श्री दरबार साहिब में बादल पर हमला पंथ के गौरव सम्मान पर हमला: बीबी रणजीत कौर
दिल्ली : हर गुरसिख को गुरु के वचनों पर पूरा भरोसा होता है कि गुरुघर में शरण लेने वालों को शाश्वत क्षमा मिलती है. गुरु पंथ द्वारा अस्वीकार किया गया व्यक्ति किसी भी समय श्री अकाल तख्त साहिब में उपस्थित होकर गुरु पंथ के सिद्धांतों, शिष्टाचार और परंपरा को स्वीकार करता है और अपने अपराधों को मिटाकर गुरु पंथ के प्रति समर्पित हो जाता है और पंथक परिवार में पुनः प्रवेश करता है।
शिरोमणि अकाली दल की दिल्ली इकाई की महिला विंग की प्रमुख बीबी रणजीत कौर द्वारा मीडिया के लिए जारी किए गए एक बयान के अनुसार सुखबीर सिंह बादल उस समय श्री अकाल तख्त साहिब की छत्रछाया में थे क्योंकि वह श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा लगाए गए तनखाह को पूरा कर रहे थे. इसलिए उन पर हमला श्री अकाल तख्त साहिब और तख्त साहिब के फैसले पर हमला है। सिख परंपरा के अनुसार, पंज सिंह साहिबों ने सुखबीर सिंह बादल को उनके द्वारा किए गए अपराधों के लिए दोषी करार किया था, इसलिए किसी भी सिख माई भाई को सुखबीर सिंह बादल को नुकसान पहुंचाने का कोई अधिकार नहीं है। श्री अकाल तख्त साहिब सिख पंथ का सर्वोच्च न्यायालय है, इसलिए यहां से दिए गए आदेशों का पालन करना प्रत्येक गुरसिख के लिए अनिवार्य है. यदि उक्त आदेश से कोई असहमति है तो श्री अकाल तख्त साहिब पर अपील की जा सकती है. श्री दरबार साहिब घंटा घर पर अपनी ड्यूटी से बाहर बैठे अकाली दल अध्यक्ष एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल पर हमला कर हमलावर ने सिख पंथ के सम्मान और गौरव पर हमला किया. उन्होंने तख्त साहिब के आदेश का उल्लंघन किया है और सिखों की छवि खराब करने की कोशिश की है।
03:26 pm 05/12/2024