चुने गये महापौर को बहुमत समर्थन प्राप्त नहीं: राजा इकबाल सिंह
दिल्ली : 250 पार्षदों के दिल्ली नगर निगम सदन में वर्तमान में 249 पार्षद हैं। आम आदमी पार्टी के महापौर पद के प्रत्याशी को केवल 118 पार्षदों के वोट मिले जिसका सीधा मतलब है की अब आम आदमी पार्टी के पास दिल्ली नगर निगम में चुने हुए पार्षदों का बहुमत नही है। निगम के नेता प्रतिपक्ष सरदार राजा इकबाल सिंह का कहना है कि पार्षदों वाले सदन में आम आदमी पार्टी के पास 126 पार्षद होने की प्रशासनिक जानकारी थी।
इसके आलावा दिल्ली के सभी 10 सांसद एवं नामांकित 14 विधायकों को भी मतदान का अधिकार था जिसमे से 16 यानि 3 राज्यसभा सांसद एवं 13 विधायक भी आम आदमी पार्टी के थे। इस प्रकार सदन में मतदान शुरू होने से पहले आम आदमी पार्टी के 126 पार्षद एवं 16 अन्य यानि कुल 142 वोट आम आदमी पार्टी के महापौर प्रत्याशी को मिलना तय माना जा रहा था और अंतिम समय एक कांग्रेस पार्षद ने भी "आप" की सदस्यता ले ली तो कुल 143 वोट हो गये। एक "आप" सांसद वोट देने नही आईं तो माना गया की "आप" को 142 वोट मिलेंगे।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा की सदन में जब मतदान के बाद गिनती हुई तो "आप" प्रत्याशी को केवल 133 वोट मिले जिसमे से 15 वोट सांसद विधायकों के हैं। इस सबको ध्यान में रखते सामान्यता साफ है की "आप" के सांसदो एवं विधायकों ने तो पार्टी प्रत्याशी को वोट दिया पर 126 + 1 = 127 पार्षदों में से केवल 118 पार्षदों ने ही "आप" को वोट दिया। दिल्ली नगर निगम के इतिहास में यह पहला मौका है की एक ऐसा व्यक्ति महापौर चुना गया है जिसे पार्षदों का बहुमत समर्थन प्राप्त नही है।
दिल्ली प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर के अनुसार सही मायने में देखें तो जिस तरह "आप" पार्षदों ने बिना पार्टी छोड़े अपनी पार्टी के महापौर प्रत्याशी के विरूद्ध वोट डाला है वह साफ करता है की इन पार्षदों ने आम आदमी पार्टी में बढ़ते भ्रष्टाचार और खासकर पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल की कुनीतियों के खिलाफ वोट डाला है। इस बाबत पार्टी के नेता इस बाबत उप राज्यपाल से मुलाकात करेंगे ।
03:36 pm 15/11/2024