नैशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट एसोसिएशन(इंडिया) के सार्वजानिक मंच से राष्ट्रीय अध्यक्ष रास बिहारी ने किया ऐलान पत्रकारिता की आड़ में चल रहे फर्जीवाड़े के खिलाफ छेड़ी जायेगी राष्ट्रव्यापी मुहीम। इससे पहले फेक न्यूज के खिलाफ मुहीम चलाई गई थी जिसे अच्छा रिस्पॉन्स मिला।
यूनियन की लड़ाई किसी सरकार विशेष से ना होकर पत्रकारों के अस्तित्व एवं बुनियादी अधिकारों के लिये है। जिसमें आजीविका, सुरक्षा एवं अस्मिता भी शामिल है। साथ ही पत्रकारिता की साख को बनाये रखना भी जरूरी है।
एनयूजे (आई) के बेनर तले जयपुर के NIMS परिसर में आयोजित पत्रकार समागम में देश भर से 1500 से भी अधिक पत्रकार शामिल हुये । केन्द्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत एवं फग्गन सिंह, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय एवं NIMS के चेयरमैन डॉ पंकज सिंह सहित राष्ट्रीय एवं राज्यस्तरीय राजनीतिज्ञ, समाजसेवी एवं पत्रकारों ने शिरकत की।
केंदीय मंत्री गजेंद्र शेखावत ने भारत की संस्कृति को सनातन बनाये रखने में पत्रकारों का बड़ा योगदान बताया। समागम में मीडिया काउंसिल के गठन, पत्रकार का राष्ट्रीय रजिस्टर आदि महत्तवपूर्ण विषयों पर भी चर्चा हुई । वयवस्था की जिम्मेदारी जर्नलिस्ट एसोसिएशन ऑफ राजस्थान ने अपने अध्यक्ष राकेश शर्मा के नेतृत्व में निभाईं ।
इसमें दो राय नहीं कि जब भी सामाजिक मूल्यों का पतन होता है समाज का यह चौथा स्तंभ जिसे पत्रकार के नाम से जाना जाता है अपनी लेखनी के माध्यम से चेतना जगाने के लिये खड़ मिलता है। इनके लिये सियासत की अब कुछ तो जवाबदेही बनती है ....
धूम -धाम से मनाया जा रहा है देश भर में 77 वाँ स्वतंत्रता दिवस I प्रधान मंत्री नरेंद्र भाई मोदी ने लाल किले की प्राचीर से ध्वजारोहण कर की समारोह की शुरुवात I सियसतदानों ने लाल किले पर तो आमो-खास ने टीवी पर देखकर ऑर कई एक छत से पतंग उड़ाकर मना रहे हैं स्वातंत्रता दिवस I
सीमावर्ती इलाकों से अर्ध सैनिक बालों एवं सेना के जवानों द्वारा भी ध्वजारोहण करके स्वतंत्रता दिवस मनाये जाने के समाचार मिले हैं I दिल्ली के मूख्यामंत्री द्वारा अपने आवास पर सीआरपीएफ़ के जवानों एवं स्टाफ के साथ ध्वजारोहण कर मनाया स्वतंत्रता दिवस I
लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी ने अपने 90 मिनट के उद्बोधन में दिया अपने दस साल के कार्यकाल का लेखा-जोखा रखा 2047 तक देश को विकसित करने का लक्ष्य I साथ ही भ्रष्टाचार, तुस्टिकरण एवं परिवारवाद को विकास का दुश्मन बताते हुये खत्म करने की अपील .....
हाल ही में हो रहे पश्चिम बंगाल में पंचायती चुनावों के दौरान हिंसक वारदातों में मरने वालों का आंकड़ा 18 पार I मतदान के दौरान कूच बिहार के बूथ नंबर 6/84 में गुस्साये मतदाताओं द्वारा कथित रूप से मतपेटी जलाये जाने के समाचार मिले हैं I डायमंड हरबर, साऊथ 24 परगना आदि इलाकों से मतपेटी लूटे जाने के समाचार भी मिले हैं I नंदी ग्राम से बीजेपी के एमएलऐ सुवेन्दु द्वारा टीएमसी कार्यकर्ताओं द्वारा बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हिंसक हमले किये जाने के आरोप भी लगाए हैं I इन सबके बीच वहाँ का प्रशासन मौन है I
पश्चिम बंगाल की राजनीति को यूँ ही रक्त रंजित राजनीति नहीं कहा जाता, 70 के दशक से लेकर अब तक सियासतें बदलती रही लेकिन हिंसा का दौर बदस्तूर है I यदि गृह मंत्रालय के आंकड़ों पर गौर फरमाया जाये तो 2018 के पंचायती चुनावों के दौरान पश्चिम बंगाल में 23 राजनीतिक हत्यायेँ हुई I एनसीअरबी द्वारा जारी अकड़ों के अनुसार 2010 से 2019 के मध्य यह आंकड़ा 161 पर पहुच गया I 1971 में सिद्धार्थ शंकर रे के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद से राजनीतिक हत्याओं का जो दौर शुरू हुआ उसने पहले की तमाम हिंसा को पीछे छोड़ दिया I
70 के दशक में भी वोटरों को आतंकित कर सीपीएम की पकड़ मजबूत करने के लिए यहाँ पर हिंसा होती रही है 1998 में ममता बनर्जी की ओर से टीएमसी के गठन के बाद वर्चस्व की लड़ाई में हिंसा का नया दौर शुरू हुआ ।1988 पंचायत चुनावों के दौरान कई इलाकों में भारी हिंसा हुई। 2021 में विधानसभा चुनावों के दौरान हुई हिंसक वरदातों के दौरान हुई बीजेपी कार्यकर्ताओं की मौत की जांच उच्च न्यायालय ने सीबीआई को सौंपी है I 50 से भी अधिक मामलों में चार्ज शीट अदालत में पेश कर दी है I
यदि मौजूदा चुनावों की बात की जाये तो 73887 सीटों पर हो रहे मतदान में 2.06 लाख उम्मीदवार मैदान में उतरे हैं I इन चुनावों में टीएमसी, बीजेपी ,सीपीआई एवं कांग्रेस के बीच मल्लयुद्ध है I दोपहर एक बजे तक मतदान की दर 36.36 फीसदी थी I रक्त रंजित राजनीति के परिणामों का खुलासा तो समय आने पर हो ही जायेगा.......
