100 दिनों में होने वाले सभी विधायक फंड ठेके की निगरानी में ऑडिट जरूरी
दिल्ली : सरकार एवं विधानसभा के कार्यकाल के लगभग अंतिम क्षणों में मुख्य मंत्री आतिशी मार्लेना द्वारा वार्षिक विधायक फंड को 10 करोड़ रूपए से बढ़ा कर 15 करोड़ करने की घोषणा मात्र एक छलावा । भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा एवं नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता का मानना है कि विधायक फंड वृद्धि क्षेत्रीय समस्यों के समाधान एवं विकास में कम और सत्तारूढ़ विधायकों की कमीशनखोरी व ठेकेदारों और अधिकारियों की बंदरबाँट में ज्यादा खर्च होने की पूरी सम्भावना है।
दिल्ली में वार्षिक विधायक फंड 10 करोड़ है, वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 2020 से प्रारम्भ हुआ पर अरविंद केजरीवाल सरकार ने पहले 4 सालों में 40 करोड़ रूपये की जगह सिर्फ 15 करोड़ रूपये विधायक फंड दिया जिसका बड़ा सबूत है दिल्ली की आंतरिक सड़कों एवं गलियों की बदहाली एवं चरमराई सीवर व्यवस्था जिस पर अधिकांश विधायक फंड लगता था।
अब जब सरकार एवं विधानसभा का जीवन अपने अंतिम 100 दिन में पहुंच चुका है और आम आदमी पार्टी के विधायक पार्षद सब बिखर रहे हैं तब उन्हें रोकने के लिए सुश्री आतिशी मार्लेना ने यह पांच करोड़ की अतिरिक्त राशि घोषित की है।
दिल्ली वाले भली भांति जानते हैं की यह अतिरिक्त राशि विधायक फंड बनने में लगभग एक माह का प्रशासनिक समय लग जायेगा और टेंडर प्रक्रिया में भी समय लगता है। इस बीच मे चुनाव आचार संहिता लग जायेगी। इस सब के चलते इस सरकार का कार्यकाल समाप्त हो जायेगा तथा उसी के साथ विधायक कोष की अवधि भी समाप्त हो जायेगी।
इस वस्तु स्थिति को समझते हुए प्रदेश भाजपा सरकार से माँग करती है कि इस समय अवधि में अतिरिक्त विधायक कोष से विकास कार्य सुनिश्चित हो । इसके साथ ही अंतिम 100 दिनों में होने वाले सभी विधायक फंड के खर्च की पूरी आडिट निगरानी में हो।
10:58 pm 10/10/2024