दिल्ली में प्रदूषण इतना ज्यादा है कि लोग हर रोज 16 सिगरेट के बराबर प्रदूषित हवा ले रहे हैं अपने अंदर
दिल्ली: दिल्लीवाले जहरीली हवा में जीने को मजबूर हैं। दिल्ली में प्रदूषण इतना ज्यादा है कि लोग हर रोज 16 सिगरेट के बराबर प्रदूषित हवा अपने अंदर ले रहे हैं। एक तरफ ग्रेप -4 लागू है और दूसरी तरफ पटपड़गंज में भाजपा विधायक के कार्यालय में निर्माण कार्य चल रहा है। एमसीडी के नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा वाले ही अपनी सरकार के आदेश नहीं मान रहे।उन्होंने कहा कि मंगलवार को एक्यूआई 400 के पार रहा। ऐसे में सिर्फ वाहनों पर सख्ती करने से दिल्ली का प्रदूषण कम नहीं होगा, बल्कि सरकार को ठोस कदम भी उठाने होंगे। अब दिल्ली में भाजपा की चार इंजन की सरकार भी है। उसे तो अब प्रदूषण को लेकर ठोस कदम उठाने चाहिए।
लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 'अबकी बार 400 पार' का नारा दिया था। भाजपा लोकसभा चुनाव में तो 400 सीटें पार नहीं कर पाई, लेकिन दिल्ली के अंदर उन्होंने यह सिद्ध करके दिखा दिया है कि 'अबकी बार एक्यूआई 400 पार'। हालात इतने बुरे हैं कि आज औसतन चार में से तीन लोग बीमार हैं। दिल्ली के अंदर न चाहते हुए भी इंसान को दिन में 16 सिगरेट के बराबर धुआं अंदर लेना पड़ रहा है।
आज दिल्ली में भाजपा की चार इंजन की सरकार है। एमसीडी में भाजपा है, दिल्ली सरकार, एलजी सहित केंद्र सरकार भी उन्हीं की है। इसके बावजूद आज भाजपा के पास एक भी ऐसा उपाय नहीं है जिससे वह प्रदूषण से दिल्ली की जनता को बचा सके। दिल्ली की जनता इस प्रदूषण में जीने को मजबूर है। बुजुर्गों को सांस लेने में दिक्कत आ रही है, बच्चे बीमार हो रहे हैं और लोगों को बुखार व खांसी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
हाल ही में ग्रैप-4 लागू किया गया, जिसके तहत निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि पटपड़गंज में भाजपा विधायक के कार्यालय के अंदर ही निर्माण कार्य चल रहा है। जब भाजपा के विधायक ही ग्रैप-4 के नियमों को नहीं मानते, तो फिर बाकी क्या रह गया? भाजपा ने दिल्ली की जनता को मरने के लिए छोड़ दिया है।
उन्होंने कहा कि जगह-जगह स्थानीय क्षेत्रों में निर्माण कार्य चल रहे हैं। आज एमसीडी भाजपा के पास है और वह कार्रवाई कर सकती है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। सरकारी और निजी दोनों प्रकार के निर्माण कार्य चल रहे हैं, लेकिन एमसीडी और लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) इस पर कोई कदम नहीं उठा रहे। वे केवल वाहनों से होने वाले प्रदूषण की रोकथाम की बात करके जनता को परेशान कर रहे हैं। जब एक्यूआई 400 के पार है, तो सिर्फ वाहनों पर लगाम लगाने से क्या होगा? क्या दिल्ली सरकार, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा के पास कोई ऐसा ठोस कदम है जो जनता को राहत दे सके?
कृत्रिम बारिश (क्लाउड सीडिंग) के दावों पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा मंत्री सिरसा जी दावा कर रहे थे कि कृत्रिम बारिश को लेकर सरकार का पहला प्रयास कामयाब रहा, लेकिन लोग बारिश का इंतजार करते रह गए और बारिश कहीं नहीं हुई। प्रदूषण रोकने के उपाय कहीं दिखाई नहीं दिए। एक्यूआई निगरानी केंद्रों के आगे पानी डालकर एक्यूआई का स्तर छुपाने और कम करने की कोशिश की गई। जब रेखा गुप्ता से इस बारे में पूछा गया, तो उन्होंने इसे हॉटस्पॉट बताकर पल्ला झाड़ लिया और माना कि निगरानी केंद्रों के आगे पानी डालकर एक्यूआई का स्तर गिराया गया।
एमसीडी कार्यालय की 22वीं मंजिल से पानी फेंका जा रहा है, जो समझ से परे है। भाजपा हर मोर्चे पर प्रदूषण को नियंत्रित करने और दिल्ली की जनता को बचाने में विफल रही है। भाजपा के चारों इंजन फेल हो चुके हैं। यह पहली ऐसी सरकार है जिसके पास न तो जलभराव के लिए कोई उपाय थे, न बाढ़ के लिए, न यमुना को साफ करने के लिए और न ही अब प्रदूषण के लिए कोई उपाय है। 10 महीने के भीतर इतनी विफल सरकार मैंने कभी नहीं देखी।
08:27 pm 23/12/2025