कर्नाटक में हाल ही में हुऐ विधानसभा चुनावों में जीत किसी की संभावना कांग्रेस की प्रबल। मौजूदा सरकार पर विपक्ष द्वारा लगाये गये भ्रष्टाचार के आरोपों का कहीं न कहीं न कहीं बीजेपी को भुगतना पड़ सकता है खामियाजा । नहीं होगा आसान कांग्रेस द्वारा रचाये गये चक्रव्यूह को भेद पाना ।
224 विधानसभा सीट एवं 5.3 करोड़ पंजीकृत मतदाता वाले इस कर्नाटक में 72.67 फीसदी मतदान पड़ा जिसपर 3632 उम्मीदवारों का भविष्य निर्भर करता है । चुनावी माहौल में विकास एवं भ्रष्टाचार की लड़ाई अंतिम क्षणों में बजरंगबली एवं राम के बीच मलयुद्ध में तब्दील हो गई ।
परिणाम जो भी हों कांग्रेस शासित राज्यों के दो मुख्यमंत्रियों भूपेश बघेल एवं बोमई का मानना है कि आने वाले परिणामों में बीजेपी को खासा सबक मिलेगा । और यदि बात टीवी चैनल एवं सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर दिखाये जा रहे एक्जिट पोल्स की की जाये तो यहां पर कांग्रेस को आगे एवं बीजेपी को दूसरे नंबर पर बताया जा रहा है ।
इस बार का चुनावी जुमला अगले 60 सालएल मोदी रहा । कर्नाटक में बाजी पंजे की तय है। बीजेपी के लिऐ बहुत कठिन है डगर पनघट की...
कोर्ट में कनविक्शन के बाद लोक सभा सदस्यता रद्द हो जाने के बाद कांग्रेस के बी बहुचर्चित नेता राहुल गांधी ने तोड़ी खामोशी कहा कि वह देश में लोकतंत्र को बचाने के लिऐ लड़ाई लड़ रहे हैं एवं सदस्यता रद्द किये जाने के बावजूद भी बंद नहीं बंद होगी उनकी आवाज । यदि उन्हे संसद में मौका नहीं मिला तो संसद के बाहर से जारी रखेंगे अपना संघर्ष । एक बार फिर पार्टी के सार्वजनिक मंच से उठाये वही सवाल । अदानी एवं मोदी जी के बीच क्या रिश्ता है एवं अदानी की कंपनी में लगाये गये 2000 करोड़ रुपये किसके हैं I उनका आरोप है कि देश के ऐयरपोर्ट अदानी को रूल बदलकर दिये गये I निरस्त सांसद का कहना है कि इस बाबत उनोहने सबूत एवं डॉक्युमेंट्स के साथ पत्रव्यवहार कर जवाब भी मांगे थे I गौर फरमाने की बात यह है कि सूरत कोर्ट द्वारा मोदी सरनेम केस में दो साल की सजा सुनाने के बाद, शुक्रवार लोक सभा स्पीकर ने उनकी सदस्यता रद्द कर दी I
निरस्तीकरण को लेकर देश के राजनीतिक हलकों में मिली जुली प्रतिक्रियाये हैं I जहां कांग्रेस का मानना है कि राहुल के खिलाफ इस एक्शन से देश में लोकतंत्र की दशा को लेकर दुनिया में खराब संदेश जाते हैं वहीं बीजेपी के नेताओं ने कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया है I केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा है कि ऐसी स्थितियों में लोकसभा स्पीकर को अयोग्यता घोषित करने का अधिकार है. कोर्ट के फैसले के बाद यह निर्णय लेना बहुत जरूरी था. स्पीकर सही फैसला लिया है I केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि राहुल गांधी की ओर से मोदी सरनेम को लेकर की गई टिप्पणी ओबीसी की छवि खराब करने की कोशिश है. और यह अपमान करने जैसा है I
कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल के अनुसार कल से कांग्रेस छेड़ेगी राष्ट्रव्यापी आंदोलन I देश भर में पार्टी के कार्यकर्ता सभी राज्य मुख्यालयों और गांधी प्रतिमाओं पर संकल्प सत्याग्रह करेंगे I हालांकि विपक्ष के सभी घटक राहुल के पक्ष में हैं लेकिन खुदा ना खस्ता यह निरस्तीकरण जारी रहता है तो फायदा किसको.......
पूर्वोत्तर राज्यों याने कि त्रिपुरा, मेघालय एवं नागालैंड में हाल ही में हुऐ विधानसभा चुनावों में फिर एक बार बीजेपी एवं उसके सहयोगी दलों को मिली है मजबूती । स्वयं प्रधान मंत्री नरेंद्र भाई मोदी का मानना है कि पूर्वोत्तर राज्यों के ज़्यादातर मतदाता क्रिश्चन याने कि अल्पसंख्यक समुदाय से हैं , का बीजेपी पर भरोसा बढ़ा है I कहीं न कहीं कांग्रेस की पकड़ हुई है ढीली I 60 सीटों वाली इन राज्यों की विधान सभा में चुनाव प्रक्रिया पूरी हुई है I यदि बात त्रिपुरा की की जाये तो यहाँ पर बीजेपी को दूसरी बार बहुमत हासिल हुआ है I नागालेंड में भी पार्टी का एनडीपीपी के साथ मिलकर सरकार बनाना लगभग तय है I
मेघालय में फिलहाल किसी को बहुमत नहीं मिला है I यहाँ बीजेपी ने पहली लगभग सभी सीटों पर चुनाव लड़ा लेकिन असफलता हाथ लगी I पिछली बार 2 सीटों पर एवं इस बार 3 सीटों पर जीत हासिल की है I प्रधान मंत्री नरेंद्र भाई मोदी का स्टेंड है कि यदि यहाँ पार्टी सरकार बनाने में एनपीपी का साथ देगी I बीजेपी को मिली इस भारी सफलता में प्रधान मंत्री नरेंद्र भाई मोदी एवं गृह मंत्री अमित भाई शाह के साथ असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्व सरमा का भी हाथ माना जा रहा है I तीनों राज्यों में कांग्रेस को नुकसान खासा नुकसान हुआ है । त्रिपुरा में लेफ्ट से गठबंधन करने के बाद कांग्रेस दो सीटों में तो बढ़त मिली है लेकिन रहना तो पड़ेगा सरकार से दूर ही । नगालैंड में कांग्रेस का आंकड़ा जीरो रहा । मेघालय में भी कांग्रेस की हालत पतली रही है इस बार यह आंकड़ा 21 से घटकर 5 सीटों पर सिमट रह गया ।
इस बार के बजट में किये गये फेर बदल कुछ इस प्रकार हैं। 7 लाख की आमदनी पर टैक्स नहीं । इससे 50 फी सदी करदाताओं को मिलेगी राहत । 3 से 6 लाख की आमदनी पर 5 फी सदी, 6 से 9 लाख की आमदनी पर 10 फी सदी, 9 से 12 लाख की आमदनी पर 15 फी सदी एवं 12 से 15 लाख की आमदनी पर 20 फी सदी करभार पड़ेगा । 15 लाख रूपये से अधिक आमदनी वालों को 30 फी सदी कर का भुगतान करना पड़ेगा । टैक्स पर 3 लाख रूपये की छूट एवं आयकर रिबेट को बढ़ाकर 7 लाख रूपये कर दिया गया है ।
सोना चांदी हुऐ महंगे खिलौने, टीवी, इलेक्ट्रिक व्हीकल एवं मोबाइल पार्ट होंगे सस्ते । सरकार ने घटा दी कस्टम ड्यूटी । अब घर बनाने का सपना होगा पूरा । प्रधान मंत्री आवास योजना के बजट में 66 फी सदी इजाफा । मिल सकेगा 50 साल तक का इंट्रस्ट फ्री लोन । रेलवे की भी होगी काया पलट ।
बजट को लेकर देश के राजनीतिक घटकों में मिली जुली प्रतिक्रियायें हैं । जहां बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने इस बजट को लो कल्याणकारी बताया वहीं कांग्रेस पार्टी ने इसे आर्थिक एवं सामाजिक रूप से हाशिये में पर गये मजदूर, आदिवासी एवं दलितों के लिऐ भद्दा मजाक बताया है। यदि वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन की मानी जाये तो देश 5 ट्रिलियन डालर की अर्थव्यस्था की और अग्रसर है । यह बजट डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने वाला है
यदि बात आम आदमी पार्टी की हो तो उसका मानना है कि इस बजट में डीजल पेट्रोल एवं अन्य जरूरी चीजों पर लगने वाली जीएसटी की दर में कोई फेर बदल नहीं है । यह बजट सुपर रिच लोगों को फायदा एवं देश को 15 लाख करोड़ के कर्जे में डुबोने वाला बजट है ।
गुजरात में फिर एक बार लहराया बीजेपी का परचम लेकिन हिमाचल के चुनाव परिणाम आशाजनक ही रहे । तमाम कवायदों के बावजूद सरकार कांग्रेस की ही बनना तय । यदि गुजरात की बात कही जाये तो बीजेपी का गुजरात में लंबा इतिहास रहा है ।
गुजरात में 182 एवं हिमाचल में 88 विधान सभा सीटों पर मतदान हुआ । जहां गुजरात में 156 सीटों पर विजय हासिल कर फिर एक बार फिर बीजेपी एक शक्तिशाली पार्टी के रूप में उभर के आई है । वहीं हिमाचल में 40 सीटों पर जीतकर कांग्रेस ने अपनी पैठ बनाई है ।
आम आदमी पार्टी की दोनो ही राज्यों स्थिति नाजुक ही रही । गुजरात में कांग्रेस की हालत भी पतली ही रही कुल मिलाकर 17 सीटों पर ही जीत हासिल हुई । और इन सब के बीच बीजेपी को लगा दिल्ली निगम चुनावों में झटका l यहाँ 134 सीटों पर जीतकर आम आदमी पार्टी ने साबित की निगम पर दावेदारी l बीजेपी को हासिल हुई 104 सीटों पर जीत l
गुजरात की जीत को ऐतिहासिक जीत बताते हुऐ प्रधान मंत्री नरेंद्र भाई मोदी ने गुजरात की जनता का आभार प्रकट किया है वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पार्टी को राष्ट्र स्तर पर ले जाने के लिये गुजरात एवं पूरे देश को दी बधाई ।
चुनावी गर्मी के साथ सक्रिय हुई दिल्ली के राजनीतिक हलकों सरगर्मियां। आगामी 4 दिसंबर को दिल्ली की 250 निगम सीटों पर मतदान संभावित है । इस बार भारतीय जनता पार्टी एवं आम आदमी पार्टी के बीच कांटे की टक्कर है । समय की रफ्तार के साथ अब कहीं न कहीं ढ़ीली हो गई है कांग्रेस की पकड़ ।
गौर फरमाने की बात यह है कि पिछले 15 सालों से दिल्ली नगर निगम पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है । लंबे इतिहास में चूक की संभावनाओं से भी इंकार नहीं किया जा सकता। सिख सियासत से जुड़ी हुऐ शिरोमणी अकाली दल की दिल्ली शाखा ने भी ऐलान किया है जो पार्टी बंदी सीखों के हित की बात करेगी पंथक उसके साथ रहेगी। गौर फरमाने की बात यह है कि 36 बंदी सिख देश की विभिन्न जेलों में बंद हैं I
आम आदमी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी पर 15 सालों में दिल्ली को कचरे का ढेर बनाने का आरोप लगाया है तो पलट में भारतीय जनता पार्टी ने लगाया नई एक्साइज पालिसी के माध्यम से दिल्ली को नशे का शहर बनाने का आरोप । साथ ही जताई मोटा पैसा लेकर सीटों के आवंटन की संभावना ।फिलहाल रोड शो एवं रैलियों का दौर है। दिल्ली में पल्यूशन भी एक मुद्दा है I निगम को स्वावलंबी एवं इसकी सेवाओं को जन जन तक पहुंचाने के लिये डिजिटलाइजेशन के आश्वासन चुनावी घोषणा पत्रों का एक हिस्सा है I
इस बार के निगम चुनावों में भी कहीं न कही भारतीय जनता पार्टी का पलड़ा भारी जान पड़ता है । आम आदमी पार्टी द्वारा पटकी दिये जाने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता ...
