कोरोना के संक्रमण से निपटने के लिये प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के साथ कहीं न कहीं जरूरी है शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बनाये रखना । जरूरत पड़ने योग्य चिक्त्सिक के परामर्श से औषधि के साथ नियमित रूप से क्षमता अनुसार शारीरिक व्यायाम द्वारा स्वसन-तंत्र को दुरस्त रखने के साथ शरीर में आक्सिजन के लेवल को बनाये रखा जा सकता है ।
सूर्य नमसकार, अनुलोम-विलोम, कपाल भारती एवं भ्रस्त प्राणायाम आदि कुछ ऐसी योग क्रियायें हैं जिनको नियमित रूप से किये जाने से मानसिक संतुलन के साथ स्वसन तंत्र एवं पाचन क्रिया दुरस्त होती हैं । भारत के ऋषि मुनियों के द्वारा योग एवं चीन के बौद्ध भिक्षुओं द्वारा इजहाद की गई फालुन दाफा शारीरिक क्रियाओं के अच्च्छे परिणाम सामने आये हैं ।
योग को हरिद्वार स्थित पतांजली योग संस्थान के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर घर-घर पहुचाने का श्रेय जाता है योग गुरू बाबा राम देव को । आज भारत को विश्व में योग गुरू के नाम से जाना जाता है ।
बौद्ध भिक्षुओं द्वारा साधित घ्यान एवं शारिरिक क्रियाओं पर आधारित फालुन दाफा का जन्म चीन में हुआ । 114 देशों में 10 करोड़ से भी अधिक आज इसके अनुयाई हैं । बौद्धिक विकास के साथ इस पद्धति मे शारीरिक विकास के लिये पाँच प्रकार के व्यायामों का सामावेश है । नियमित अभ्यास से साधक को बौद्धिक एवं शारीरिक विकास के साथ सत्यएकरूणा एवं सहनशीलता से आत्मसात होता है ।
विस्तृत जानकारी के लिये लाग आन करें:
www.falundafa.org www.falundafaindia.org
योगासन एवं शारीरिक क्रियाओं का अभ्यास जाँच पड़ताल के पश्चात योग्य प्रशिक्षक के सानिध्य में ही किया जाना चाहिये...