दिल्ली: राजा इकबाल सिंह को दिल्ली के महापौर के रूप में चुने जाने के बाद नैतिकता के आधार पर स्थायी कमेटी की सदस्यता से इस्तीफा दे देना चाहिये । सदन के नेता विपक्ष अंकुश नारंग का मानना है कि निगम के अंतर्गत बनाई गई कमेटियां जिनमें स्टैंडिंग कमेटी भी है महापौर को रिपोर्ट करती हैं । कुल मिलाकर निगम मेयर के दिशा निर्देश में काम करती है । ऐसे में मेयर का स्थायी समिति का सदस्य के पद पर बरकरार रहना प्रोटोकॉल का उलंघन हैं। उन्होंने इस बाबत दिल्ली के मेयर को आज खत भी लिखा है ।
इस बार की सदन की कार्यवाही के बारे में बताते हुए नेता विपक्ष ने कहा कि पिछले ढाई साल में पहली बार निगम का सत्र पाँच घंटे चला । इसका श्रेय विपक्ष की सकारात्मक भूमिका को जाता है ।जहाँ जहाँ जरूरत पड़ी प्रोटेस्ट भी हुए लेकिन सदन की कार्यवाही में रुकावट नहीं आई । 66 पार्षदों ने सदन में अपनी बात रखी एवं पीड़ा जताई । सबसे ज्याद बीजेपी के पार्षद परेशान दिखाई दिए । रिहायशी एवं व्यवसायिक प्रॉपर्टी से यूजर चार्जेज हटाए जाने का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि इसका श्रेय रेसिडेंट एवं व्यावसायिक एसोसिएशन और आम आदमी पार्टी के पार्षदों को जाता है । आम आदमी पार्टी के मेयर के कार्यकाल में हाउस टैक्स के लिए पास किए गए प्रस्ताव को लागू नहीं किया गया । इस प्रस्ताव के अनुसार 100 गज की प्रॉपर्टी पर 0 हाउस टैक्स एवं 500 गज की प्रॉपर्टी तक 50 फीसदी की रियायत । इससे ज्यादा लोग हाउस टैक्स भरने के लिए प्रोत्साहित होते और कहीं ना कहीं निगम की आगम बढ़ती ।