दिल्ली : जलभराव के मामले में बचाव के लिए मैदान में उतरे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा किया पलटवार कहा कि 2024 में जलभराव में डूबने से मरे 40 लोगों के दोषी नेताओं एवं अधिकारियों पर क्यूँ कोई कार्यवाई नही हुई । नालों सीवर सफाई के आडिट की मांग करते हुए आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज यह भी भूल गये की दिल्ली उच्च न्यायालय ने जो डी सिलटिंग आडिट का आदेश गत वर्ष 8 अप्रैल 2024 को दिया था वह उनकी अरविंद केजरीवाल सरकार के डी सिलटिंग घोटालों को लेकर 2018 दायर एक याचिका पर आया था और उस आदेश के अनुसार तत्कालीन अरविंद केजरीवाल सरकार को 30 जून 2024 तक उनके विभिन्न विभागों द्वारा डी सिलटिंग के दावों का थर्ड पार्टी आडिट करवा कर सार्वजनिक करने को कहा था जो अरविंद केजरीवाल सरकार ने कभी नही किया।
दिल्ली वालों ने अपनी आंखों से 2024 में लगभग 40 निर्दोष जाने जलभराव के कारण जाते देखीं और साथ देखा की केजरीवाल सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी डी सिलटिंग का थर्ड पार्टी आडिट नही कराया जो साफ दर्शाता है की केजरीवाल सरकार ने डी सिलटिंग के नाम पर दस साल घोटाला किया। सौरभ भारद्वाज खुद केजरीवाल सरकार में मंत्री थे बतायें की क्यों उनकी सरकार ने 8 अप्रैल 2024 के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी डी सिलटिंग का आडिट करवा कर क्यों 30 जून 2024 तक उसकी रिपोर्ट सार्वजनिक नही की।