तमाम राजनीतिक कवायदों के बावजूद भक्तों में उत्साह की कमी नहीं है I दिल्ली ही नहीं भारत के विभिन्न स्थानों से धूम-धाम से हो छट माइय्या की पूजा के समाचार मिले हैं I दिल्ली में यमुना मे प्रदूषण के चलते पूजा स्थलों को परिसीमित किये जाने कारण वैकल्पिक घाटों में छट पूजा के इंतेजामात किये गये हैं I आईटीओ स्थित यमुना घाट पर छट पूजा समिति द्वारा वैकल्पिक घाट का निर्माण किया गया है I शकर पुर से लगे हुये यमुना के किनारे डीडीएमए द्वारा लगाये गये प्रतिबंध के कारण आईटीओ के पास बने पूजा स्थल पर ही छट माइय्या के भक्तों की आवाजावी है I सीमित स्थान पर व्यवस्था करना आयोजकों के लिये अपने-आप में एक बड़ी चुनौती है I
रिहायशी इलाकों के पार्कों एवं धार्मिक स्थलों में कृत्रिम तलाब बनाकर पूजा की व्यवस्था की गई है I वहाँ से भी छट भक्तों द्वारा छट पर्व मनाये जाने के समाचार मिले हैं I तामम पाबंदियों के बावजूद भक्तों में उत्साह का माहौल है I छट पर्व उत्तर एवं पूर्व भारत का एक ऐतिहासिक पर्व है जिसे कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी के दिन मनाया जाता है I यह पर्व चार दिन तक चलता है I छट माइय्या की पूजा पानी में खड़े होकर की जाती है I सूर्य अस्त एवं उदय के समय अर्क दिया जाता है I मुरादें पूरी होने पर या मुराद मांगने के लिये भक्त पूजा स्थल तक रेंगते हुये जाते हुये दिखाई देते हैं I रात भर रंगारंग कार्यक्रम चलते हैं I ढ़ोल-नगाड़ों के बीच छट माइय्या के भजनो की आवाज हर जगह गूँजती है I
छट पर्व की व्यवस्था के दौरान यमुना के पानी में अमोनिया फासफोरस से बने झाग के थक्कों के नामपर हुई जमकर राजनीति I जहाँ दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने दिल्ली की आम आदमी सरकार पर केमिकल डाल कर इन झाग के थक्कों को छिपाने का अभियोग लगाया है वहीं भारतीय जनता पार्टी के बाहरी दिल्ली के सांसद प्रवेश वर्मा , पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी एवं सिख नेता मंजिन्दर सिंह सिरसा ने कालिंदी कुंज घाट पर इन झाग के थक्कों को जहरीले केमिकल से खतम किये जाने का आरोप लगाया है I ऑर अंत में दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने कालिंदी कुंज घाट पर काम कर रहे संबंधित विभाग के अधिकारियों को उनका काम करने से रोकने एवं बदसलूकी करने का आरोप लगाते हुये बीजेपी के तेजेंदर बग्गा एवं एक अन्य नेता के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई है I
वैसे अब भी आईटीओ के पास अब भी यमुना में कहीं-कहीं झाग के थक्के हैं I इन सबके बीच एक बार फिर दिल्ली छट माइय्या मय हो गई .....
आज विजयदशमी याने कि दशहरे के दिन जहाँ दुनियाभर में रावण के पुतले को जलाया जाता है , दिल्ली से चंद किलोमीटर दूर एक गाँव ऐसा है जहाँ रावण को जलाया नहीं जाता अपितु उसकी पूजा होती है I जी हां हम बात कर रहे हैं ग्रेटर नोएडा के बिसरक गांव की । दशहरे के दिन यहाँ छा जाती है खामोशी I
यहाँ के लोगों का मानना है कि रावण इसी गाँव का रहने वाला था । यहाँ रावण द्वारा शिव मंदिर है रावण ने अपने हाथों से शिव लिंग की स्थापना की थी । मंदिर के मुख्य द्वार पर रावण के पिता माता वा रावण की मूर्तियाँ हैं । मंदिर परिसर में निर्माण कार्य जारी है । मंदिर के महंत का कहना है कि निर्माणाधीन हिस्से में कुबेर, विश्वकर्मा और रावण की मूर्तियाँ प्रतिस्थापित की जायेंगी । साथ ही धर्मशला का निर्माण कार्य भी जारी है जहाँ पर भक्तों के रुकने के लिए माकूल व्यवस्था होगी ।
यहाँ स्थित श्री मोहन मंदिर योगाश्रम ट्रस्ट परिसर में रावण के प्रतीक को स्थापित किये जाने के विरोध में अगस्त के महीने में कुछ नकाबपोश युवकों के समुह ने जबरन घुसकर प्रतीक को नष्ट कर दिया । आपसी समझौता होने से मामले की प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई । लेकिन मामला मीडिया की सुर्खियों में रहा ।
बिसरख के अतिरिक्त तीन जगह और रावण के मंदिर हैं । विभन्न सूत्रों से प्राप्त जानकारी और उपलब्ध दस्तावेजों के अनुसार कानपुर में दशानन रावण मंदिर, मध्य-प्रदेश के विदीशा में रावण ग्राम का रावण मंदिर और आंध्र-प्रदेश के काकिनाडा में रावण का मंदिर । इसके अतिरिक्त मध्य-प्रदेश के ही मंडसौर में भी रावण का मंदिर है । यहाँ के लोगों का मानना है कि यहाँ रावण और मंडोदरी की शादी हुई थी । इस नाते रावण यहाँ का दामाद है ।
राजस्थान के मंडोर में रावण के मंदिर के तो प्रमाण नहीं मिले लेकिन यहाँ के दवे ब्राहमणों का मानना है कि वे रावण के वंशज हैं । यहाँ दशहरे के दिन रावण का श्राद्ध और पिंड दान दिया जाता है । लंका पर चढाई करने के लिये श्वेत रामेश्वरम पुल बनाये जाने से पहले शिव लिंग की स्थापना करने वाला और भगवान राम को विजई भवो का आशीरवाद देने वाला ब्राहमण भी रावण ही था ।
जहाँ भी रावण का मंदिर है वहाँ शिवालय भी है । क्योंकि भगवान शिव रावण के आराध्य देव हैं । पूरे देश मे जहां दशहरे के दिन रावण दहन होता है वहीं यहां रावण का पूजा जाना यह सोंचने को मजबूर कर देता है कि क्या रावण वास्तव में गलत था......
हर बार की तरह इस बार भी हुई माया नागरी गणपतिमय I गली मोहल्लों से लेकर सार्वजनिक स्थानों पर छोटे बड़े पंडालों में गणपति की भाव्य प्रतिमा के सामने जमकर हुये सांस्कृतिक एवं रंगारंग कार्यक्रम I गणेश चतुर्थी के दिन बप्पा की प्रतिमा का प्रतिस्थापन और ठीक ग्यारवें दिन याने कि अन्नंत चतुर्दशी को ढोल नगाड़े के साथ हर्ष उल्लास से विसर्जन ।
जेट सिक्यूरिटी के बीच विसर्जन के लिये जाते हुवे दक्षिण मुंबई के लाल बाग,के राजा के कुछ अपने अलग ही अंदाज में दिखाई दिये I उनकी एक झलक के लिये के लिये उमड़ती दर्शनार्थियों की भीड़ ।माया नागरी की तर्ज पर राजधानी दिल्ली भी नहीं रही अछूती । यहाँ से भी गली कूचों से लेकर सार्वजनिक स्थलों पर गणपति की छोटी बड़ी प्रतिमा के सामने डीजे की डीजे की तर्ज पर धमाल मचाये जाने के समाचार मिले हैं ।
हर बार की तरह इस बार भी फिर से वापिस लौटकर आने का वायदा करके । पीछे छोड़ गया ना भुलाये जाने वाले साथ बिताये वो लमहे । पेश है एक झलक .......
