ  रशीद और दिल्ली भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष अनीश  अब्बासी उपस्थित थे।

 केंद्रीय मंत्री का  मानना है कि देश की प्रगतिशिल यात्रा का एक महत्वपूर्ण पड़ाव वक्फ बोर्ड कानून है जो मोदी सरकार द्वारा संसद में पारित करवा कर कानून बनाया गया है। यह पहली बार नहीं है क्योंकि इससे पहले भी वक्फ में परिवर्तन हुए हैं। 2013 से पहले कांग्रेस के समय में वक्फ में बदलाव हुए हैं। सरकार ने जिस प्रकार से यह बिल जेपीसी को भी भेजा और जेपीसी का कन्सल्टेशन दर्शाता है कि सबका साथ सबका विकास वाली सरकार सभी उद्देश्यों को इस बिल में समाहित कर रही है। विपक्ष द्वारा वक्फ से मुसलमानों के अधिकार समाप्त होने जैसा भ्रम फैलाया जा रहा है। अपने धार्मिक कार्यों की गतिविधियों के लिए एक ट्रासपैरेंट और संवैधानिक दायरों के अंदर होना चाहिए। इसलिए वक्फ को क्रिएट करने का, मैनेज करने का और उसको रेगुलेट करने  का अधिकार वक्फ सुधार कानून के बाद मुसलमानों के हित में सुरक्षित है। 

1923, 1954 और 1995 या अन्य किसी वर्ष में सर्वे किया गया है लेकिन 2013 में कांग्रेस जी बिल लेकर आई थी उससे तो एक बात स्पष्ट हो गई कि अचानक से पिछले 10 सालों में 100 फीसदी का इज़ाफ़ा कैसे हो गया। संपत्तियों का सही तरीक़े से निर्धारण करने के लिए इस क़ानून को लाया गया है। धारा 26 में यह प्रावधान है कि कोई भी राज्य धार्मिक प्रबंधक की मैनेजमेंट के लिए क़ानून बना सकती है। आज सिर्फ़ बेहतर रख रखाव के अभाव में ही वक़्फ़ की संपत्तियों पर एंक्रोचमेंट कर उनका दुरुपयोग किया जा रहा है। 
कांग्रेस के समय में भी कहा गया था कि सपतियों का डिजिटल रख रखाव किया जाना चाहिए इसलिए अगर आज मोदी सरकार यह करने जा रही है तो इसमें कांग्रेस को आपत्ति क्यों है। जेंडर जस्टिस के लिए और जिन उद्देश्यों के कारण वक़्फ़ का निर्माण किया गया है उसको पूरा करने के लिए एक सकारात्मक सोच के साथ सरकार यह कानून लेकर आई है लेकिन राहुल गांधी ने ना इसपर कोई भाषण दिया और उनकी बहन  प्रियंका वाड्रा इस पर वोट डालने के लिए भी नहीं आई इसलिए कांग्रेस इस विषय के पक्ष में है या नहीं यह भी जानकारी नहीं है।
 
आतिफ रशिद के  अनुसार वक्फ बोर्ड अनिधिनयम 2025 के नाम पर मुस्लिम समुदाय को भड़काने का काम किया जा रहा है। भाजपा के नाम से डराना और अपने वोट बैंक को मजबूत करने का काम विपक्ष कर रहा है और जब भी मोदी सरकार ने कुछ सुधार का काम किया है तो एक गंदी राजनीति विपक्ष द्वारा की गई है। तीन तलाक हो, सिटिजन अम्डेमेन बिल हो या फिर अन्य सुधार सभी पर सिर्फ भड़काने और गलत जानकारी फैलाने का काम विपक्ष ने किया है। 

चकाचौंध और सोशल मीडिया के शोरगुल में डूबी फिल्मी दुनिया में फूटी एक नई किरण फिल्ममोर

