
दिल्ली: पूर्व प्रधान मंत्री भारत रत्न स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेई के जन्म शताब्दी वर्ष के अंतर्गत दिल्ली भाजपा के सभी जिलों में विधानसभा स्तर पर "अटल स्मृति सम्मेलन" आयोजित किए जा रहे हैं और इसी श्रृंखला में आज नई दिल्ली जिले के कस्तूरबा नगर विधानसभा क्षेत्र के "अटल स्मृति सम्मेलन" का आंध्रा एसोसिएशन भवन, लोधी रोड़ में आयोजन हुआ।भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नवीन ने आज कस्तूरबा नगर विधानसभा क्षेत्र में दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री वीरेन्द्र सचदेवा, सांसद सुश्री बाँसुरी स्वराज, नई दिल्ली जिलाध्यक्ष श्री रविन्द्र चौधरी की उपस्थिती में स्थानीय विधायक श्री नीरज बसोया की अध्यक्षता में आयोजित "अटल स्मृति सम्मेलन" को सम्बोधित किया। विधानसभा के स्थानीय निगम पार्षद श्री शरद कपूर एवं श्रीमती अनीता बसोया और पूर्व पार्षद श्री भूपेंद्र मलिक भी मंचासीन रहे।
भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा की भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी अपनी वाक़ पटुता के साथ लोगों तक अपनी बातें साफ़ तौर पर रखते थे। अगर वह सत्ता पक्ष पर हमला करते थे तो गलती करने पर वह विपक्ष के साथियों को भी नहीं छोड़ते थे। जब उनकी सरकार एक वोट से जा रही थी तो उस वक्त दिया गया उनका भाषण एक नए संदेश का परिचायक था और सबके लिए प्रेरणा स्रोत है। अटल जी जैसा आत्मविश्वास आज के समय की राजनीति में बहुत कम लोगों में दिखता है। जिन विचार को लेकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी ने पार्टी बनाई उसके वाहक अटल जी एवं अडवाणी जी थे। भाजपा के सफ़र को अगर आप समझ लेते हैं तो भाजपा के विचार और संस्कार अपने आप समझ आ जाते हैं। आज राजनीति में पार्ट टाइम पॉलिटिशियन बहुत हैं जिनका लंबा भविष्य नहीं होता। अटल जी के सिद्धांतों के कारण ही आज भाजपा यहां तक पहुंची है।
अटल जी का यू.एन. में दिया वह भाषण भी हमें सुनना चाहिए, जब अटल जी ने हिंदी में भाषण दिया था तो एक एक भारतीयों को अपने भाषा पर गर्व हुआ और स्वामी विवेकानंद के बाद जो हिंदी भाषा कहीं खो गई थी उसको उजागर करने का काम अटल जी ने विश्व पटल पर किया। पं. दीनदयाल उपाध्याय का अंत्योदय सिद्धांत हो या अटल जी का सुशासन संदेश इन दोनों का लाभ प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने करोड़ो लोगों तक अपनी योजनाओं के माध्यम से पहुँचाने का काम किया है। गरीबों को मुख्य धारा में लाकर अंतिम व्यक्ति को आगे बढ़ाने का काम किया है। जब इंफ्रास्ट्रक्चर की बात होती है तो शेरशाह सूरी की बात होती है लेकिन आज प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना हो या अन्य प्रोजेक्ट जिसके तहत लगातार सड़क निर्माण हो रहा है।
यह स्पष्ट है कि अगर अटल जी के सपनों का भारत का निर्माण कोई कर रहा है तो वह प्रधामंत्री श्री नरेंद्र मोदी हैं। कारगिल विजय युद्ध के बाद सैनिकों के लिए खड़ा होने की बात हुई तो अटल जी पूरी दृढ़ता से उनके सम्मान के लिए खड़े हुए। अगर किसी के जीवन में संघर्ष नहीं आया तो उसको बड़ा मुकाम नहीं हासिल होगा। देश के सर्वोच्च स्थान पर पहुँचकर हमेशा देश को आगे रखना का विचार मन में था तभी अटल जी इतनी बड़ी शख़्सियत बन पाए हैं। यदि 2047 तक भारत का अगर विकासित राष्ट्र के रूप में निर्माण करना है तो उसके लिए हमे परिश्रम करना होगा और अगर हमे भारत का स्वर्णिम युग लाना है तो हमे मेहनत करनी पड़ेगी और अटल जी की जो दृढ़ इच्छाशक्ति रही है उसके अनुसरण करते हुए हमें आगे बढ़ना होगा।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि इस सम्मेलन में राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष श्री नितिन नवीन जी हमारे बीच में हैं, इससे बड़ी बात कुछ नहीं हो सकती। उन्होने कहा की उच्च राजनीतिक मूल्यों, विचारों से परिपूर्ण होने के साथ ही अटल जी ने एक साहित्यकार और एक कवि के रूप में अपने जीवन में कई ऐसे कार्य किये जिसके लिए देश उनका हमेशा ऋणी रहेगा। उनके नेतृत्व को पूरे विश्व ने सम्मान किया और यह कहते हुए कोई संकोच नहीं है कि हमारे युग में वह इकलौते ऐसे राजनेता थे जिन्हें उनके समर्थकों के अलावा उनके विरोधियों ने भी स्वीकारा।
उनकी वाक्य शैली और लेखनी ने लगातार विरोधियों को भी अपना बनाने का काम किया। पत्रकार के रूप में पहला वनवास जेल में काटा तो उस वक्त उनकी उम्र महज 16 साल था और उस वक्त जो लौ जगी वह आगे तक देश के लिए काम आई और अगर भारतीय राजनीति को समझना है तो उसके लिए आपको उनके द्वारा किए गए कार्य को पढ़ने की ज़रूरत है। अटल जी पहली बार 1957 में संसद पहुंचे तो उस वक्त रेल की दुर्घटना बहुत हो रही थी तत्कालीन रेल मंत्री जगजीवन राम थे उनके ऊपर कटाक्ष करते हुए कहा लोग रेल की टिकट लेते हैं तो जग और जीवन का टिकट लेकर चढ़ते हैं और फिर राम का नाम लेते है।
पोखरण का परीक्षण के वक्त संसद में विरोध करते हुए विपक्ष को उन्होंने करारा जवाब दिया। भारतीय राजनीति का अगर कोई सितारा है तो वह अटल बिहारी बाजपेयी जी हैं और हमें उनसे सीखने की जरूरत है। इसलिए प्रदर्शनी और वीडियो क्लिप के माध्यम से भी हम लोगों तक अटल जी के संदेशों को पहुँचाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने जो सपना देखा था आज प्रधानमत्री श्री नरेंद्र मोदी पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं।