चुनावी गर्मी के साथ सक्रिय हुई दिल्ली के राजनीतिक हलकों सरगर्मियां। आगामी 4 दिसंबर को दिल्ली की 250 निगम सीटों पर मतदान संभावित है । इस बार भारतीय जनता पार्टी एवं आम आदमी पार्टी के बीच कांटे की टक्कर है । समय की रफ्तार के साथ अब कहीं न कहीं ढ़ीली हो गई है कांग्रेस की पकड़ ।
गौर फरमाने की बात यह है कि पिछले 15 सालों से दिल्ली नगर निगम पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है । लंबे इतिहास में चूक की संभावनाओं से भी इंकार नहीं किया जा सकता। सिख सियासत से जुड़ी हुऐ शिरोमणी अकाली दल की दिल्ली शाखा ने भी ऐलान किया है जो पार्टी बंदी सीखों के हित की बात करेगी पंथक उसके साथ रहेगी। गौर फरमाने की बात यह है कि 36 बंदी सिख देश की विभिन्न जेलों में बंद हैं I
आम आदमी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी पर 15 सालों में दिल्ली को कचरे का ढेर बनाने का आरोप लगाया है तो पलट में भारतीय जनता पार्टी ने लगाया नई एक्साइज पालिसी के माध्यम से दिल्ली को नशे का शहर बनाने का आरोप । साथ ही जताई मोटा पैसा लेकर सीटों के आवंटन की संभावना ।फिलहाल रोड शो एवं रैलियों का दौर है। दिल्ली में पल्यूशन भी एक मुद्दा है I निगम को स्वावलंबी एवं इसकी सेवाओं को जन जन तक पहुंचाने के लिये डिजिटलाइजेशन के आश्वासन चुनावी घोषणा पत्रों का एक हिस्सा है I
इस बार के निगम चुनावों में भी कहीं न कही भारतीय जनता पार्टी का पलड़ा भारी जान पड़ता है । आम आदमी पार्टी द्वारा पटकी दिये जाने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता ...