350 वीं शहीदी जयंती पर आयोजित सेमिनार में बंदी सिखों की रिहाई का प्रस्ताव पारित

दिल्ली/अमृतसर: श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की 350वीं शहीदी जयंती पर दिल्ली में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा आयोजित भव्य सेमिनार में बंदी सिखों की रिहाई की मांग वाला एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया, जिसका उपस्थित लोगों ने हाथ उठाकर और जयकारे लगाकर समर्थन किया। इंडिया हैबिटेट सेंटर के स्टाइन ऑडिटोरियम में ‘गुरु तेग बहादुर साहिब जी धरम की चादर’ विषय पर आयोजित इस सेमिनार में एसजीपीसी अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी, श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गढ़गज्ज, शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष स. सुखबीर सिंह बादल, बाबा दविंदर सिंह बड़ू साहिब और शिरोमणि अकाली दल दिल्ली इकाई के अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना ने संबोधित किया, जबकि प्रसिद्ध विद्वान डॉ. जसपाल सिंह पूर्व कुलपति, डॉ. मनमोहन सिंह पूर्व आईपीएस, पूर्व राजदूत केसी सिंह, प्रो. हिमाद्री बनर्जी, डॉ. परमवीर सिंह, प्रो. राज कुमार हंस, प्रो. धरम सिंह और डॉ. हरिंदर सिंह ने अपने शोध-समृद्ध पत्र पढ़े। इस अवसर पर बोलते हुए एसजीपीसी अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी ने दूसरों के धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी, जो विश्व के इतिहास में अनुकरणीय है। उन्होंने कहा कि गुरु साहिब के इसी बलिदान के कारण भारत की संस्कृति जीवित है। दिल्ली के लाल किले पर देश का झंडा सिख गुरुओं के बलिदान की देन है। उन्होंने कहा कि नौवें पातशाह की शहादत धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए थी, लेकिन दुखद पहलू यह है कि आज अपने ही देश में सिखों के साथ अन्याय हो रहा है। तीन दशक जेल में बिताने के बाद भी सिख कैदियों को रिहा नहीं किया जा रहा है। एडवोकेट धामी ने कहा कि जेल में बंद सिखों की रिहाई की मांग कोई भीख मांगने जैसा काम नहीं है, बल्कि संविधान के अनुसार यह जायज मांग है, इसलिए सरकार को तुरंत उनकी रिहाई की घोषणा करनी चाहिए। अपने विचार साझा करते हुए श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गढ़गज्ज ने कहा कि 350वीं शहीदी शताब्दी को समर्पित दिल्ली में आयोजित विशेष सेमिनार एक सराहनीय पहल है। उन्होंने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी ने उस समय के दबे-कुचले पक्ष के तिलक और जंजू की रक्षा के लिए अपनी शहादत दी और धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों की रक्षा का अनूठा संदेश दिया, जो समस्त मानवता के लिए प्रेरणा का स्रोत है। परन्तु आज 350 वर्षों के बाद जब हम दिल्ली की इसी धरती पर, जहाँ गुरु साहिब जी शहीद हुए थे, गुरु साहिब की शहादत को याद कर रहे हैं, तो यह दुःख की बात है कि हमारे बंदी सिंह आज भी तिहाड़, पटियाला और बुड़ैल जेलों में कैद हैं। मानवाधिकारों के मद्देनजर, केंद्र सरकार की यह जिम्मेदारी है कि वह बंदी सिंहों को रिहा करके गुरु साहिब को सम्मान दे। जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब ने सिखों के धार्मिक मामलों और संस्थाओं में सरकारों के हस्तक्षेप की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि गुरुद्वारे सिख धर्म के प्रचार के केंद्र हैं और इनका प्रबंधन पंथक लोगों के हाथों में रहना चाहिए, न कि सरकारी नुमाइंदों के पास। उन्होंने कहा कि सिख समुदाय अपने धार्मिक मामलों में किसी भी प्रकार का राजनीतिक हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करेगा। इस अवसर पर शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष स. सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि सिख समुदाय का इतिहास अद्वितीय बलिदानों से भरा पड़ा है, जिसमें श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की शहादत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि यदि श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी ने अपना बलिदान न दिया होता तो देश की स्थिति कुछ और होती। सरदार बादल ने कहा कि सिख कौम हमेशा अपने गुरुओं की शिक्षाओं से प्रेरणा लेती है और मानवता के लिए आगे रहती है। देश के स्वतंत्रता संग्राम में सबसे अधिक बलिदान सिखों ने दिए, जो गुरुओं के आदर्शों पर आधारित है। परन्तु यह दुःख की बात है कि देश के लिए बलिदान देने वाली सिख कौम की महान संस्थाओं को निशाना बनाया जा रहा है। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष ने कहा कि सिख कौम की ताकत गुरमत और राष्ट्रीय एकता की प्रेरणा में निहित है। जब तक सिख कौम गुरुओं के सिद्धांतों पर अडिग रहेगी, कोई भी ताकत उसे कमजोर नहीं कर सकती। उन्होंने संगत से अपील की कि वह गुरु साहिब के शहीदी शताब्दी वर्ष के संबंध में शिरोमणि कमेटी द्वारा आयोजित समागमों में अधिक से अधिक भाग लें। इस अवसर पर शिरोमणि कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष स. रघुजीत सिंह विर्क, सदस्य स. बलदेव सिंह कायमपुर, स. हरभजन सिंह मसाना, बाबा गुरमीत सिंह तिलोकेवाला, स. गुरमिंदर सिंह मथारू, स. हरमनजीत सिंह, निजी सचिव स. शहबाज सिंह, उप सचिव स. जसविंदर सिंह जस्सी, स. हरभजन सिंह वक्ता, पूर्व जत्थेदार ज्ञानी रणजीत सिंह गौहर, दिल्ली कमेटी के पूर्व अध्यक्ष स. मनजीत सिंह जीके, सदस्य स. करतार सिंह चावला, स. तजिंदर सिंह, स. जतिंदर सिंह, स. सतनाम सिंह खालसा, स. अमरीक सिंह विकासपुरी, स. सुरिंदर सिंह, स. जतिंदर सिंह साहनी, स. मोहिंदर सिंह, स. गुरुमीत सिंह शंटी, हरियाणा कमेटी के अध्यक्ष स. जगदीश सिंह झींडा, सदस्य स. मोहनजीत सिंह पानीपत, रविंदर सिंह फरीदाबाद, सिख मिशन प्रभारी स. मनमीत सिंह, स. सुखविंदर सिंह, स. सुरिंदरपाल सिंह समाना, स.जसबीर सिंह लोंगोवाल, स.मनप्रीत सिंह, स.रमनदीप सिंह, स.अमनजीत सिंह, स.परमजीत सिंह, स.हरदीप सिंह चंदर विहार आदि उपस्थित थे।
08:57 pm 18/10/2025