नई दिल्ली 07, Dec 2025

लेख

1 - धर्मेंद्र हुए पंचतत्व में विलीन

2 - बिहार की जानता ने फिर एक बार साबित कर दिया कि हथेली में सरसों नहीं उगाया जा सकता

3 - जेट सिक्योरिटी के साथ विसर्जन के लिए निकला लाल बाग का राजा

4 - खून और पानी एक साथ नहीं बहेंगे

5 - एक पृथ्वी एक स्वास्थ्य के लिये योग

6 - ऑपरेशन सिंदूर न्याय की अखंड प्रतिज्ञा

7 - देश के लोकतंत्र को मज़बूत करने के लिए बाबा साहिब का अमूल्य योगदान

8 - दिल्ली सरकार के 100,000करोड़ से क्षेत्र में उन्नति की संभावनाओं को मिलेगी मजबूती

9 - दशक के बाद बिखरा झाड़ू 27 साल बाद खिला कमल फिर एक बार

10 - स्वर्णिम भारत,विरासत और इतिहास पर आधारित इस बार का गणतंत्र दिवस समारोह

11 - महाराष्ट्र में फिर एक बार लहराया बीजेपी का परचम

12 - तमाम कवायदों के बावजूद बीजेपी तीसरी बार हरियाणा में सरकार बनाने को अग्रसर

13 - श्रॉफ बिल्डिंग के सामने कुछ इस अंदाज से हुआ लाल बाग के राजा का स्वागत

14 - प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के सदस्यता ग्रहण करने के साथ ही शुरू हुआ बीजेपी का सदस्यता अभियान

15 - देश के सीमांत इलाकों में तैनात सैनिकों में भी दिखा 78 वें स्वतंत्रता दिवस का जज्बा

16 - २०२४-२५ के बजट को लेकर सियासत विपक्ष आमने सामने

17 - एक बार फिर तीसरी पारी खेलेंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी

18 - केजरिवाल के जमानत पर रिहा होने पर शुरु हुई नई कवायदें

19 - मतदान की दर धीमी आखिर माजरा क्या

20 - क्यूं चलाना चाहते हैं केजरीवाल जेल से सरकार

21 - 2004-14 के मुकाबले 2014-23 में वामपंथी उग्रवाद-संबंधित हिंसा में 52 प्रतिशत और मृतकों की संख्या में 69 % कमी

22 - कर्तव्य पथ दिखी शौर्य की झलक

23 - फ़ाइनली राम लल्ला अपने आशियाने में हो गये हैं विराजमान

24 - राजस्थान का ऊँट किस छोर करवट लेगा

25 - एक बार फिर गणपति मय हुई माया नगरी मुंबई

26 - पत्रकारिता की आड़ में फर्जीवाड़े के खिलाफ एनयूजे(आई) छेड़ेगी राष्ट्रव्यापी मुहीम

27 - भ्रष्टाचार, तुस्टिकरण एवं परिवारवाद विकास के दुश्मन

28 - एक बार फिर शुरू हुई पश्चिम बंगाल में रक्त रंजित राजनीति

29 - नहीं होगा बीजेपी के लिऐ आसान कर्नाटक में कांग्रेस के चक्रव्यूह को भेद पाना

30 - रद्द करने के बाद भी नहीं खामोश कर पायेंगे मेरी जुबान

31 - उत्तर-पूर्वी राज्यों के अल्पसंख्यकों ने एक बार फिर बीजेपी पर जताया भरोसा

32 - 7 लाख तक की आमदनी टैक्स फ्री

33 - गुजरात में फिर एक बार लहराया बीजेपी का परचम

34 - बीजेपी आप में काँटे की टक्कर

35 - सीमित व्यवस्था के बावजूद धूम-धाम से हो रही है छट माइय्या की पूजा

36 - जहाँ आज भी पुजा जाता है रावण

37 - एक बार फिर माया नगरी हुई गणपतिमय

38 - एक बार फिर लहराया तिरंगा लाल किले की प्राचीर पर

39 - बलवाइयों एवं जिहादियों के प्रति पनपता सहनभूतिक रुख

40 - आजादी के अमृत महोत्सव की कड़ी के रूप में मनाया जा रहा है 8 वाँ विश्व योग दिवस

41 - अपने दिग्गज नेताओं को नहीं संभाल पाई कांग्रेस पार्टी

42 - ज्ञान व्यापी मस्जिद के वजु घर में शिवलिंग मिलने से विवाद गहराया

43 - आखिर क्यूँ मंजूर है इन्हे फिर से वही बंदिशें.....

