पुजारियों-ग्रंथियों को 20 हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय देने से लिया यू टर्न
दिल्ली: विधान सभा में आयोजित एक प्रेस वार्ता में साधा आम आदमी पार्टी से विधायक अनिल झा ने साधा दिल्ली की भाजपा शासित सरकार पर निशाना कहा कि सरकार बनते ही भाजपा अपने चुनावी वादों को पूरा करने से इन्कार करने लगी है। ताजा मामला मंदिरों के पुजारियों और गुरुद्वारों के ग्रंथियों को मानदेय देने का है। चुनाव के दौरान भाजपा ने आम आदमी पार्टी को देखकर अपने घोषणा पत्र में वादा किया था कि वह सरकार बनने पर पुजारियों और ग्रंथियों को 20 हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय देगी, लेकिन अब उसकी सरकार ने मानदेय देने से साफ इन्कार कर दिया है। मंत्री प्रवेश वर्मा ने ‘‘आप’’ विधायक जरनैल सिंह के सवाल के जवाब में कहा है कि सरकार की पुजारियों व ग्रंथियों को मानदेय देने की कोई योजना नहीं है।
25 मार्च को भाजपा की दिल्ली सरकार द्वारा बजट लाया गया। बजट में उन्होंने कई तरह के दावे और वादे किए हैं। हम हमेशा इस बात को पक्ष में रहे हैं कि सरकार को बजट या कार्यों का क्रियान्वयन करने के लिए समय मिले। लेकिन नई सरकार द्वारा दिल्ली की जनता के लिए लाए गए बजट को देखकर मुझे हैरानी होती है। भाजपा ने कहा कि दिल्ली में रामराज्य की तरह सरकार चलाएंगे। कई जगहों पर प्रधानमंत्री और भगवान श्रीराम का टीका लगाते हुए भाजपा ने अपना घोषणा पत्र जारी किया था और कहा था कि मंदिरों के पुजारियों और गुरुद्वारों के ग्रंथियों को 20 हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय देगी।
सबसे पहले आम आदमी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने घोषणा किया था कि दिल्ली के मंदिरों में पूजा करने वाले पुजारी, गुरुद्वारों में धार्मिक विषयों का संचालन करने करने वाले ग्रंथी और बाल्मिकी व रविदास मंदिरों में व्यवस्था और पूजा-पाठ करने वाले पुजारियों को 18 हजार रुपए प्रतिमाह देने की घोषणा की थी। इस बार आम आदमी पार्टी की सरकार नहीं बन पाई। लेकिन चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी की देखा-देखी भाजपा ने भी यह घोषणा कर दी कि वह सरकार बनने पर पुजारियों और ग्रंथियों को 20 हजार रुपए प्रतिमाह देगी। अब दिल्ली में भाजपा की सरकार है।
आम आदमी पार्टी के विधायक ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा जब बजट लाया गया तो उसमें कहीं पर भी यह उल्लेख नहीं है कि दिल्ली के गुरुद्वारों के ग्रंथियों और मंदिरों के पुजारियों को 20 हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय देंगे। जब आप सार्वजनिक रूप से घोषणा करते हैं और आपकी राष्ट्रीय पार्टी है, 20-21 राज्यों में आपकी सरकार है। ये लोग केंद्र शासित राज्य दिल्ली में पुजारियों और ग्रंथियों को 20 हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय देने की घोषणा करते हैं और सनातन संस्कृति के सबसे बड़े झंडावरदार बनते हैं। लेकिन ग्रंथियों और पुजारियों की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। उनके परिवार भरण पोषण और उनकी शिक्षा को लेकर ‘‘आप’’ की तत्कालीन सरकार ने मानदेय की व्यवस्था करने की बात कही थी। इसी को देखकर भाजपा ने अपने एजेंडे में भी लाया।
मंत्री प्रवेश वर्मा से जब सदन में प्रश्न पूछा गया तो उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की ऐसी कोई योजना नहीं है। सदन में ‘‘आप’’ विधायक जनरैल सिंह ने मंत्री प्रवेश वर्मा से यह सवाल पूछा था। एक माह पहले ही भाजपा की सरकार बनी है और ढाई तीन माह पहले चुनाव के दौरान ग्रंथियों और पुजारियों को मानदेय देने की घोषणा की थी। अब बजट के दो-तीन के अंदर ही भरे सदन में इस घोषणा से इन्कार कर रहे हैं कि हमारी ऐसी कोई योजना नहीं है। यह बड़ा ही अफसोस जनक और निराशाजनक है कि भाजपा को बजट में जो प्रावधान लाना चाहिए था, वह नहीं लाई। हम मंत्री के बयान की कड़ी निंदा करते हैं। दिल्ली के लोगों समझना चाहिए कि भाजपा ने अपने घोषणा पत्रों को पूरा करने से इन्कार करना शुरू कर दिया है।
09:27 pm 27/03/2025