नई दिल्ली 27, Nov 2025

लेख

1 - धर्मेंद्र हुए पंचतत्व में विलीन

2 - बिहार की जानता ने फिर एक बार साबित कर दिया कि हथेली में सरसों नहीं उगाया जा सकता

3 - जेट सिक्योरिटी के साथ विसर्जन के लिए निकला लाल बाग का राजा

4 - खून और पानी एक साथ नहीं बहेंगे

5 - एक पृथ्वी एक स्वास्थ्य के लिये योग

6 - ऑपरेशन सिंदूर न्याय की अखंड प्रतिज्ञा

7 - देश के लोकतंत्र को मज़बूत करने के लिए बाबा साहिब का अमूल्य योगदान

8 - दिल्ली सरकार के 100,000करोड़ से क्षेत्र में उन्नति की संभावनाओं को मिलेगी मजबूती

9 - दशक के बाद बिखरा झाड़ू 27 साल बाद खिला कमल फिर एक बार

10 - स्वर्णिम भारत,विरासत और इतिहास पर आधारित इस बार का गणतंत्र दिवस समारोह

11 - महाराष्ट्र में फिर एक बार लहराया बीजेपी का परचम

12 - तमाम कवायदों के बावजूद बीजेपी तीसरी बार हरियाणा में सरकार बनाने को अग्रसर

13 - श्रॉफ बिल्डिंग के सामने कुछ इस अंदाज से हुआ लाल बाग के राजा का स्वागत

14 - प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के सदस्यता ग्रहण करने के साथ ही शुरू हुआ बीजेपी का सदस्यता अभियान

15 - देश के सीमांत इलाकों में तैनात सैनिकों में भी दिखा 78 वें स्वतंत्रता दिवस का जज्बा

16 - २०२४-२५ के बजट को लेकर सियासत विपक्ष आमने सामने

17 - एक बार फिर तीसरी पारी खेलेंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी

18 - केजरिवाल के जमानत पर रिहा होने पर शुरु हुई नई कवायदें

19 - मतदान की दर धीमी आखिर माजरा क्या

20 - क्यूं चलाना चाहते हैं केजरीवाल जेल से सरकार

21 - 2004-14 के मुकाबले 2014-23 में वामपंथी उग्रवाद-संबंधित हिंसा में 52 प्रतिशत और मृतकों की संख्या में 69 % कमी

22 - कर्तव्य पथ दिखी शौर्य की झलक

23 - फ़ाइनली राम लल्ला अपने आशियाने में हो गये हैं विराजमान

24 - राजस्थान का ऊँट किस छोर करवट लेगा

25 - एक बार फिर गणपति मय हुई माया नगरी मुंबई

26 - पत्रकारिता की आड़ में फर्जीवाड़े के खिलाफ एनयूजे(आई) छेड़ेगी राष्ट्रव्यापी मुहीम

27 - भ्रष्टाचार, तुस्टिकरण एवं परिवारवाद विकास के दुश्मन

28 - एक बार फिर शुरू हुई पश्चिम बंगाल में रक्त रंजित राजनीति

29 - नहीं होगा बीजेपी के लिऐ आसान कर्नाटक में कांग्रेस के चक्रव्यूह को भेद पाना

30 - रद्द करने के बाद भी नहीं खामोश कर पायेंगे मेरी जुबान

31 - उत्तर-पूर्वी राज्यों के अल्पसंख्यकों ने एक बार फिर बीजेपी पर जताया भरोसा

32 - 7 लाख तक की आमदनी टैक्स फ्री

33 - गुजरात में फिर एक बार लहराया बीजेपी का परचम

34 - बीजेपी आप में काँटे की टक्कर

35 - सीमित व्यवस्था के बावजूद धूम-धाम से हो रही है छट माइय्या की पूजा

36 - जहाँ आज भी पुजा जाता है रावण

37 - एक बार फिर माया नगरी हुई गणपतिमय

38 - एक बार फिर लहराया तिरंगा लाल किले की प्राचीर पर

39 - बलवाइयों एवं जिहादियों के प्रति पनपता सहनभूतिक रुख

40 - आजादी के अमृत महोत्सव की कड़ी के रूप में मनाया जा रहा है 8 वाँ विश्व योग दिवस

41 - अपने दिग्गज नेताओं को नहीं संभाल पाई कांग्रेस पार्टी

42 - ज्ञान व्यापी मस्जिद के वजु घर में शिवलिंग मिलने से विवाद गहराया

43 - आखिर क्यूँ मंजूर है इन्हे फिर से वही बंदिशें.....

44 - पाँच में से चार राज्यों में लहराया कमल का परचम

45 - पेट्रोलियम, फर्टिलाइजर एवं खाद्य सामाग्री पर मिलने वाली राहत में लगभग 27 फीसदी की कटौती

46 - जे&के पुलिस के सहायक उप निरीक्षक बाबूराम शर्मा मरणोपरांत अशोक चक्र से संमानित

47 - आखिर कौन होंगे सत्ता के इस महाभोज के सिकंदर

48 - ठेके आन फिटनेस सेंटर ऑफ छा गए केजरीवाल जी तुस्सी

49 - मुख्य सुरक्षा अधिकारी हुए पंचतत्वों विलीन

50 - दिल्ली में यमुना का पानी का बीओडी लेवेल 50 के पार

कंटेंट की भूख इंसान को किस हद तक ले जाती है

युवा डायरेक्टर निहारिका साहनी की पहली फीचर फिल्म आत्माराम लाइव इस सप्ताह चुनिंदा सिनेमाघरों में रिलीज हुई है। सोशल मीडिया की अंधी दौड़ और रातों-रात स्टार बनने की चाहत पर आधारित यह विषय शायद पहली बार मुख्यधारा की किसी फिल्म में इतनी स्पष्टता से दिखाया गया है—जहां कंटेंट की भूख इंसान को किस हद तक ले जाती है, यह फिल्म बड़े पर्दे पर बखूबी प्रस्तुत करती है। फिल्म की कहानी एक संघर्षरत सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक छोटे से गांव से बड़े शहर में सुपरस्टार बनने का सपना लेकर आता है। पिता ने इंजीनियरिंग में करियर बनाने की उम्मीद में उसे बी.टेक करवाया था, मगर युवक सोशल मीडिया की दुनिया में नाम कमाने के सपने में खो चुका है।
शहर में वह अपने साथी—पास की सब्ज़ी मंडी में काम करने वाले एक सरदार युवक—के साथ वीडियो बनाता है, पर हर बार असफल होता है। इसी दौरान सरदार मित्र के दादा जी का निधन हो जाता है, और अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट पहुंचने पर इन्फ्लूएंसर को अचानक हॉरर कंटेंट बनाने का आइडिया आता है। वीडियो शूट करते हुए उसका पांव एक जली चिता की राख पर पड़ जाता है और राख उसके जूते में फंस जाती है।यहीं से शुरू होता है कॉमेडी और हॉरर का ऐसा सिलसिला, जो धीरे-धीरे दोनों दोस्तों की जिंदगी को उलझा देता है। चिता की राख के साथ “आत्माराम” का पीछा करना उनकी रोज़मर्रा की जिंदगी को हिलाकर रख देता है। वहीं अपनी दादी की मृत्यु से दुखी युवती वैष्णवी भी इस अजीबोगरीब घटनाक्रम में उलझ जाती है।फिल्म सोशल मीडिया की व्यावहारिकता और युवाओं की हर वक्त ऑनलाइन रहने की मानसिकता पर एक सटीक व्यंग्य है। कई संवाद जहां दर्शकों को हंसाते हैं, वहीं कुछ संवाद सोचने पर मजबूर भी करते हैं।

निर्देशिका निहारिका साहनी ने सीमित संसाधनों और पूरी तरह नई स्टार कास्ट के साथ एक अलग तरह का कंटेंट पेश करने का जोखिम उठाया है, जो सराहनीय है। नई कास्ट के साथ फिल्म को कमर्शियल सफलता दिलाना आसान नहीं होता, लेकिन कलाकारों ने अपनी भूमिकाओं में अच्छा प्रदर्शन दिया है।रीति-रिवाजों और मान्यताओं से जुड़े हास्य तत्वों को हॉरर टोन के साथ ठीक ढंग से पेश किया गया है। कुछ दृश्य डराते हैं, तो कुछ अच्छी हंसी भी दिलाते हैं—ठीक वैसे ही जैसे स्त्री सीरीज ने दर्शकों को पसंद आई थी।फिल्म की शुरुआत थोड़ी धीमी है, मगर इंटरवल के बाद रफ्तार पकड़ती है और क्लाइमेक्स तक दर्शकों को जोड़े रखने में कामयाब रहती है।
• निर्देशन, लेखन व निर्माण: निहारिका साहनी
• म्यूजिक प्रोडक्शन: अंकित दीपक तिवारी
• मुख्य कलाकार: विट्ठल चड्ढा, आकाशदीप सिंह, अव्याना शर्मा

