दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, जिसे कौम की एक प्रतिष्ठित संस्था माना जाता था, जिसे हमारे बुज़ुर्गों ने दिल्ली में गुरुधामों की सेवा को सुसंगठित रूप से संभालने, सिखी के प्रचार-प्रसार और सिख परंपराओं की रक्षा हेतु स्थापित किया था। इस कमेटी में कई सम्मानित और कौमी हितों के लिए समर्पित व्यक्तित्वों ने सेवा निभाई है। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य सरदार जतिंदर सिंह सोनू और सरदार सतनाम सिंह के अनुसार जब से मौजूदा गुट ने सरकारी सरपरस्ती के तहत नियमों की खुल्लम-खुल्ला अवहेलना करके दिल्ली कमेटी पर कब्ज़ा किया है, तब से इन्होंने एक-एक करके हमारी परंपराओं और रिवायतों को मिटाने का मिशन शुरू कर दिया है। इसकी ताज़ा मिसाल है वह आयोजन, जो कौम हर साल दिल्ली फतेह दिवस के रूप में लाल किले पर मनाती है। इस बार इन आयोजनों के दौरान जो निशान साहिब वहां लहराए जाने थे, वहाँ हमारी पारंपरिक निशान साहिब की जगह दिल्ली कमेटी की ओर से भ्रम पैदा करने के लिए छत्रपति शिवाजी के झंडे से मिलता-जुलता निशान साहिब लहराया गया। यह सिख परंपराओं की सीधी अवहेलना है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।