राजीव गांधी की दूरदर्शी सोच से ही आज विश्व स्तर पर एआई को लेकर हो रहे हैं अंतरराष्ट्रीय समझौते
दिल्ली: पूर्व प्रधान मंत्री भारत रत्न राजीव गांधी की 35 वीं पुण्यतिथि पर वीरभूमि एवं प्रदेश मुख्यालय में कांग्रेस के आलाकमान सहित राष्ट्रीय एवं राज्यस्तर के पदाधिकारियों द्वारा पुष्पांजलि एवं परिसर में स्थित उनकी प्रतिमा को माल्यार्पण करने के समाचार मिले हैं । उनकी दूरसंचार को लेकर दूरदर्शी सोच के कारण ही भारत आज विश्व स्तर पर ए.आई. (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) को लेकर अंतर्राष्ट्रीय समझौते कर रहा है । उनका कहना था कि भारत एक प्राचीन देश, लेकिन एक युवा राष्ट्र है। वह जवान हैं और उनका भी एक सपना है। उनका सपना था भारत को मजबूत, स्वतंत्र, आत्मनिर्भर और दुनिया के सभी देशों में से प्रथम रैंक में लाना ।
21वीं सदी के भारत के निर्माण में राजीव जी ने अद्वितीय भूमिका का निर्वाह किया। मतदान की आयु घटाकर 18 वर्ष करना, पंचायती राज को मजबूत करना, दूरसंचार और आईटी क्रांति, कम्प्यूटरीकरण कार्यक्रम, निरंतर शांति समझौते, महिला सशक्तिकरण व भागीदारी के लिए उन्होंने कई सुखद क़दम परिवर्तनकारी उठाएँ। समाज के सभी तबकों के कल्याण को ध्यान में रख कर अपने शासनकाल में 11 नीतियां बनायी। इसमें नयी शिक्षा नीति, आवास नीति, नई स्वास्थ्य नीति, नयी सिंचाई नीति प्रमुख है। कई संस्थाओं की स्थापना की। पीने का पानी, टीकाकरण, साक्षरता, बाढ़ नियंत्रण, खाने के तेल, दुग्ध उत्पादन और टेलीकॉम पर टेक्नालाजी मिशन बनाया।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव के अनुसारआज अगर विश्व के विकसित/विकासशील देशों में भारतीय युवा कम्युटर जगत और तकनीकी क्षेत्र में आगे बढ़कर काम कार रहे है तो वह राजीव जी की देन है। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी ने कभी देशवासियों को धर्म, जाति, वर्ग विशेष की दृष्टि से नही देखा बल्कि प्रत्येक देशवासी को संविधान के अंतर्गत समान अधिकार और अवसर देने की सोच के साथ काम किया, जिसको शायद फिरका परस्त ताकतों को बर्दाश्त नही कर सकीं और राजीव जी को देश के लिए अपना बलिदान देना पड़ा।
07:21 pm 21/05/2025