प्रबंधन कमेटी ऐतिहासिक संस्थाओं को बर्बाद कर बेचने के रास्ते पर चल पड़ी: सरना
दिल्ली:हरियाणा के फतेहाबाद के पास बिगड़ क्षेत्र में श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के नाम पर जो तीन सौ एकड़ ज़मीन दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की है, जब दिल्ली की संगत ने हमें दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के ज़रिए सेवा संभालने का मौका दिया, उस समय हमने सिख पंथ के दरवेश नेता शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के तत्कालीन प्रधान, पंथ रत्न जत्थेदार गुरचरण सिंह टोहड़ा जी के हाथों इस ज़मीन का योग्य इस्तेमाल करते हुए, हमारे बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए इस ज़मीन पर श्री गुरु तेग बहादुर इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल की नींव 11 जुलाई 1996 को रखवाई और यहां एक शानदार इमारत तैयार की गई। इस स्कूल के साथ एक इंजीनियरिंग कॉलेज भी सफलतापूर्वक चलाया गया।
शिरोमणि अकाली दल के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना के अनुसार जब वो कल इस संस्था को देखने गए, तो यह देखकर बहुत दुख हुआ कि दिल्ली कमेटी में बैठा भ्रष्टाचारी गिरोह, जिसने दिल्ली की सिख संस्थाओं को बर्बाद किया है, वही हाल इस हरियाणा स्थित संस्था का भी कर दिया है, जो अब खंडहर बनती जा रही है। पहले मनजिंदर सिंह सिरसा जैसे लोगों ने इस संस्था को अपने हितों के लिए बर्बाद किया और अब हरमीत सिंह कालका और उसकी टोली यह काम कर रही है। आज जब पूरी कौम नवें पातशाह श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की 350वीं शहीदी शताब्दी मना रही है, उस समय दिल्ली कमेटी नवें पातशाह जी के नाम पर बनी ऐतिहासिक संस्थाओं को बर्बाद कर बेचने के रास्ते पर चल पड़ी है। दिल्ली कमेटी को बताना चाहिए कि वह किस मुंह से शहीदी शताब्दी के समागम मना रही है, जब गुरु साहिब के नाम पर बनी संस्थाओं को वह खुद नष्ट कर रही है।
दिल्ली कमेटी के सरकारी सरपरस्ती से बने वर्तमान प्रधान ने कृतघ्नता की सारी सीमाएं पार कर दी हैं। जिस जत्थेदार गुरचरण सिंह टोहड़ा की बदौलत वह राजनीति में आया, उसी टोहड़ा जी के लगाए हुए पौधे को आज वह उजाड़ने पर तुला हुआ है। अगर आज दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का वित्तीय प्रबंधन डगमगा गया है, तो इसके लिए मनजिंदर सिंह सिरसा, हरमीत सिंह कालका और जगदीप सिंह काहलों जैसे लोग जिम्मेदार हैं। इस कारण ज़रूरी है कि इन लोगों ने गुरु की गोलक से जो संपत्तियाँ बनाई हैं, उन्हें नीलाम कर नुकसान की भरपाई की जाए। लेकिन ये लोग गुरु घर की संपत्तियाँ बेचने के रास्ते पर चल चुके हैं।
कमेटी के कुप्रबंधन के कारण जो बकाया केस कमेटी पर खड़े हुए हैं, उनमें यह सारी संपत्ति, जिसकी कीमत कई हजार करोड़ रुपए बनती है, अटैच की जा चुकी है। अब दिल्ली कमेटी इसे अपने चहेतों को कौड़ियों के भाव बेचकर खा जाना चाहती है। लेकिन शिरोमणि अकाली दल किसी भी कीमत पर यह बर्दाश्त नहीं करेगा। यह सारी संपत्ति कौम की पूंजी है और कौम के पास ही रहेगी। यदि दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी इसकी देखरेख नहीं कर सकती, तो वह संगत को लिखकर दे कि वह इसके योग्य नहीं है। दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि वो श्री अकाल तख्त साहिब पर जाकर इस संस्था की देखभाल और प्रबंधन के लिए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से सहयोग लेने की अपील करेंगे।
05:17 pm 04/07/2025