कोविड संक्रमण की तीसरी लहर के लिये चुनाव आयोग के दिशानिर्देश आने से पहले ही राजनीतिक दलों ने पूरा कर लिया था अपनी-अपनी रैलियों का कोटा I मीडिया एवं सोशल मीडिया के माध्यम से प्रसारित हो रही है पाँच राज्यों में होने वाले चुनावों में पार्टियों की रणनीति I याने कि मीडिया की कसौटी पर खरे उतरने वालों की ही जीत संभावित है I वैसे इस बार मतदाताओं से व्यक्तिगत संपर्क पर भी जोर रहेगा I
पंजाब में 117, उत्तर प्रदेश में 403 , उत्तराखंड में 70 , मणिपुर में 60 एवं गोवा में 40 विधान सभा सीटों के लिए आगामी फरवरी में चुनाव संभावित हैं I उम्मीदवारों की सूची जारी किये जाने की प्रक्रिया शुरू होते ही नेताओं हड़कंप मचा हुआ है I फिरकापरस्ती के इस दौर में नेताओं का इधर से उधर गुलाटी मारना लाजमी है I कुछ बीजेपी तो कुछ आम आदमी पार्टी तो कुछ समाजवादी पार्टी ऑर चंद एक कांग्रेस में I
पांचों राज्यों के राजनीतिक समीकरण उलझे हुए से जान पड़ते हैं I तमाम अटकलों एवं राजनीतिक कवायदों के बावजूद भी नहीं होगा आसान बीजेपी के लिये पंजाब में किसानों आंदोलन की आड़ में बनाये गये चक्रव्यूह को भेद पाना I आम आदमी पार्टी के मुख्य संयोजक अरविंद केजरीवाल द्वारा की गई वायदों की झड़ी का खुलासा भी वक्त आने पर हो ही जायेगा I
उत्तर प्रदेश में तीन मंत्री एवं बारह बीजेपी बागी विधायकों का कितना फायदा समाजवादी पार्टी के टीपू को मिल पायेगा यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा I आयोध्या की बिसात पर बीजेपी की व्यूहरचना के सामने क्या टिक पायेगी कांग्रेस की इमोशनल राजनीति I यहाँ भी पैर पसारने की फिराक में हैं केजरीवाल I यहाँ योगी एवं टीपू के बीच मल्ल युद्ध है I
ऑर यदि बात उत्तराखंड की हो तो यहाँ काँग्रेस एवं बीजेपी के बीच तेजी से पाँव पसारने की फिराक में हैं केजरीवाल I कहीं न कहीं भारी पड़ सकता है बीजेपी पर पाँच साल में तीन मुख्यमंत्रियों का बदला जाना I यहाँ की विकास एवं विकास के बीच है मल्ल युद्ध I आखिर खेला तो यहाँ पर भी खेल रही है कांग्रेस I
सीमावर्ती राज्य होने के कारण चुनाव के दौरान मणिपुर में विशेष अहतियात बरतने की जरूरत है I चुनाव की तारीख के साथ यहाँ पर हिंसक वारदातों का सिलसिला शुरू हो गया I बीजेपी के कार्यकर्ता समेत दो की हत्या एवं यहाँ की राजधानी स्थित दो कांग्रेसी नेताओं के घर बम फेके जाने के समाचार मिले हैं I यहाँ चुनाव दो चरणों में संपन्न होने हैं 27 फरवरी एवं 3 मार्च I यहाँ के चुनावी तेवर कुछ ज्यादा ही भयंकर हैं I
पूर्व केंदीय रक्षा मंत्री मनोहर पारिककर की कर्मस्थली गोवा में कहीं न कहीं भारी पड़ सकता है बीजेपी पर एक आपराधिक छवि वाले व्यक्तित्व को टिकट दिया जाना I स्वयं पूर्व मंत्री के पुत्र ने उत्पल पारिककर ने साधा है निशाना अगर पार्टी पणजी निर्वाचन क्षेत्र के मौजूदा विधायक अतानासियो मोनसेरेट को अपना टिकट देती है तो वह चुप नहीं बैठेंगे। यहाँ कांग्रेस तृणमूल कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है I
तमाम कवायदों एवं मौजूदा समीकरण के बीच सत्ता के इस महाभोज में कमल,हाथ एवं साइकिल के भविष्य का खुलासा तो समय आने पर हो ही जायेगा I फिलहाल कहीं न कहीं जरूरी है सुलझी हुई सोंच के साथ मतदान.....