मौका था आजादी की 76 वीं वर्षगाँठ का मध्य दिल्ली स्थित लाल किले की प्राचीर पर भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र भाई मोदी ने एक बार फिर फहराया तिरंगा I विविधता को भारत की शक्ति बताते हुये प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी ने अगले 25 सालों के लिए पाँच प्रण विकसित भारत,गुलामी से मुक्ति,विरासत पर गर्व,एकता एकजुटता एवं नागरिकों के कर्तव्य गिनवाये I उनका मनना है कि भ्रष्टाचार ने देश की जड़ों को खोखला कर दिया है I जिन्होने देश को लूटा है उन्हे वापिस लौटाना ही होगा I ऑर यह सब सबके साथ एवं सहयोग से ही संभव है I
इस बार स्वतंत्रता दिवस के मौके पर दिल्ली पुलिस के 1 पुलिसकर्मी को मरणोपरांत पुलिस गेलेंटरी मेडल, 2 को राष्ट्रपति पुलिस मेडल एवं 16 पुलिसकर्मी एवं अधिकारियों को पुलिस मेडल से नवाजा गया I थाना शाहबाद डेरी में तैनात कांस्टेबल आनंद सिंह को मोटर साइकिल पर सवार दो लुटेरों के साथ मुठभेड़ में मरणोपरांत गेलेंटरी मेडल से एवं दिल्ली पुलिस के दो सहायक पुलिस आयुक्त पंचम चंद एवं शिवाजी चौहान को कार्य छेत्र में उत्कृष्ठ भूमिका निभाने के लिये राष्ट्रपति पुलिस मेडल से नवाजा गया I पुलिस पदक पाने वालों में पुलिस उपायुक्त भीषम सिंह (मरणोपरांत),पुलिस उपायुक्त हरीश एच पी, सहायक पुलिस आयुक्त इन्दु बाला, पुलिस निरीक्षक हरी प्रभा, उप निरीक्षक सत्येन्द्र कुमार ,सहायक उप निरीक्षक सुभाष चंद्र आदि के नाम शामिल है I
देश भर से जशन-ए-आजादी मनाये जाने के समाचार मिले हैं I सियासतदानों ने लाल किले पर तो आम नागरिकों ने घर में ही टीवी पर सीधा प्रसारण देखकर एवं बच्चों एवं युवाओं ने छत पर पतंग उड़ाकर मना रहें हैं जशन-ए-आजादी I यह आजादी हमें यूँ ही ही मिली I इसे पाने के लिये मंगल पांडे,तात्या टोपे, भगत सिंह, राजगुरु, चंद्र शेखर आजाद, अशफाक उल्ला खां ,पंडित रामप्रसाद बिस्मिल वीर सावरकर जैसे अनगिनत क्रांति वीर थे जिन्होने ब्रिटिश हकूमत की नींव हिला दी I आजादी के बाद देश को सँवारने वाले डॉ राजेन्द्र प्रसाद,नेहरू जी, सरदार पटेल, डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी, लाल बहादुर शास्त्री,पंडित दीन दयाल उपाध्याय, जयप्रकाश नारायण, डॉ राम मनोहर लोहिया,नाना जी देशमुख जैसे मनीषियों के राष्ट्र के लिये समर्पित जनून की एक लंबी दास्तां है ........
टाइम्स नॉव पर आयोजित एक परिचर्चा में भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा मोहम्मद पैगंबर पर किये गये खुलासे को बिना दोनों पक्षों की सुनवाई के सर्वोच्च न्यायालय की एक खंडपीठ के दो न्यायधीश द्वारा की गई टिप्पणी आजकल सुर्खियों में है । टीवी चैनल को परिचर्चा का विषय एवं राजनीतिक हलकों को जैसे मुद्दा मिल गया हो । गौर फरमाने की बात यह है कि यह फैसला नहीं महज एक टिप्पणी है । माननीय जज साहेबानों ने उदयपुर में कन्हैया लाल की गर्दन काट कर की गई निर्मम हत्या के बाद हत्यारों द्वारा मिसाल के तौर पर सार्वजनिक किये जाने का ठीकरा नूपुर शर्मा पर फोड़ा कहा कि उदयपुर की घटना उनके बयान का ही अंजाम है साथ ही दिल्ली पुलिस को नूपुर शर्मा को गिरफ्तार ना किये जाने पर लगाई फटकार । हालांकि यह उस टीवी डिबेट में प्रतिभागी द्वारा हिन्दू धर्म के खिलाफ इस्तेमाल किये गये अपशब्दो से उत्तेजित हो मात्र प्रतिक्रिया थी ।
यदि टीवी पर आयोजित परिचर्चा के दौरान व्यक्त की गई प्रतिक्रिया को विवादस्पद एवं दंगा भडकाऊ बयान माना जा सकता है तो असुद्दीन ओबेसी के सार्वजनिक तौर पर किये गये के ऐलान को हमारे देश के न्यायविद किस श्रेणी में लेंगे I यदि मामला शाहीन बाग का हो या फिर उत्तर पूर्वी ऑर दक्षिण पूर्वी दिल्ली में भड़के दंगे क्यों अपना लेते हैं राजनीतिक दल एवं न्याय प्रणाली संप्रदाय विशेष के लिये एक पक्षीय रुख I हाल ही में भड़के करौली एवं जहाँगीर पुरी के दंगे किसी से छिपे नहीं हैं I यदि मामला अखलाक का हो या फिर हाथरस का हमारे चंद बुद्धिजीवी एवं वामपंथी दल इंसाफ के लिये मोर्चा तान लेते हैं I वहीं जब बात करौली या फिर उदयपुर की आती है तो समाज के इस विशेष तबके को साँप सूंघ जाता है I बस भाईचारा एवं शांति बनाये रखने का ज्ञान पेला जाता है I क्यूँ नहीं दोनों ही मामले में अपराधियों को सजा की मांग की जाती है I भले ही हम आजादी की 75 वी वर्षगाँठ को आजादी के अमृत उत्सव के रूप में मना लें लेकिन आजादी के इतने साल बाद भी दलित एवं सांप्रदाय विशेष के तुष्टीकरण की मानसिक्ता आज भी हमारी राजनीतिक एवं न्यायिक प्रणाली में कहीं न कहीं झलक ही जाती है I
हाल ही में दिये गउदयपुर मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने बयान में गर्दन काटकर हत्या के बाद सोशल मीडिया में वीडियो वायरल करना नादानी मानते हैं बचकानी हरकत मानते हैं I वही राहुल गांधी जब बात हाथरस की या जहाँगीर पुरी दंगे के दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की आती है तो वह मामले को दलित या संप्रदाय विशेष पर सितम का रुख देकर इंसाफ का झंडा लेकर दल बल सहित मैदान में कूद जाते हैं I मौजूदा परिप्रेक्ष में जेहन में एक ही सवाल आखिर कब तक चलेगी वर्ग विशेष के तुष्टीकरण के लिये देश में दोहरी मानसिक प्रणाली ........
