जिनपर परिवहन व्यवस्था की जाती जिम्मेदारी थी वह क्रेडिट तौर बन गये: मनोज तिवारी
जी-20 के मेहमानों के लिए दिल्ली सरकार के पास नहीं थीं बसें। बैठक के ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली को दी 400 बसों की सौगात। ये बसें फेम-2 योजना के तहत उपलब्ध कराई गई। इससे पहले इसी योजना के तहत 300 बसे उपलब्ध करायी गई।
नेता प्रतिपक्ष दिल्ली विधानसभा श्री रामवीर सिंह बिधूड़ी के अनुसार डीटीसी की बसों का बेड़ा पूरी तरह बेकार हो चुका है। करीब साढे तीन हजार खटारा बसें जनता की सुरक्षा को ताक पर रखकर इसलिए दिल्ली की सड़कों पर चल रही हैं कि कोई विकल्प मौजूद नहीं है। दिल्ली सरकार साढे आठ सालों में एक भी सीएनजी बस नहीं खरीद पाई जबकि उसने 15 हजार बसें सड़कों पर लाने का वादा किया था। अब जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए केंद्र द्वारा उपलब्ध कराई गई बसें जनता के लिए भारी राहत बनेंगी।
उत्तर पूर्वी दिल्ली से सांसद मनोज तिवारी का मानना है कि दिल्ली पूरी तरह से परेशान है और खासकर परिवहन विभाग लचर स्थिति में है क्योंकि जिसके ऊपर जिम्मेदारी और उनका वायदा था 11000 बसे देकर अच्छी परिवहन व्यस्था देने की वह क्रेडिट चोर बन गए। केजरीवाल सिर्फ अपने शीश महल से निकलकर लोकार्पण करते हैं और फिर बेशर्मी की सारी हदें पार कर एक नया झूठ परोसने की कोशिश करते हैं।
बसों के ऊपर भारत सरकार भी लिखा होता है लेकिन केजरीवाल जबरन उसको अपना कहने में लगे रहते हैं। जबकि डीटीसी की बसों की जर्जर स्थिति से आज दिल्ली वाकीफ है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों में केजरीवाल क्या कर रहे थे जो आज उन्होंने कहा कि आने वाले समय में 10000 बसे वे लेकर आएंगे। जो इलेक्ट्रॉनिक बसे आज दिल्ली में उतरी हैं उनका पैसा MHI द्वारा दिया गया है। अरविंद केजरीवाल बसों को लेकर 3600 करोड़ रुपए की बात कर रहे हैं जिसमे एक भ्रष्टाचार की बू आ रही है। यह जानकारी दिल्ली की आंखे खोलने वाली है। जहां हमारी सरकार नहीं है वहां भी हमने बसों का सौगात दी है चाहे वह बंगलोर हो, कोलकाता हो या फिर अन्य शहर। मोदी सरकार किसी के साथ भेदभाव नहीं करती। आज दिल्ली में अगर भाजपा की सरकार होती तो 8000 इलेक्ट्रॉनिक बसें दिल्ली की सड़कों पर चला रही होती ना कि अरविंद केजरीवाल की तरह उसके ऊपर करप्शन के चार्ज लग रहे होते।
05:15 pm 05/09/2023