ढाई साल बाद हुई स्टैंडिंग कमेटी की बैठक से जनता के मुद्दे गायब:अंकुश नारंग
दिल्ली: ढाई साल बाद हुई एमसीडी की स्टैंडिंग कमेटी की पहली बैठक से जनता से जुड़े जरूरी मुद्दे गायब होने पर आम आदमी पार्टी के नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने बीजेपी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि बीजेपी तो स्टैंडिंग कमेटी बनाने की पक्षधर भी नहीं थी, लेकिन ‘‘आप’’ ने इसे बनवाया। ‘‘आप’’ के प्रयास से ढाई साल बाद शुक्रवार को स्टैंडिंग कमेटी की बैठक हुई, लेकिन बीजेपी स्टैंडिंग कमेटी अध्यक्ष श्रीमती सत्या शर्मा ने जनता के मुद्दे गायब कर दिए। सत्या शर्मा ने सफाई व्यवस्था, कंसेशनरी समेत किसी भी समस्या का एजेंडा शामिल नहीं किया। एमसीडी के चारों जोन में सफाई व्यवस्था बदहाल है। फिर भी बीजेपी टिंपर की संख्या लगातार कम करती जा रही है।
ढाई साल बाद स्टैंडिंग कमेटी की मीटिंग हो रही है। भाजपा नहीं चाहती थी कि स्टैंडिंग कमेटी बने, लेकिन आम आदमी पार्टी ने इसे बनवाया। जब से “आप” विपक्ष में आई है, उसने सकारात्मक भूमिका निभाई है। पहले भाजपा सदन में सिर्फ हंगामा करती थी और ऐसी हरकतें करती थी, जिनका दिल्ली की जनता से कोई लेना-देना नहीं था। उन्होंने हाउस और स्टैंडिंग कमेटी को चलने नहीं दिया, लेकिन “आप” विपक्ष में रहते हुए भी सकारात्मक भूमिका अदा कर रही है।
आज स्टैंडिंग कमेटी की पहली मीटिंग में यह उम्मीद थी कि सैनिटेशन, कंसेशनरी और जोनों में सफाई व्यवस्था की समस्याओं पर चर्चा होगी। लेकिन एजेंडे में न तो सैनिटेशन का मुद्दा शामिल किया गया, न कंसेशनरी का और न ही एजेंसी के कॉन्ट्रैक्ट रिन्यूअल का। सेंट्रल, साउथ और वेस्ट जोन की स्थिति बदहाल है, जहां सड़कों पर कूड़ा ही कूड़ा पड़ा है। कूड़ा उठाने के लिए गाड़ियां नहीं आ रही हैं और सड़कों पर कूड़ा बिखरा हुआ है।
नेता विपक्ष ने कहा कि उन्होंने सदन में सेंट्रल जोन की कूड़े की समस्या उठाई थी और मेयर ने ऑन रिकॉर्ड कहा था कि स्टैंडिंग कमेटी बनने के बाद यह मुद्दा हल हो जाएगा। लेकिन अब स्टैंडिंग कमेटी बनने और पहली मीटिंग होने के बावजूद इस मुद्दे को एजेंडे में शामिल नहीं किया गया। पहले भी चेतावनी दी थी कि अगर स्टैंडिंग कमेटी की पहली मीटिंग में भी यह मुद्दा उठाया गया, तो समाधान में तीन महीने लग सकते हैं। लेकिन इस बार तो एजेंडा में यह मुद्दा लाया ही नहीं गया, जो बहुत शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण है।
सेंट्रल, वेस्ट, साउथ और अब सिविल लाइन जोन में टिपर की संख्या दिन- प्रतिदिन कम होती जा रही है। सेंट्रल जोन में जहां पहले 10 टिपर हुआ करते थे, वहां अब केवल दो हैं और जहां 15 टिपर थे, वहां अब सिर्फ तीन हैं। सिल्ट उठाने वाली टाटा 407 गाड़ियां सभी वार्डों से हटा ली गई हैं। नालियों की सफाई के बाद निकलने वाली सिल्ट को उठाने के लिए कोई वाहन या टिपर उपलब्ध नहीं है, जिसके कारण सेंट्रल जोन में सफाई व्यवस्था बदहाल है।
वेस्ट जोन में भी टिपर बहुत पुराने हो चुके हैं। ये टिपर एक-डेढ़ घंटे चलने के बाद खराब होकर खड़े हो जाते हैं। दिल्ली की जनता पार्षदों से सबसे पहले यही अपेक्षा करती है कि सफाई व्यवस्था दुरुस्त हो। चारों जोनों, खासकर सेंट्रल जोन में, जहां दो वर्षों से कोई एजेंसी नहीं है, इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार किया जाए। कमिश्नर से अनुरोध है कि इस समस्या को प्राथमिकता दी जाए। सेंट्रल जोन में 25 में से केवल सात पार्षद “आप” के हैं। इसके अलावा दो कांग्रेस के और बाकी भाजपा के हैं। भाजपा सहित सभी पार्षदों को दिक्कत हो रही है।
जब आम आदमी पार्टी सत्ता में थी, तब उन्होंने हर काउंसलर के लिए 1.55 करोड़ रुपये का बजट पास कराया था, लेकिन अब केवल 25 लाख रुपये दिए जा रहे हैं, जो पर्याप्त नहीं है। काउंसलर जनता के लिए सबसे ज्यादा सुलभ होता है और जनता उनसे ही सड़क, सफाई और अन्य समस्याओं के समाधान की उम्मीद करती है। लेकिन 25 लाख रुपये का बजट इन जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है। दिल्ली, केंद्र, उपराज्यपाल और एमसीडी, सभी भाजपा की है, फिर भी स्वीकृत कॉलोनियां, अनधिकृत कॉलोनियां और जेजे झुग्गियों व कॉलोनियों के लिए कोई बजट नहीं आया।
08:18 pm 27/06/2025