देश भर में इस बार के योग दिवस को आजादी के अमृत महोत्सव की कड़ी के रूप में मनाया जा रहा है । स्वयं प्रधान मंत्री नरेंद्र भाई मोदी ने कर्नाटक के मैसूर पैलेस में 15000 लोगों के साथ योगभ्या राष्ट्रपति रामनाथ कोविद भी राष्ट्रपति भवन परिसर में अपने सहयोगियों के योग अभ्यास करते नजर आये । 75 केंद्रीय मंत्रियों द्वारा 75 महत्वपूर्ण स्थानों पर आयोजित योग शिविर में भाग लेने के भी समाचार मिले हैं ।
दिल्ली पुलिस मुख्यालय में पुलिस आयुक्त राकेश आस्थाना अपने सहयोगी पुलिस कर्मियों के साथ योग अभ्यास करते दिखाई दिये । बॉर्डर पर तैनात जवानों ने भी विषम वातावरण के बावजूद योगभ्यास किया । और यदि बात विदेश की की जाये तो संयुक्त राष्ट्र संघ सहित 79 देशों ने भारतीय डिप्लोमेटिक मिशन के साथ सहयोग कर अपने अपने देशों में योग अभ्यास किया ।
और यदि बात भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं सांसद सुधांशु त्रिवेदी की मानी जाये तो इस कड़ी में विश्व के 200 देश भारत के साथ इस कड़ी से जुड़े हैं । कुल मिलाकर दुनिया भर में 25 करोड़ से भी अधिक लोगों के विभिन्न स्थानों पर आयोजित योग शिविर में योग अभ्यास किया ।
कुल मिलाकर दुनिया भर में 25 करोड़ से भी अधिक लोगों के विभिन्न स्थानों पर आयोजित योग शिविर में योग अभ्यास किया । भारत को योग का विश्व गुरु माना जाता है । योग के प्रणेता भारत में ऋषि मुनि एवं चीन में बौद्ध भिक्षु हैं । चीन में भी इससे मिलता जुलता शारीरिक क्रिया अभ्यास किया जाता है जिसे फालुन दाफा के रुप में प्रसिद्ध है । इस बार का ठीम था मानवता के लिए योग I
हाल ही में उदयपुर में नव निरवाण शिवर के आयोजन के बावजूद भी नहीं संभाल पाई कांग्रेस पार्टी अपने दिग्गज नेताओं को । पहले हार्दिक पटेल फिर सुनील जाखड़ और अब कपिल सिब्बल ने किया कांग्रेस को गुड बाये । तीनों की ही गिनती कभी पार्टी में कद्दावर नेताओं के रूप में होती थी । गुजरात से कभी पाटीदारों के नेता कहे जाने वाले हार्दिक पटेल की एंट्री पार्टी में हाल ही में हुई थी उनका इतिहास कुछ ज्यादा पुराना नहीं चंद साल पुराना है लेकिन सुनील जाखड़ की तीन पीढ़ियां पार्टी को समर्पित थीं । उनका स्वयं का इतिहास पार्टी में 30 साल पुराना है । वह पंजाब कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एवं पंजाब विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभा चुके हैं ।
और यदि बात पेशे से वकील कपिल सिब्बल की कही जाये तो उनकी गिनती पार्टी के तेज तरार नेता के रूप में होती थी वह पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं कांग्रेस शासन काल में केंद्रीय मंत्री पद का दायित्व निभा चुके है । वह राम जन्म भूमि मामले में एडवोकेट प्रतिपक्ष एवं अन्य कई राष्ट्रीय मुद्दों के लिए मीडिया की सुर्खियों में रहे हैं । सुनील जाखड़ ने बीजेपी एवं कपिल सिब्बल के समाजवादी पार्टी ज्वाइन करने के समाचार मिले हैं । हालांकि कपिल सिब्बल का कहना है कि उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के रुप में राज्य सभा का नामांकन पत्र दाखिला किया है एवं समाजवादी पार्टी उन्हें समर्थन दे रही है । और यदि बात हार्दिक पटेल की की जाये तो उनका रुख अभी क्लियर नहीं है । आखिर ऐसा क्या हुआ कि सीमित अंतराल मे तीन नेता क्रमवार इस्तीफा देने को मजबूर हुए । यदि इनकी सुनी जाए तो पार्टी खुद ही द्वारा निर्धारित मानदंडों से डगमगा गई है। कहीं ना कहीं अभिव्यक्ति की आजादी का अभाव है । या कहिये शीर्षस्थ नेता उनकी बातों को तवज्जु नहीं देते । एक घुटन सी महसूस होती है। फिरकापरस्ती की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता ।
बात अभिव्यक्ति की आजादी की हो या फिर फिरकापरस्ती की कहीं न कहीं अब जरूरी समय अनुसार पार्टी में ढाँचागत बदलाव......