दिल्ली: चकाचौंध और सोशल मीडिया के शोरगुल में डूबी फिल्मी दुनिया में, एक नई किरण फूट पड़ी है - 'फिल्मोर'। एक विचारोत्तेजक संगोष्ठी में, फिल्मोर ने फिल्मी पत्रकारिता के परिदृश्य को बदलने का संकल्प लिया है। यह महज एक पहल नहीं, बल्कि एक वैचारिक आंदोलन है, जो सिनेमा को मनोरंजन से कहीं बढ़कर, सामाजिक संवाद और सांस्कृतिक चेतना का सशक्त माध्यम बनाने का सपना देखता है।
संगोष्ठी में फिल्म निर्देशक अविनाश दास ने कहा कि सिनेमा सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि समाज का दर्पण होना चाहिए। यह विचार फिल्मोर के दृष्टिकोण को दर्शाता है, जो पर्दे के पीछे की कहानियों को उजागर करने और दर्शकों को सोचने पर मजबूर करने का इरादा रखता है।
फिल्मोर की संस्थापक और सीईओ सैंजला ने स्पष्ट किया कि यह पहल टीआरपी की अंधी दौड़ में खोई हुई पत्रकारिता को सही दिशा दिखाने का प्रयास है। उनका कहना है कि फिल्मोर सेलिब्रिटी गॉसिप से ऊपर उठकर सभ्यता की कहानियों को सामने लाएगा, जो रेड कार्पेट और सतही चर्चाओं से परे, सिनेमा की गहराई और उसके महत्व को समझने पर केंद्रित होगा।
फिल्मोर के क्रिएटिव डायरेक्टर अनिल शारदा ने इसे 'प्रतिरोध का मंच' बताते हुए कहा कि आज जब हर खबर जल्दबाजी में परोसी जा रही है, तो फिल्मोर का ठहराव एक क्रांति के समान है। उनका मानना है कि फिल्म सिर्फ एक दृश्य नहीं, बल्कि एक विचार है, जो समाज को प्रेरित और आंदोलित कर सकता है।
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए नीरज झा ने कहा कि फिल्मोर की सबसे बड़ी खूबी है तकनीक और मानवीय दृष्टिकोण का अद्भुत संगम। यहां, यारा एआई मात्र एक उपकरण नहीं, बल्कि एक संवेदनशील सहयोगी के रूप में देखा जाता है, जो गहराई से विश्लेषण करने और छिपे हुए अर्थों को उजागर करने में मदद करता है।
फिल्मोर एक वैकल्पिक और विचारशील फिल्म पत्रकारिता की आवश्यकता को रेखांकित करता है। यह पहल फिल्मी खबरों को सिर्फ 'शब्द' नहीं, बल्कि 'संदर्भ' देने का वादा करती है। यह सिनेमा की आत्मा को छूने और उसे एक नए दृष्टिकोण से देखने की एक साहसिक पहल है, जिसकी फिल्म जगत को बेसब्री से तलाश थी। अब देखना यह है कि फिल्मोर अपने इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को किस प्रकार प्राप्त करता है। 