44 - पाँच में से चार राज्यों में लहराया कमल का परचम

45 - पेट्रोलियम, फर्टिलाइजर एवं खाद्य सामाग्री पर मिलने वाली राहत में लगभग 27 फीसदी की कटौती

46 - जे&के पुलिस के सहायक उप निरीक्षक बाबूराम शर्मा मरणोपरांत अशोक चक्र से संमानित

47 - आखिर कौन होंगे सत्ता के इस महाभोज के सिकंदर

48 - ठेके आन फिटनेस सेंटर ऑफ छा गए केजरीवाल जी तुस्सी

49 - मुख्य सुरक्षा अधिकारी हुए पंचतत्वों विलीन

50 - दिल्ली में यमुना का पानी का बीओडी लेवेल 50 के पार

MTS-CFW कर्मचारियों की मांगों के लिए सदन में प्राइवेट बिल पेश किया लेकिन स्वीकारा नहीं: अंकुश नारंग

दिल्ली: पिछले 16 दिनों से समान वेतन समेत अन्य मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे MTS-CFW कर्मचारियों के समर्थन में आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने एमसीडी के सदन में काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया। नेता प्रतिपक्ष अनुश नारंग के नेतृत्व में "आप" पार्षदों ने कर्मचारियों की हड़ताल के चलते दिल्ली में लगातार बढ़ रहे डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के केस को लेकर भाजपा सरकार से जवाब मांगा। इस दौरान अंकुश नारंग ने कहा कि दिल्ली में डेंगू-मलेरिया के केस ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं, फिर भी भाजपा को दिल्लीवालों की चिंता नहीं है। चार इंजन की भाजपा सरकार दिल्ली को लूटने और मेहनतकश कर्मचारियों के हक़ का वेतन चुराने का काम कर रही है। भाजपा सरकार और महापौर ने निगम को अपनी लूट का अड्डा बना दिया है, कर्मचारी सड़क पर हैं और सफाई ठप है। मैने कर्मचारियों की मांगे तत्काल पूरी करने को लेकर निजी बिल पेश किया, लेकिन भाजपा ने स्वीकार नहीं किया।
भाजपा सरकार एमटीएस कर्मचारियों की मांगे पूरी नहीं कर रही है, जिसके खिलाफ सदन में काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया गया। कर्मचारियों का दशहरा, करवा चौथ और नवरात्रि की अष्टमी सड़क पर काली हो गई। अगर भाजपा ऐसी ही चली तो उनकी दिवाली भी काली रहेगी।उन्होंने कहा कि एमटीएस व सीएफडब्ल्यू कर्मचारी पिछले 16 दिनों से सड़कों पर धरना दे रहे हैं। वे भूख हड़ताल पर हैं, जहां आठ-आठ कर्मचारी एक साथ रोजाना उपवास कर रहे हैं। लेकिन भाजपा का कोई नेता इनकी बात सुनने को तैयार नहीं है। 
26 सितंबर को सदन में चेतावनी दी गई थी कि कर्मचारी 29 सितंबर से हड़ताल पर जाएंगे, लेकिन महापौर का अहंकार इतना बड़ा है कि इनकी समस्याएं सुनने के लिए मात्र 10 मिनट भी नहीं निकाल पाए।
एमसीडी के नेता प्रतिपक्ष  ने बताया कि कर्मचारियों की महज तीन मांगें हैं, जिन पर आम आदमी पार्टी लगातार प्रदर्शन स्थल जाकर चर्चा करती है, लेकिन भाजपा वाले आंखें बंद कर सत्ता के नशे में चूर हैं। इसका खामियाजा दिल्ली की जनता भुगत रही है। पिछले हफ्ते की रिपोर्ट में मलेरिया के पांच साल में अब तक के सबसे ज्यादा केस हैं, चिकनगुनिया के भी केस बढ़ रहे हैं,, जबकि डेंगू के 81 नए केस सामने आए और अब तक कुल 840 हो चुके हैं। भाजपा द्वारा इस हफ्ते की रिपोर्ट छिपाई जा रही है। दिल्ली की जनता मौसमी बीमारियों से परेशान हैं, लेकिन भाजपा 5200 कर्मचारियों की बात सुनने को तैयार नहीं है। 
महापौर द्वारा समिति बनाने के वादे पर अंकुश नारंग ने कहा कि उन्होंने इसे मिनट्स में दर्ज नहीं करवाया और समिति बनेगी, फिर बैठेगी, फिर कर्मचारी आएंगे, असमंजस बनेगा और तब तक तो कर्मचारी भूख से मर जाएंगे। कर्मचारी बेसिक वेतन में डीए और न्यूनतम ग्रेड पे 27,900 रुपये समान वेतन की मांग कर रहे हैं, जो एक ही पद के लिए जायज है। सदन में हल न निकालना भाजपा की मानसिकता दर्शाता है कि वह केवल जनता व कर्मचारियों को धोखा दे रही है।
भाजपा की चार इंजन सरकार फेल साबित हो रही है। जलभराव के दौरान भयंकर बाढ़ आई, फिर भी कोई हल नहीं था। नाले साफ करने का दावा है, एमसीडी के 82 फीसद और पीडब्ल्यूडी के 100 फीसद, लेकिन जमीनी हकीकत में जलभराव ही दिखता है। प्रदूषण का प्रकोप आएगा, मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया बढ़ रहे हैं, लेकिन कोई प्लान नहीं। पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल “10 हफ्ते, 10 रविवार, 10 मिनट डेंगू पर वार” जागरूकता अभियान चलाते थे, जिससे जनता घरों की सफाई करती थी। भाजपा के पास न कैंपेन है, न अनुभव। दिल्ली सरकार व एमसीडी की कथनी-करनी में जमीन-आसमान का फर्क है, गवर्नेंस करना ही नहीं है । एमसीडी के नेता प्रतिपक्ष का कहना है कि उन्होंने प्राइवेट बिल पेश किया, जिसमें कर्मचारियों की मांगें तुरंत पूरी करने की बात की, लेकिन इसे स्वीकार नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि एमसीडी कमिश्नर के जरिए बिल लाना मुश्किल होने से प्राइवेट बिल लाना पड़ा, फिर भी पास न हुआ। यह साफ करता है कि भाजपा की नियत न कर्मचारियों के हक में है, न दिल्ली को मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया से बचाने की है।
आज एमसीडी की सदन बैठक में 5200 डीबीसी व एमटीएस कर्मचारियों की जायज़ मांगों को लेकर भाजपा सरकार और महापौर के ख़िलाफ़ सर पर काली पट्टी बांधकर विरोध करते हुए डीबीसी कर्मचारियों के हक़ में आवाज़ बुलंद की। दिल्ली में भाजपा सरकार के चारों इंजन मिलकर, देश की राजधानी को चारों तरफ से लूटने और मेहनतकश कर्मचारियों का हक़ और वेतन चुराने का काम कर रही है। जनता के टैक्स से चलता है दिल्ली का निगम, लेकिन भाजपा सरकार और महापौर ने निगम को अपनी लूट का अड्डा बना दिया है। कर्मचारी सड़क पर हैं, सफाई ठप है, और भाजपा नेताओं के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही! 

07:21 pm 14/10/2025

संपादक

डा. अशोक बड़थ्वाल

Mobile : 91-9811440461

editor@dhanustankar.com

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