काशी विश्वनाथ परिसर से सटी हुई ज्ञान व्यापी मस्जिद के सर्वेक्षण के बाद वजु घर परिसर में शिवलिंग के पाये जाने पर हिन्दू पक्ष के सामने मुस्लिम पक्ष भी मैदान में उतरा I जहाँ हिन्दू पक्ष का मानना है कि मस्जिद परिसर में स्थित उजु घर में शिवलिंग है वहीं मुस्लिम पक्ष की दलील है कि वजु घर में जिसे शिवलिंग बताया जा रहा है वह शिवलिंग नहीं फाउंटेन है I इस दलील को लेकर मुस्लिम पक्ष सर्वोच्च न्यायालय में पहुँच गया यह बात ऑर है कि कोर्ट ने इस बाबत नोटिस भी जारी कर दिया है कि वाराणसी के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट द्वारा वजु घर जहां पर शिवलिंग मिला है सुरक्षा के घेरे में लिया जाना चाहिए I मस्जिद में नमाज पढ़े जाने पर पाबंदी नहीं है लेकिन वजु की व्यवस्था किसी अन्य स्थान पर की जाए I साथ ही निचली अदालत में इस बाबत कार्यवाही के सुझाव दिये हैं I कोर्ट द्वारा नियुक्त एडवोकेट कमीशनर अजय मिश्रा एवं उनकी टीम द्वारा किए गए सर्वेक्षण से भी शिवलिंग मिलने की पुष्टि होती है यह बात ऑर कि रिपोर्ट दाखिल किये जाने से पूर्व ही रिपोर्ट के तथ्यों को सार्वजनिक करने अभियोग में एडवोकेट मिश्रा को हटकर उनकी जगह एडवोकेट विशाल सिंह को एडवोकेट कमीशनर नियुक्त किया गया है ऑर एडवोकेट मिश्रा को रिपोर्ट बनाने में उनके सहयोगी के रूप में कार्य करना होगा I मुस्लिम पक्ष की दलील जो भी हो हिन्दू वास्तु शास्त्र के अनुसार नंदी जी का मुह शिवलिंग की तरफ होता है I अब गौर फरमाते है काशी विश्वनाथ परिसरपर तो यहाँ नंदी जी का मुख शिवलिंग की बजाये मस्जिद की तरफ है ऑर दीवार के पीछे वजु घर है जहां पर कथित तौर पर शिवलिंग होने के प्रमाण हैं I
हिंदू पक्ष का कहना है कि 1669 में मुगल शासक औरंगजेब ने यहां काशी विश्वनाथ मंदिर को तोड़कर ज्ञानवापी मस्जिद बनाई थी. हालांकि, मुस्लिम पक्ष का कहना है कि यहां मंदिर नहीं था और शुरुआत से ही मस्जिद बनी थी I यदि इतिहास के पन्नों एवं उपलब्ध जानकारियों को खंगाला जाये तो प्रमाण शिवलिंग के ही मिलते हैं I मुगलकालीन इतिहासकारों के अनुसार काशी के मुख्य शिवालय को ध्वस्त करने के बाद बेशकीमती पत्थर जैसे दिखाई देने वाले शिवलिंग को आक्रांता अपने साथ ले जाना चाहते थे I तमाम कोशिशों के बाद भी वह शिवलिंग को अपने स्थान से नहीं हिला पाये आखिर उन्हे शिवलिंग छोड़ कर जाना पड़ा I बीएचयू के इतिहास विभाग के प्रो. प्रवेश भारद्वाज के अनुसार कुतुबुद्दीन ऐबक, रजिया सुल्तान, सिंकदर लोदी और औरंगजेब ने काशी के देवालयों को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया। सभी ने अपने-अपने काल में काशी के प्रधान शिवालय पर भी आक्रमण किए। मंदिर का खजाना लूटा लेकिन लाख कोशिश के बाद भी शिवलिंग को अपने साथ नहीं ले जा सके। अंग्रेज दंडाधिकारी वॉटसन द्वारा 30 दिसम्बर 1810 को ‘वाईस प्रेसिडेंट ऑफ कॉउन्सिल’ में ज्ञानवापी परिसर हिन्दुओं को सौपे जाने की गुजारिश की गई । उनके अनुसार परिसर में हर तरफ हिंदुओं के देवी-देवताओं के मंदिरों का होना एवं मंदिरों के बीच में मस्जिद का होना इस बात का प्रमाण है कि वह स्थान भी हिंदुओं है। ब्रिटिश शासन ने उनके द्वारा की गई गुजारिश को खारिज कर दिया । तब से ज्ञानवापी परिसर को लेकर दोनों पक्ष अपने-अपने दावों पर अड़े हैं। संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग(बीएचयू) द्वारा किए गए शोध के अनुसार 1809 में ज्ञानवापी को लेकर हिंदू-मुस्लिम के मध्य संघर्ष हुआ ऑर ज्ञान व्यापी मस्जिद पर हिंदुओं का कब्जा हो गया I 11 अगस्त 1936 को स्टेट कॉउंसिल, अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी तथा सुन्नी सेंट्रल वफ्फ बोर्ड ने याचिका दायर की। 1937 में केस को खारिज हो गया। पांच साल तक चला मामला 1942 में हाईकोर्ट में गया। तब से विवाद चला आ रहा है I
1991 में वाराणसी के पुजारियों के एक समूह ने अदालत में याचिका दायर कर ज्ञान व्यापी मंदिर परिसर में पूजा की अनुमति मांगी थी I उच्च न्यायालय ने 2019 में याचिकाकर्ताओं की सर्वे की मांग जाने पर रोक लगाने का आदेश दिया I विवाद तब गहराया जब पाँच हिन्दू महिलाओं ने मस्जिद परिसर के भीतर शृंगार गौरी एवं अन्य मूर्तियों की नियमित पूजा करने की मांग की I फिलहाल चौथे नवरात्रे के दिन साल में एक बार पूजा करने की इजाजत है I दोनों ही पक्षों के दावे अदालत में हैं एवं मामला कोर्ट में विचारधीन है ।
कर्नाटक के एक स्कूल में सदियों से चले आ रहे ड्रेस कोड की अवमना कर समुदाय विशेष की एक छात्रा के हिजाब पहनकर आने एवं अन्य छात्राओं द्वारा अनुसरण से उठी चिंगारी की लपटें ऐन पाँच राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले दक्षिण से उत्तर भारत तक विशेषकर उत्तर प्रदेश में स्पष्ट दिखाई दी I छात्राओं के समर्थन में चंद राजनीतिक दलों द्वारा उलेमाओं को आगे कर विभिन्न स्थानों से प्रदर्शन एवं जमकर नारेबाजी के उन दिनों के समाचार भी मिले हैं I
मामला स्थाननीय हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट में पहुँचा I मामला फिलहाल ठंडे बस्ते में है I यह बात और है कि उत्तरप्रदेश में हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में इसका असर न के बराबर रहा I स्वयं इन दलों के कुछ नेताओं ने दबी जुबान कबूला है गलत समय पर हुई इस हल्लेबाजी से प्लेटफॉर्म दूसरों को मिला I मसाला हिजाब का नहीं स्कूलों में ड्रेस कोड की अवहेलना कर हिजाब पहन कर आने का है I
हिजाब पहनकर स्कूल परिसर में प्रवेश न मिलने पर जिद में चंद छात्राओं का हिजाब पहनकर अल्लाह हू अकबर की नारेबाजी लगाकर परिसर के बाहर चक्कर लगाना पिछले दिनों मीडिया में वायरल हुआ I जिसे बाद मे चंद फिरकपरस्तों द्वारा अपनी ही विचारधारा वाले चंद उलेमाओं के साथ मिलकर राजनीतिक तुष्टीकरण के लिए हवा दी गई I स्वयं मुस्लिम युवतियों का कहना है कि वह केवल खास मौके पर ही आवश्यकता अनुसार हिजाब ऑर बुर्के का इस्तेमाल करती हैं I इन सबके बीच विचारणीय है तो बस सदियों से चली आ रही बुर्के ऑर हिजाब की परंपरा को पीछे छोड़ आई खुले माहौल में जीने वाली इन युवतियों को मंजूर वही बंदिश.......