हिट दा थर्ड केस एक खूनी खेल की कहानी

 
इस हफ्ते रिलीज हुई  साउथ स्टार नानी की फिल्म ‘हिट द थर्ड केस’ है, इस फिल्म में जबरदस्त सस्पेंस क्राइम के साथ थ्रिलर है।  आपको दमदार कहानी के साथ ही जबरदस्त एक्शन सीक्वेंस है। फिल्म की कहानी और  कई सीन आपको हिलाकर रख देंगे। अगर अगर आप पिछले दिनों हिट रही स्त्री 2 ,  भूल भुलैया 3 जैसी एक्शन, थ्रिल , हॉरर, कॉमेडी देखने का प्लान बना रहे हैं तो आप इस फिल्म को जरूर देखने जाए ।
फिल्म  की कहानी आपको झकझोरकर रख देगी। इसमें डार्क वेबसाइट के बारे में दिखाया गया है, जो क्राइम की नई दुनिया है। इसमें जम्मू-कश्मीर की कहानी है, जिसमें लोग झूठी आजादी के नाम पर मासूम बच्चों तक का बेरहमी से कत्ल करने तक को तैयार हैं। कहानी खूनी खेल की है, जिसे मिटाने का काम एक मूडी और साइको पुलिस अफसर एसपी अर्जुन सरकार करता है। कहानी में कई कड़ियां हैं, जिसे खोजते-खोजते पूरी फिल्म खत्म हो जाती है। इसे आप वन मैन फिल्म कह सकते हैं। फिल्म का ट्रीटमेंट  गजब का है। फिल्म शुरुआत से ही फ्रेम से आपको बांध लेती है। शुरुआत में आपको नानी जेल में दिखाई देते हैं लेकिन फिर अंत में जो होता है वो कमाल होता है। फिल्म के कुछ सीन्स को आप देखते रह जाएंगे इस फिल्म का एक्शन ज्यादा हाई लेवल का हैं।  कुछ वक्त पहले तक हीरो सीन में आठ दस को  मारता था लेकिन अब दर्शकों ऐसे सींस में मजा नहीं आता। बल्कि अब तो हीरो दर्जनों को मारता है और दर्शक ऐसे एक्शन सीक्वंस का मजा लेते है, ऐसे सींस इस में है 
कुल मिलाकर फिल्म की  कहानी ठीकठाक है , दमदार एक्टिंग के साथ बेहतरीन स्टोरी में फिट  स्टार कास्ट और सोने पर सुहागा फिल्म का कसा हुआ क्लाइमैक्स दर्शको के लिए पैसा वसूल है।
 मेरी नजर में फिल्म के कुछ सींस ऐसे है जिन्हें देख आप हिल जायेंगे। डायरेक्टर सैलेश कोलानू की खास तौर से तारीफ करनी होगी कि उन्होंने अपने बेहतरीन डायरेक्शन से फिल्म का क्लाइमैक्स ऐसा है आप दिल थामे रहेंगे और आपकी पलक तक नहीं झपकेगी और आगे क्या होगा यह जानने के लिए आपकी उत्सुकता बढ़ जाएगी कि आगे क्या होगा। एक-एक खुलासे, हाई एक्शन सीक्वेंस के बीच आपको खुश करने वाला बेहतरीन कैमियो  है, मेरा दावा है हर सिंगल स्क्रीन सिनेमा में इस सीन पर दर्शको की खूब  सीटियां बजेगी  फिल्म में साउथ स्टार अदिवी शेष का असरदार कैमियो है। फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर फिल्म की हर कड़ी को अगली कड़ी से जोड़ने का काम करता है और जानदार है।
अगर आप एक्शन, सस्पेंस, हॉरर क्राइम थ्रिलर फिल्मों के शौकीन हैं तो आपके लिए नानी स्टारर यह फिल्म फुल पैसा वसूल है और हां कमजोर दिल के है तो जरा दिल थाम कर इस फिल्म को देखे।

कांग्रेस सिर्फ सत्ता के लिए सामाजिक न्याय का स्वांग रचती है: धर्मेंद्र प्रधान

दिल्ली: कांग्रेसी नेताओं द्वारा हो रही बयानबाजी को सत्ता के लिए सामाजिक न्याय का स्वांग बताते हुए केंद्रीय  मंत्री धर्मेंद्र प्रधान  ने  कहा कि  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में  लिया गया जातिगत जनगणना  का  निर्णय सामाजिक न्याय के प्रति एनडीए  की कटिबद्धता का प्रमाण है । फैसला यकायक नहीं लिया बल्कि पिछले 11 वर्षों से समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलने की नीति का तार्किक एवं सिद्धांतिक विस्तार है । कांग्रेस ने काका कलेकर कमेटी की पिछड़े वर्ग से संबंधित रिपोर्ट को बरसों तक दबाये रखा । 1977 में जानता पार्टी सरकार ने मंडल कमीशन का गठन किया ।

उन्होंने बताया की पहली बार भाजपा शासन काल में  ओबीसी आयोग को संविधानिक दर्जा मिला । बड़ी संख्या में वंचित वर्गों को प्रतिनिधित्व  मिला अब चाहें केंद्र हो या भाजपा शासित  राज्य सरकारें  मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद या फिर  विधायक । यह सब सामाजिक न्याय के प्रति प्रतिबधता का प्रमाण है । जिसकी अगुवाही स्वयं प्रधानमंत्री  कर रहे हैं । आजादी के बाद से अबतक की जनगणनाओं में जातिगत आँकड़े नहीं जुटाए  गए । 2021 में जनगणना प्रस्तावित थी जो कोविड महामारी के करण स्थगित हो गई । अब सरकार ने सैद्धांतिक निर्णय लिया है कि जनगणना में जातिगत  गणना  भी शामिल होगी ।

