सरकारी कार्यक्रमों के लिए फाइव स्टार होटल को सूचीबद्ध पूंजीपतियों का पोषण

दिल्ली:अनाधिकृत कॉलोनियों में बदहाल नाली और जलभराव, गंदे पानी से भरी गलियां, उफनते सीवर, टेंटो में चलते स्कूल और अस्पतालों की बदहाल हालत, टूटी सड़के जल और वायु प्रदूषण, यमुना में जहरीला पानी, पीने के पानी का संकट, ध्वस्त परिवहन व्यवस्था, घटती डीटीसी बसें, गंदगी और कूड़ा घर में तबदील होती दिल्ली की बदहाल हालत को नजरअंदाज करके दिल्ली सरकार की फाइव स्टार संस्कृति को तरजीह देकर सरकारी खजाने में सैंध लगाने की योजना बना रही है। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री और मंत्रीमंडल से जुड़े राज्य समारोहों और महत्वपूर्ण कार्यक्रमों के आयोजन के लिए राजधानी में फाइव स्टार होटल को सूचीबद्ध करने की निविदा करने के बाद भाजपा की पूजीपतियों को संरक्षण और पोषण देने की नीति उजागर हो गई है। उन्होंने कहा कि गरीबों के अधिकार हनन करने वाली और झुग्गीवालों को उजाड़ने वाली गरीब विरोधी मानसिकता उजागर होती है कि भाजपा लक्ज़री सरकार है, जो गरीबों के आशियाने बसाने की जगह अपने लिए फाइव स्टार होटलों में जश्न मनाने का इंतजाम कर रहे है।
पद संभालने के बाद मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा था, मैं बनिये की बेटी हूॅ फजुल खर्च नही करुॅगी। क्या होली मिलन में खर्च किए गए 8,42,787 रुपये फिजूल खर्च नही था? उन्होंने कहा कि सिर्फ मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल के कार्यक्रमों के लिए फाइव स्टार होटल की निविदा 16 अक्टूबर तक मांगना सरकारी खजाने को बर्बाद करके फिजूल खर्च करने की दिशा में उठाया गया कदम है। जब दिल्ली सरकार के पास अपने स्टेडियम, ऑडिटोरियम, दिल्ली सचिवालय के सभागार व सरकारी भवन इतनी बड़ी संख्या में है, तब फिजूल खर्ची के लिए फाइव स्टार होटल की क्या जरुरत है। क्या पिछले 27 सालों में राजधानी में अंतराष्ट्रीय फिल्म फेस्टीवल कभी आयोजित नही किए गए हैं।
05:30 pm 27/09/2025