पहचान छिपाने के इरादे से धारदार हथियार से बेरहमी से सिर काटा
दिल्ली : एनआर-1 क्राइम ब्रांच द्वारा गठित पुलिस टीम ने हत्या डकैती जैसे जघन्य अपराधों में शामिल फरार मनोज उर्फ सुखड़ा को उत्तर प्रदेश के शामली से धर दबोचा । वह पिछले चार साल से मुकदमे से बचने के लिए फरार चल रहा था । 13 दिसंबर 2010 को जीटी करनाल रोड, समयपुर, दिल्ली की सर्विस रोड पर सीएनजी पंप के पास एक अज्ञात पुरुष का सिर कटा शव मिला था। मृतक की पहचान छिपाने के इरादे से धारदार हथियार से बेरहमी से सिर काटा गया था। शुरुआती प्रयासों के बावजूद, शव कुछ समय तक अज्ञात रहा। हालांकि, जांच के दौरान, मृतक की पहचान बाद में विशाल के रूप में हुई। व्यापक जांच के बाद मनोज उर्फ सुकड़ा को 26 जून 2018 को गिरफ्तार किया गया और सह-आरोपी संजय को हत्या के सिलसिले में 28 अगस्त 2018 को गिरफ्तार किया गया।
वो 2021 में अंतरिम जमानत पर रिहा हुआ था और उसके बाद पिछले चार वर्षों से मुकदमे से बचता फिर रहा था । 17 सितंबर 2024 को उसे अदालत द्वारा उद्घोषित अपराधी (पीओ) घोषित किया गया।
आरंभिक जाँच से पता चला है कि सह-आरोपी में से एक, पप्पू को पहले भी सशस्त्र डकैती के एक पुराने मामले में उसी मृतक द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर गिरफ्तार किया गया था। उस पहले के मामले में, पप्पू को दोषी ठहराया गया था और उसे सात साल की सजा सुनाई गई थी। अपनी सज़ा पूरी करने के बाद पप्पू ने अपने साथियों संजय, उदय और मनोज उर्फ सुकड़ा के साथ मिलकर कथित तौर पर बदला लेने की कोशिश की। उन्होंने मिलकर साजिश रची और बाद में पीड़ित की हत्या कर दी, पहचान छिपाने या क्रूरता के लिए शव का सिर कलम कर दिया।
अभियुक्त कलंद्रा के तहत धारा 35(1) (डी) बीएनएसएस के तहत हिरासत में है एवं मामले पर तहकीकात जारी है ।
02:03 pm 16/06/2025