रेहडी पटरी कानून 2014 के तहत 5 लाख से अधिक रेहड़ी पटरी वालों को लाईसेंस दिया जाना था
दिल्ली: झुग्गी झौपड़ी में रहने वाले मजदूर जिन्होंने तपती गर्मी और कड़कती ठंड में दिल्ली मेट्रो, फ्लाई ओवर, गगनचुंबी इमारतें और घर बनाए हैं, उन्ही के आशियाने उजाड़कर भाजपा गरीब विरोधी होने का सबूत दे रही है। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के अनुसार रेहड़ी पटरी एक्ट 2014 रेहड़ी पटरी अजीविका सरंक्षण कानून 2014 को कांग्रेस की यूपीए सरकार ने देश भर में शहरी रेहड़ी पटरी विक्रेताओं की अजीविका की रक्षा और उनकी गतिविधियों को नियमित करने के लिए कानून बनाकर रेहड़ी पटरीवालों को उनकी अजीविका की सुरक्षा प्रदान करने का अधिकार दिया था। दिल्ली में 5 लाख से भी अधिक रेहड़ी पटरीवाले है जिनको स्थाई जगह और नियमित करने के लिए सरकारों को सर्वे किया जाना था और टाउन वेंडिंग कमेटियों को गठन करके उन्हें लाईसेंस जारी किया जाना था, परंतु आम आदमी पार्टी ने अपने 11वर्षों के शासन में और भाजपा ने निगम की सत्ता सहित दिल्ली की सरकार में आने के बाद रेहड़ी पटरी वालों को स्थाई जगह देने के लिए कोई काम नही किया बल्कि विकास के नाम पर इन्हें हटाने का काम कर रही है।
झुग्गी झौपड़ी में रहने वाले मजदूरों ने दिल्ली मेट्रो, फ्लाई ओवर, गगनचुंबी इमारतें और हमारे घर बनाएं हैं। भाजपा सरकार उन्हीं मजदूरों के आशियानों को उजाड़कर अपने गरीब विरोधी होने का सबूत दे रही है, क्योंकि यही मजदूर हैं जो तपती गर्मी और कड़कती ठंड में भी दिल्ली को संवारने का काम करते हैं। दिल्ली की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में अहम भूमिका निभाने वाले लाखों रेहड़ी पटरीवालों को सरोजनी नगर मार्केट, लाजपत नगर मार्केट, औखला, मजनू का टीला, खैबर पास, दिल्ली कैंट सदर बाजार सहित दिल्ली भर में भाजपा उजाड़ने का काम कर रही है। रेहडी पटरी कानून 2014 के अनुसार दिल्ली की जनसंख्या के अनुपात में 5 लाख से अधिक रेहड़ी पटरी वालां को लाईसेंस देना था परंतु न तो आम आदमी पार्टी ने और न ही भाजपा सरकार रेहड़ी पटरी वालों को लाईसेंस देने के पक्ष में नही है। उल्टा उनको उजाड़ने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कहीं ऐसा तो नही कि रेहड़ी पटरियों को उजाड़कर बड़े पूंजीपतियों द्वारा बनाए गए बड़े-बड़े मॉल और स्टोर को फायदा पहुँचाने की नियत से तो यह कार्यवाही नही हो रही? रेहड़ी पटरीवालों को लाईसेंस न दिए जाने की वजह से पुलिस और स्थानीय निकाय उनको तंग करते है और हटाने के नाम पर पैसे मांगते हैं।
सरकार विकसित दिल्ली के नाम पर झुग्गीवालों को विस्थापित करने की जगह उन्हें उजाड़ने का काम रही है। तैमूर नगर, नंद नगरी, दिलशाद गार्डन, मद्रासी कैंप, यमुना खादर चिल्ला गांव की झुग्गी और प्रस्तावित औखला विहार, जौहरी फार्म, जसोला, मदनपुर खादर, श्रम विहार, सरिता विहार और शाहीन बाग में तोड़फोड़ करके दिल्ली के लाखों लोगों से वोट लेकर भाजपा गरीबों के साथ वादा खिलाफी कर रही है। शीला दीक्षित सरकार ने कालका जी में जहां झुग्गी वहीं मकान योजना के तहत वहां जेजे क्लस्टर के निवासियों के लिए फ्लैट बनाने का काम शुरु किया जिनको चाबी देने का श्रेय भाजपा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लिया। यही प्रकिया पिछले विधानसभा चुनावों में अशोक विहार स्थित निर्माणाधीन फलैटों की चाबी प्रधानमंत्री द्वारा की गई। भाजपा लोगों बसाने का सिर्फ श्रेय लेती है उनको बसाने का काम कभी नही किया उल्टा चुनावों में गरीब झुग्गीवालों को मकान देने का वादा करने के बाद उन्हें उजाड़ने का काम कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट ने सरकार, निकायों को आदेश जारी किया है कि बिना वैकल्पिक व्यवस्था के कोई भी सरकारी संस्था दिल्ली में बसी झुग्गी बस्तियों को उजाड़ नही सकती, जबकि डीडीए की भी यही पॉलिसी है कि बिना वैकल्पिक व्यवस्था के डीडीए अपनी जमीन पर बसी झुग्गियों को उजाड़ नही सकती। लेकिन भाजपा गरीब झुग्गीवालों को उजाड़कर उनके सर से छत छीनने का काम कर रही है, जिसका कांग्रेस पार्टी विरोध करती है। उन्होंने कहा कि यदि भाजपा सरकार ने गरीबों की झुग्गियां तोड़ने और रेहड़ी पटरीवालों का रोजगार छीनने की कार्यवाही को बंद नही किया तो कांग्रेस इसका सड़कों पर विरोध करेगी।
05:21 pm 22/05/2025