बीबी अमरजीत कौर और बापू सूरत सिंह ने पूरा जीवन सिख सिद्दक में बिताया: बीबी रणजीत कौर
दिल्ली : अखंड कीर्तनी जत्था के सिंह भाई फौजा सिँह जो बैसाखी 1978 में श्री अमृतसर साहिब में नकली निरंकारियों के गुरुडम का विरोध करते हुए शहीद हो गए थे ।भाई फौजा सिंह की पत्नी अमरजीत कौर और बापू सूरत सिंह, जो बंदी सिंहों की रिहाई के लिए भूख हड़ताल पर थे, का बीते दिन निधन हो गया है। शिरोमणि अकाली दल की दिल्ली इकाई की अध्यक्ष बीबी रणजीत कौर ने बीबी अमरजीत कौर और बापू सूरत सिंह के निधन पर गहरा दुख जताया है। बीबी अमरजीत कौर जी ने अपने जीवन का अधिक समय पंथक सेवाओं में भाग निकाला, जिसके कारण उन्हें अपने जीवन का अनमोल कीमती समय जेल में बिताना पड़ा। इसी प्रकार, बापू सूरत सिंह ने भी आपरेशन ब्लू स्टार के दौरान सेवाओं में भाग लिया, जिसके बाद उन्होंने बंदी सिंहों की रिहाई के लिए आठ वर्षों तक भूख हड़ताल करके सरकार को हिला दिया, लेकिन सरकार ने अपने ऑडियल वर्ताव को नहीं छोड़ा बापू सूरत सिँह जी का स्वास्थ्य लगातार बिगड़ता गया। उनकी ऐसी महान सेवाओं को पंथ सदैव याद रखेगा।
महिला शाखा की प्रधान ने बताया कि बीबी अमरजीत कौर और बापू सूरत सिंह ने अपना पूरा जीवन सिख सिद्दक में बिताया और दृढ़तापूर्वक पंथ की सेवा की । उनके द्वारा की गई पंथक सेवाएँ सिख संगतों और महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत थीं । उन्होंने गुरु साहिब जी के चरणों में प्रार्थना की कि भगवान उनकी आत्मा को अपने चरणों में निवास करें और पंथ को उनके जीवन से प्रेरणा लेने के लिए ज्ञान प्रदान करें।
08:12 pm 16/01/2025