500 साल के संघर्ष के बाद राम लल्ला को उनका आशियाना मिल ही गया । फाइनली वह अपने आशियाने में हो गये हैं विराजमान । आज अयोध्या में गर्भ गृह में आयोजित राम लल्ला की बाल मूर्ति के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का भारत ही नहीं पूरा विश्व साक्षी बना । मुख्य जजमान थे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी , राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंचालक डॉ मोहन भागवत, उत्तर प्रडेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ , राज्यपाल आनंदी बेन पटेल एवं राम जन्म भूमि ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गेपालदास ।
सिने जगत से अमिताभ बच्चन , क्रिकेट खिलाड़ी सचिन तेन्दुलकर, उद्योगपति मुकेश एवं नीता अंबानी सहित देश विदेश की जानीमानी हस्तियाँ जिनमें साधु संत भी शामिल हैं कार्यक्रम का हिस्सा बनी ।राम लल्ला के बाल्यकाल की यह मूर्ति कर्नाटक में उपलब्ध काले पत्थर से मैसूर के शिल्पकार हैं मैसूर के अरुण योगिराज । यह वही शिल्पी हैं जिन्होंने केदारनाथ और दिल्ली के इंडिया गेट में प्रतिस्थापित नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा बनाई थी । मंदिर का आर्किटेक्चर कुछ कुछ गुजराती शैली में निर्मित दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर से मिलती जुलती है ।
ऑरेंगज़ेब के शासनकाल में तुगलकी फरमान की तहत रामंदिर को तोड़कर बाबरी मस्जिद का निर्माण किया गया । निहंग फक़ीर सिंह एवं उनके 26 निडर साथियों ने 1850 मुगल शासकों से युद्ध में फ़तह हासिल कर बाबरी मस्जिद को अपने क़ब्ज़े में ले लिया एवं वहाँ पर भगवान राम की पूजा एवं हवन किया था । इस बाबत एफ़आईआर भी दर्ज है । उसके बाद समय समय पर यह आंदोलन जोर पकड़ता रहा । सियासतें आई एवं चली गई लेकिन मंदिर के निर्माण का श्रेय प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में शासित सरकार को मिला ।