1931 में पहली बार जातिगत जनगणना हुई थी । 1941 में  ब्रिटिश हकूमत ने इसे नहीं होने दिया । स्वतंत्रता  के  बाद  1951 में पहली बार जनगणना होनी थी । तत्कालीन  प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू  जातिगत जनगणना के विरोधी थे । उन्होंने राज्य सरकारों को इस बाबत खत  भी लिखे । उनका मानना था इससे गुणवत्ता में असर पड़ेगा ।

जाति जनगणना पूरा करने की स्पष्ट समय सीमा बताए सरकार: राहुल गाँधी

दिल्ली: केंद्र द्वारा जातिगत जनगणना को जनगणना में शामिल किए जाने का स्वागत करते हुए लोकसभा के नेता विपक्ष राहुल गाँधी  ने  बताया कि वह और उनकी पार्टी पहले दिन से ही इसकी माँग कर रहे थे । इस  मुद्दे को विपक्ष द्वारा समय समय पर उठाया जाता रहा है एवं इस बाबत प्रधानमंत्री को खत भी प्रेषित किया गया । लेकिन प्रधानमंत्री सामाजिक न्याय की इस नीति को लागू करने से बचते रहे और विपक्ष पर समाज को बांटने का झूठा आरोप लगाते रहे। 

उनका मानना है कि जातिगत जनगणना के अभाव में, सार्थक सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण कार्यक्रमों का क्रियान्वयन अधूरा है, इसीलिए ये सभी वर्गों के लिए ज़रूरी है। जनगणना के लिए इस साल के बजट में भी केवल ₹575 करोड़ का आवंटन है, इसलिए ये सवाल मुनासिब है कि सरकार इसको कैसे और कब पूरा करेगी। उनकी पार्टी ने माँग की है कि मोदी सरकार जल्द से जल्द, बजट का प्रावधान कर, जनगणना और जातिगत जनगणना का काम पूरी पारदर्शिता के साथ चालू करे। हिस्सेदारी न्याय के बिना सबकी प्रगति अधूरी है।

अकबर रोड  स्थित कांग्रेस कार्यालय में  पत्रकारों से रूबरू होकर बोले राहुल गाँधी देश में आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा हटाने की मांग भी दोहराई। उन्होंने याद दिलाया कि कांग्रेस पार्टी ने संसद में कहा था कि वे जाति जनगणना कराकर रहेंगे और 50 प्रतिशत की सीमा को भी हटाएंगे। साथ  ही की जाति जनगणना कराने में अपनी पार्टी के सहयोग की पेशकश । उन्होंने तेलंगाना को जाति जनगणना के लिए एक मॉडल बताते हुए कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार पहले ही जाति जनगणना करा चुकी है।

उन्होंने कहा कि तेलंगाना मॉडल को पूरे देश में जाति जनगणना के लिए ब्लूप्रिंट के रूप में अपनाया जा सकता है। हालांकि बिहार में भी जाति जनगणना की गई थी, लेकिन दोनों जनगणनाओं में बहुत अंतर था। उन्होंने कहा कि तेलंगाना में जाति जनगणना के दौरान पूछे जाने वाले प्रश्न हितधारकों से सलाह करके तैयार किए गए थे, और यह एक बहुत विस्तृत प्रक्रिया थी।जाति जनगणना देश में विकास के नए प्रतिमान की ओर पहला कदम होगी।तेलंगाना सरकार ने पहले ही आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा हटाने और राज्य में संविधान के अनुच्छेद 15(5) को लागू करने जैसे कदम उठाए गए हैं।

जाति जनगणना से यह पता चलेगा कि पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों की देश में कितनी भागीदारी है। यह पहला कदम है, लेकिन हमें और आगे जाना है। हमें पता लगाना है कि देश की संस्थाओं और सत्ता संरचना में इन लोगों की कितनी भागीदारी है। निजी शिक्षण संस्थानों में आरक्षण के लिए अनुच्छेद 15(5) को लागू करने की भी मांग की। उन्होंने सरकार से जाति जनगणना के लिए धन आवंटित करने और इस संबंध में अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत करने की मांग की।

संपादक

डा. अशोक बड़थ्वाल

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