जहाँ भारतीय जनता पार्टी एवं आम आदमी पार्टी के दिल्ली स्थित मुख्यालयों में दिखाई दिया जशन माहौल वही कॉंग्रेस पार्टी के मुख्यालय में छाई रही फिर वही खामोशी I चुनावी समीकरणों ने बाजी पलटी 4 राज्यों में भारतीय जनता पार्टी एवं एक राज्य में आम आदमी पार्टी की सरकार बनना तय I इस बार के चुनाव परिणामों की खासियत अपने राज्यों में दिग्गज कहे जाने वाले कुछ कद्दावर नेता हुए धराशाही I
उत्तर प्रदेश में एक बार फिर योगी आदित्यनाथ बनेंगे मुख्यमंत्री ऑर पंजाब में भगवंत मान का मुख्यमंत्री बनना तय I उत्तराखंड,गोवा एवं मणिपुर के चुनाव परिणाम भी भारतीय जनता पार्टी के हक में गये हैं I इन पाँच राज्यों के चुनाव में यदि किसी को झटका लगा है तो वो है देश की प्राचीनतम पार्टी कॉंग्रेस I हालांकि काँग्रेस के वरिष्ठ नेताओं यह कह के दिल को तसल्ली दे रहे है कि कम सीटें ही सही उत्तर प्रदेश में एंट्री तो मिली, कहीं न कहीं अब पार्टी के लिए जरूरी है चुनाव परिणाम को लेकर आत्म मंथन I
वैसे उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की हालत भी नाजुक रही लेकिन यदि पिछले चुनावों से तुलना की जाए तो नाजुक स्थिति में भी पार्टी में कहीं न कहीं मजबूती साफ दिखाई देती है I वैसे यदि पंजाब में देखा जाए कम सीटें ही सही भारतीय जनता पार्टी की एंट्री पंजाब में आखिर हो ही गई I प्रधान मंत्री नरेंद्र भाई मोदी ने विधानसभा चुनाव 2022 में भारतीय जनता पार्टी को मिले अभूतपूर्व जनसमर्थन के लिए जनता का आभार एवं अभिनंदन करते हुए इसे लोकतंत्र की जीत बताया ......
केंद्रीय वित्त मंत्री सुश्री निर्मला सीतारामन द्वारा सदन के पटल पर रखे गये बजट 2022-2023 पर देश के राजनीतिक हलक़ों में मिली जुली प्रतिक्रियायेँ हैं I जहाँ सियासतदानों स्वयं वित्त मंत्री का मानना है कि अगले 25 साल कि बुनियाद रखने वाले इस बजट को समाज के सभी वर्गो की आशाओं को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है I I प्रधान मंत्री नरेंद्र भाई मोदी राय अनुसार कोरोना संक्रामण के कारण आर्थिक मंदी के मध्य-नजर करदाताओं पर किसी प्रकार का अतिरिक्त बोझ नहीं डाला गया I याने कि आयकर की दरों में किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया गया है I वहीं पूर्व वित्त मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदम्बरम ने बजट को पूंजीवादी बताते हुये कहा कि कोरोना के कारण छाही आर्थिक मंदी के कारण करोड़ों की नौकरी चली गई I लगभग 85 प्रतिशत घरों की आय टूट गई है I किसान एवं बच्चे जैसे सात आठ पहलू हैं जिनको बजट में नजर अंदाज किया गया है I लोक कल्याण को ताक पर रखकर पेट्रोलियम, फर्टिलाइजर एवं खाद्य सामाग्री पर मिलने वाली राहत में लगभग 27 फीसदी कटौती की गई है I
2021-22 के बजट में पेट्रोलियम पर 6517 फर्टिलाइजर पर 140000 करोड़ एवं खाद्य सामाग्री पर 286219 करोड़ रूपये की राहत राशि का प्रावधान था जबकि नए याने कि 2022-2023 के बजट में घटकर यह राहत पेट्रोलियम पर 5813 करोड़, फर्टिलाइजर पर 105000 करोड़ एवं खाद्य सामाग्री 206481 करोड़ रूपये रह गई है I अब गौर फरमाते हैं इस बजट के कुछ अन्य पहलुओं पर I अब चमड़े एवं उससे बनी वस्तुयें, मोबाइल ऐसेसरी एवं कृषि पदार्थो के दाम कम होंगे, हीरे पर कस्टम ड्यूटि 5 फीसदी घटी,क्रिप्टो करेंसी से होने वाली आय पर 30 फीसदी कर लगेगा एवं कैपिटल गुड्ज पर लगने वाली कस्टम ड्यूटि में 7.5 फिसदी की रियायत दी गई है I अब बैंक बिना ईसीजीएलएस के मदद कर सकेगा I डिफेंस के लिए 25 फीसदी बजट का हिस्सा एवं 5.5 लाख करोड़ रूपये का इंफ्रास्ट्रक्चर का प्रावधान है I
वित्त मंत्री द्वारा किए गए खुलासे के अनुसार एयर इंडिया की विनिवेशिकरण प्रक्रिया पूरी हो चुकी है एवं प्रक्रियानुसार जीवन बीमा निगम की विनिवेशिकरण प्रक्रिया वित्तीय वर्ष में शुरू हो जाएगी I सरकार जीवन बीमा निगम का आईपीओ निकालने की तैयारी में है I पेट्रोलियम, फर्टिलाइजर एवं खाद्य सामाग्री पर मिलने वाली राहत में की गई कटौती के कारण नहीं होगा आसान सरकार के लिए महंगाई पर नियंत्रण रखना .....