सपनों के भारत की परिकल्पना
दिल्ली: ‘जैविक भारत मिशन’ ने इंडिया इंटरनेशनल सेंटर, दिल्ली, में स्वर्गीय न्यायमूर्ति देबी सिंह तेवतिया की पुण्य स्मृति कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में न्यायमूर्ति तेवतिया के जीवन, न्याय तथा सामाजिक समानता की विरासत का सम्मान किया गया।
न्यायमूर्ति तेवतिया की विरासत में सबके लिए न्याय की आवश्यकता सर्वोपरि रही, इसलिए समाज को न्यायिक रूप से समृद्ध बनाने के लिए यह जरूरी है कि उनकी विरासत को संभाला जाए और उनके जीवन से अगली पीढ़ी को अवगत कराया जाए ताकि नई पीढ़ी न्याय और सम्मान के मूल्यों को समझ सके और इसी आधार पर समाज को समृद्ध करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाहन भी कर सके। इस कार्यक्रम का यही उद्देश्य था।
कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए जैविक भारत मिशन के वास्तुकार एवं संयोजक राम कुमार अत्री ने जस्टिस
तेवतिया के साथ अपने गहरे एवं भावनात्मक संबंधों को याद किया और वर्तमान समय में उनके आदर्शों की प्रासंगिकता को भी रेखांकित किया। कार्यक्रम में आए दिल्ली आईआईटी छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर वरुण आर्या ने भारत में जैविक कृषि की जागरूकता में जैविक भारत के योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने भूमि और सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए टिकाऊ पद्धतियों की आवश्यकता पर जोर दिया।
इस कार्यक्रम में न्यायमूर्ति तेवतिया की जीवनी- ‘संत न्यायमूर्ति देबी सिंह तेवतिया’ का अनावरण हुआ। गौरतलब है कि अंग्रेजी और हिंदी दोनों संस्करणों में छपी इस पुस्तक के लेखक राम कुमार अत्री हैं।
न्यायमूर्ति तेवतिया की बेटियों– मधु और नीना ने भी कार्यक्रम में अपनी बहुमूल्य उपस्थिति से अपने पिता की कुछ खास यादों को साझा किया। उनके वक्तव्यों में न्यायमूर्ति तेवतिया की अडिग ईमानद�
12:58 pm 19/10/2024