दिल्ली: लोकपाल कार्यालय द्वारा जारी एक आदेश का हवाला देकर एमसीडी के नेता विपक्ष अंकुश नारंग ने खड़ा किया एमसीडी नार्थ के भूतपूर्व मेयर जयप्रकाश को कटघरे में । पूर्व मेयर ने तिकड़म लगाकर आश्रय सुधार बोर्ड (DUIB) की ज़मीन पर कब्जा कर बहुमंजिली इमारत का निर्माण । आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय मुख्यालय में मीडिया से रूबरू होकर उन्होंने जानकारी दी कि सदर बाजार की गली विक्रम की प्रॉपर्टी नंबर 3231/XIII बहादुरगढ़ रोड़ आश्रय सुधार बोर्ड (DUSIB) की प्रॉपर्टी है को बोर्ड ने लीज पर दो व्यक्तियों मेहर चंद एवं हंसराज को दी । दोनों लीज फीस के रूप में आश्रय सुधार बोर्ड को क्रमशः 13 एवं 11.50 रुपया महीना देते थे । तिकड़म लगाकर यह प्रॉपर्टी हड़प ली गई । बहु मंजिल इमारत बना कर इसका इस्तेमाल रेजिडेंशियल एवं कमर्शियल परपज के लिए किया जा रहा है ।
लोकायुक्त ने दिल्ली उपराज्यपाल (LG) सहाब को तुरंत सक्षम एजेंसी से जांच कराएं जाने — कैसे ज़मीन ट्रांसफर हुई, कैसे इमारत बनी? नेता विपक्ष ने मांग की है कि भाजपा पुर्व मेयर जयप्रकाश पर जो आरोप है उसकी तुरंत प्रभाव से निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, अगर आरोप सही निकलते हैं तो तुरंत कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। भविष्य में भी इस प्रकार की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता ।