२०२४-२५ के बजट को लेकर मिली जुली प्रतिक्रियायें हैं l सत्ता पक्ष के लिए यह बजट एतिहासिक बजट है तो विपक्ष ने इसे कुर्सी बचाओ बजट की संज्ञा दी है I वित मंत्री निर्मला सीतारामन के २०४७ के विकसित भारत की परिकल्पना पर आधारित इस बजट की रूपरेखा में अनुसंधान,टिकाऊ खेती को बढ़ावा देने, तिलहन दलहन उत्पादन को बढ़ाने एवं कृषि परिदृश्य में प्रद्योगकी को एकीकृत करने की व्यापक योजना शामिल है l २०२५ में कुल व्यय ४८.२१ लाख करोड़ रुपए अनुमानित है l शुद्ध कर प्राप्तियाँ २५.८३ लाख करोड़ रुपए अनुमानित है l सकल बाज़ार उधारी १४.०१ लाख करोड़ रुपए अनुमानित है l
इस बार का बजट ४८.२० लाख करोड़ रुपए है l जहाँ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बजट को विकसित एवं भारत आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का आर्थिक दस्तावेज़ बताया है वहीं पूर्व वित मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदम्बरम के अनुसार यह बजट कांग्रेस पार्टी के मेनेफ़ेस्टो का कट पेस्ट है l बजट को सदन के पटल पर रखे जाने से ३ घंटे पहले अपलोड किया गया I यह बजट कुर्सी बचने के लिए है l कोई राहत दिखाई नहीं दे रही I प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी इस बजट को हर वर्ग को समृद्ध करने वाला बताया है तो गृह मंत्री अमित शाह ने रोजगार एवं अवसरों के एक नए युग की शुरूवात बताया है l
दिल्ली सरकार की वित मंत्री आतिशी सिंह में बजट को लेकर ख़ासा रोष है l उन्होंने इसे दिल्ली वालों को धोखा देने वाले बजट की संज्ञा तक दे डाली I उनका मानना है कि दिल्ली वालों को उनका हक़ नहीं मिला l उनका कहना है कि दिल्ली सरकार द्वारा केंद्र को दिया गये टेक्स रेवेन्यू का ५ फ़ीसदी हिस्सा दिल्ली को डेवलपमेंट ऐक्टिविटी के लिए मिलना चाहिए l दिल्ली से एकत्रित २.७ लाख करोड़ रुपया का इनकम टेक्स रेवेन्यू एवं २.३२ लाख करोड़ रुपया सीजीएसटी केंद्र के पास जाता है l उनकी माँग केवल २० हज़ार करोड़ रुपया थी l १.२४ लाख करोड़ अन्य राज्यों को एवं ८२२०७ करोड़ का बजट लोकल बॉडीज़ को एलोकेट करने का प्रावधान है l यदि उनकी सुनी जाए तो इस बजट में दिल्ली सरकार एवं एमसीडी को कुछ भी एलोकेट नहीं हुआ है I उन्होंने इस बजट को युवा विरोधी किसान विरोधी बताया है I
हक़ीक़त तो बजट का गहराई से अवलोकन करने के बाद ही पता चलेगी ....