आत्माराम लाइव वह फिल्म है जो केवल मनोरंजन नहीं करती, बल्कि सोशल मीडिया की अंधी रेस, उसके प्रभाव और युवा पीढ़ी की मानसिकता पर एक गहरी टिप्पणी भी पेश करती है। नई टीम और सीमित बजट में बनाई गई यह फिल्म दर्शाती है कि कंटेंट दमदार हो तो बड़े नाम जरूरी नहीं।मेकर इसे भारत के साथ-साथ इंटरनेशनल रिलीज़ के लिए भी तैयार कर रहे हैं, जो इस अनोखे प्रयोग को और व्यापक दर्शक वर्ग तक पहुंचाएगा। यह फिल्म कॉमेडी, हॉरर और सोशल मीडिया सटायर का ताज़ा मिश्रण है, जिसे एक बार ज़रूर देखा जा सकता है।

11:43 am 27/11/2025

संपादक

डा. अशोक बड़थ्वाल

Mobile : 91-9811440461

editor@dhanustankar.com

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समाचार

1 - कंटेंट की भूख इंसान को किस हद तक ले जाती है

2 - केजरीवाल का अर्श से फर्श का सफर : प्रवीण शंकर कपूर

3 - पिछले चार साल के दौरान गुजरात में करीब 16,000 करोड़ कीमत की ड्रग्स पकड़ी गई: लालजी देसाई

4 - पुरानी ज़माने की मोहब्बत हो या Gen-Z का डिजिटल प्यार

5 - फिरकापरस्ती से देश को बचाने के लिए राहुल गांधी की आवाज को बुलंद करना होगा: देवेंद्र यादव

6 - पुरानी दिल्ली के व्यपारिक संगठनों की उत्तरी दिल्ली पुलिस उपायुक्त के साथ समन्वय बैठक

7 - उद्योग जगत की रचनात्मक ऊर्जा एक ही मंच पर दमक उठी

8 - दिल्ली के प्रदूषण को बढ़ाने में पंजाब में पराली जलने का योगदान ना होने सम्बंधी ब्यान विवादास्पद

9 - नारायणा वार्ड से कांग्रेस प्रत्याशी के चुनावी कार्यालय की परमिशन रद्द करना राजनीति से प्रेरित

10 - बाढ़ राहत का 1600 करोड़ रुपया केंद्र से बकाया: भगवंत मान

11 - धर्मरक्षक यात्रा गुरुद्वारा रकाबगंज से गुरुद्वारा बाबा ज़ोरावर सिंह बाबा फतेह सिंह जी पहुँची

12 - 24 घंटे डिजिटल अरेस्ट कर 49 लाख ठगे

13 - कोरगज्जा लोक आस्था के पूज्य देवता की कथा को पहली बार बड़े परदे पर

14 - अबकी बार, AQI 400 पार का नारा निगम के सदन‌ के अन्दर गूंजा

15 - कैसे शाहीनबाग से शुरू हुआ सी ए ए विरोध का आंदोलन ‘नमस्ते ट्रम्प’ तक पहुंचा

16 - निगम उपचुनाव द्वारका बी वार्ड से कांग्रेस प्रत्याशी सुमिता मलिक के चुनाव कार्यालय का उद्घाटन

17 - चाँदनी चौक निगम उपचुनाव कार्यालय का हुआ लोक समर्पण

18 - लाल किले विस्फोट में घायलों को 5 लाख एवं मृत्तकों को 50 लाख के मुआवजे की माँग: देवेन्द्र यादव

19 - बिहार में रिकॉर्ड तोड़ वोटिंग नीतू चंद्रा बनीं बदलाव की प्रतीक

20 - वीरेन्द्र सचदेवा बने विश्व आर्चरी एसोसिएशन के एग्जीक्यूटिव बोर्ड के सदस्य

21 - सिने अदाकारा अनुप्रिया गोयंका ने निकाला इलेक्ट्रॉनिक्स मार्ट का ₹30 लाख का बंपर ड्रा

22 - दीप प्रज्वलित कर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन 2025 का उद्घाटन

23 - अगर एमटीएस कर्मचारियों को हड़ताल पर जाने से रोक लिया जाता तो डेंगू-मलेरिया के इतने केस नहीं आते

24 - नरेश कथूरिया का ब्लॉकबस्टर लेखक से मुख्य अभिनेता तक का सफ़र

25 - 350वें शहीदी दिवस को समर्पित "सरबत दा भला" साइकिल राइड

26 - 50-50 लाइटें देने का वायदा निकला जुमला

27 - अभिनेता इमरान हाशमी और यामी गौतम ने सुप्रीम कोर्ट के बाहर हक के लिए रचा यादगार सिनेमाई पल

28 - 12 वार्डों में निगम उप चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस पर्यवेक्षकों की बैठक

29 - रविन्द्र इन्द्राज बने 12 वार्डों में होने वाले निगम चुनाव के लिए भाजपा के प्रभारी

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32 - 6 साल की मासूम प्रियांशी की डूबकर मौत घोर प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा

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