विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष एडवोकेट आलोक कुमार ने परिषद के सार्वजनिक मंच से गुजारिश की है कि 1931 की जनगणना के आधार पर तैयार छुआ-छूट के आधार पर तैयार अनुसूची में शामिल हिन्दू जातियों जिनमे जैन एवं बौद्ध भी शामिल हैं ,को ही दिया जाना चाहिये आरक्षण I इस अनुसूची में शामिल जातियों का कोई सदस्य यदि अपना धर्म परिवर्तन कर लेता है तो वह आरक्षण का पात्र नहीं है क्योंकि अन्य धर्म (इस्लाम एवं क्रिश्चन) के लिये ओबीसी की श्रेणी के तहत आरक्षण का प्रावधान है I इस बाबत सरकार ने रिटायर्ड जज बालाकृष्णन की अगुवाही में त्री सदस्यीय कमीशन का गठन किया है I
अपने विचारों को कमीशन तक पहुंचाने के लिये गत 4 ऑर 5 मार्च को विश्व संवाद केंद्र , गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी एवं हिन्दू विश्वा पाक्षिक पत्रिका द्वारा द्वी दिवसीय परिसंवाद सत्र का आयोजन किया गया I देश के विभिन्न कोनों से 60 कानून विशेषज्ञों एवं विद्वानो से इस बाबत रिसर्च पेपर मांगे गये I जिनमे से 17 विषयों को बालाकृष्णन कमीशन के सामने पेश किये जाने वाले मसौदे को तैयार करने के योग्य माना गया है I इस परिसंवाद सत्र में प्लेनिंग कमीशन के पूर्व सदस्य नरेंद्र जाधव ,भूतपूर्व एचआरडी मिनिस्टर प्रोफेसर संजय पासवान एवं एडवोकेट आलोक कुमार ने अपने विचारों को पटल पर रखा I
1931 के सर्वेक्षण से तैयार अनुसूची में शामिल हिन्दू जातियों के आधार पर बाद में छुवाछुत को खत्म करने के लिये संविधान में आर्टिकल 17 को शामिल किया गया I एडवोकेट आलोक कुमार के अनुसार इस प्रकार के परिसंवाद सत्र का आयोजन देश के सभी राज्यों की राजधानियों में किया जायेगा I