दिल्ली: गुरु घरों के अंदर कुछ लोग कुकर्म कर रहे हैं और सब कुछ जानते हुए हुए भी मौजूदा गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी पर ना तो अंकुश लगा पा रही है और ना ही कुकर्मियों के खिलाफ कार्यवाही हो रही है । गुरुद्वारा रकाब गंज स्थित शिरोमणि अकाली दल के दिल्ली प्रदेश कार्यालय में 84 सेवा दल के प्रधान अवतार सिंह ने प्रदेश अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना जो की दिल्ली प्रबंधन कमेटी के प्रधान भी रह चुके हैं एवं अन्य की मौजूदगी में पत्रकारों को किए गए एक खुलासे के अनुसार ऐतिहासिक स्थल गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब के लंगर हॉल से सटे एक कमरे में कमेटी के एक ज़िम्मेदार कर्मचारी द्वारा कुकर्म किए जाने की खबर हमारी संस्था को मिली थी, जिसके बारे में हम सतर्क रहते हुए लगातार चार हफ्ते निगरानी करते रहे। चार हफ्तों बाद उक्त कर्मचारी को एक महिला के साथ कुकर्म करते रंगे हाथों पकड़ा गया। इस घटना के सबूत के रूप में वीडियो रिकॉर्डिंग भी मौजूद है।
यदि उनकी सुनी जाए तो मौके पर गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब के मैनेजर समेत अन्य कर्मचारी भी वहां पहुंच गए और बातचीत के बाद उक्त व्यक्ति, जो कमेटी का ही मुलाजिम है, को सस्पेंड कर दिया गया। संगत स्वयं सोच सकती है कि ऐसे कुकर्म की सज़ा सिर्फ सस्पेंड करना है?वह चाहते थे कि उक्त दोषी की सेवाएं समाप्त की जाएं और धार्मिक भावनाएं भड़काने का मामला दर्ज किया जाए। लेकिन कमेटी द्वारा मामले को ठंडे बस्ते में डालने के प्रयास होते रहे। कमेटी के जनरल सेक्रेटरी जगदीप सिंह काहलों द्वारा दो दिन बाद हमें अपने दफ्तर बुलाकर धमकाया गया और कमेटी में नौकरी देने का लालच भी दिया गया।
प्रबंधन कमेटी के पूर्व प्रधान सरदार परमजीत सिंह सरना ने विषय में पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया है। इस संबंध में शिकायत श्री अकाल तख्त साहिब को सौंपी जाएगी । कुकर्मी मुलाजिम समेत, उसे संरक्षण देने वाले दिल्ली कमेटी के पदाधिकारियों व संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ पंथक परंपराओं के अनुसार कार्रवाई की मांग की जाएगी ।
दिल्ली: व्हाट्सएप स्टेटस पर अवैध हथियार के साथ फोटो लगाने वाले को थाना गोकलपुरी थाने की टीम ने कुछ ही घंटों में किया गिरफ्तार आरोपी के कब्जे से एक देशी कट्टा व 02 जिन्दा कारतूस (12 बोर) बरामद। आरोपी पहले भी एक लूट के मामले में र्संलिप्त पाया गया । संवेदनशील झुग्गी-झोपड़ी (JJ) क्लस्टरों में अपराध पर अंकुश लगाने, उभरते अपराधियों की पहचान करने, अवैध गतिविधियों की निगरानी करने तथा सत्यापन अभियानों को क्रियान्वित करने हेतु JJ क्लस्टर समितियों का गठन किये जाने के क्रम में, गोकुलपुरी स्थित संजय कॉलोनी क्षेत्र में एक समिति का गठन किया गया था ।
संजय कॉलोनी के एक निवासी द्वारा अपने व्हाट्सएप स्टेटस पर अवैध हथियार के साथ फोटो लगाने की सूचना JJ क्लस्टर समिति के एक सदस्य द्वारा प्रदान की गई। सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए, ACP/गोकुलपुरी के पर्यवेक्षण में निरीक्षक परवीन कुमार, थानाध्यक्ष गोकुलपुरी, के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई। इस टीम में HCs अनिल, अनुज व सिपाही रोहित, प्रवीन और हितेश शामिल थे, जिनका उद्देश्य सूचना का विकास करना और हथियार व गोला-बारूद की बरामदगी सुनिश्चित करना था।
टीम ने तत्परता से कार्य करते हुए गोकुलपुरी के डी-ब्लॉक पार्क से आरोपी विजय पुत्र विनोद, उम्र 23 वर्ष, निवासी संजय कॉलोनी, गोकुलपुरी, दिल्ली को गिरफ्तार किया। तलाशी के दौरान उसके कब्जे से एक देसी कट्टा और दो जीवित कारतूस (12 बोर) बरामद किए गए।इस बाबत में थाना गोकुलपुरी में शस्त्र अधिनियम की धारा 25 के अंतर्गत मामला दर्ज कर जांच प्रारंभ की गई। पूछताछ के दौरान आरोपी विजय ने अपना अपराध स्वीकार किया तथा हथियार की प्राप्ति के स्रोत के बारे में जानकारी दी, जिसकी पुष्टि की जा रही है। विस्तृत पूछताछ में यह भी सामने आया कि आरोपी पूर्व में एक लूट के मामले में शामिल रह चुका है। मामले पर तहक़ीक़ात जारी है।
दिल्ली : राजकुमार राव और वामिका गब्बी अभिनीत भूल चुक माफ़ IMDb की सबसे प्रतीक्षित फिल्मों की सूची में है शीर्ष पर । फ़िल्म ने सिनेमा प्रेमियों के बीच काफी उत्साह पैदा किया है, जिसका सबूत हाल ही में IMDb की सबसे प्रतीक्षित फिल्मों की सूची में शीर्ष पर आने की इसकी उपलब्धि है। IMDb से यह प्रतिष्ठित मान्यता भारतीय और वैश्विक दर्शकों के बीच फिल्म की व्यापक चर्चा और बढ़ती लोकप्रियता का एक मजबूत संकेतक है।
करण शर्मा द्वारा निर्देशित, यह पारिवारिक मनोरंजन वाराणसी की जीवंत पृष्ठभूमि पर रोमांस, हास्य और टाइम-लूप ट्विस्ट का एक अनूठा मिश्रण पेश करता है।अमेज़ॅन एमजीएम स्टूडियो के सहयोग से दिनेश विजन की मैडॉक फिल्म्स द्वारा निर्मित, भूल चुक माफ़ स्टूडियो की आकर्षक और अभिनव सिनेमा देने की परंपरा को जारी रखती है।
दिल्ली: हाई कोर्ट द्वारा मौजूदा प्रबंधकों को अध्यापकों के बकाया का भुगतान न करने पर अवमानना का दोषी ठहराए जाने के सख़्त आदेश के बाद शिरोमणि अकाली दल की दिल्ली इकाई के प्रमुख सरदार परमजीत सिंह सरना ने दिल्ली कमेटी के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका और उनके सहयोगियों पर तीखा हमला किया है। दिल्ली कमेटी के मौजूदा अध्यक्ष एवं जनरल सेक्रेटरी को गुरु हरकृष्ण पब्लिक स्कूल सोसाइटी द्वारा चलाए जा रहे स्कूलों के शिक्षकों और स्टाफ को छठे और सातवें वेतन आयोग के बकाया की अदायगी के 2021 के अदालत के आदेश की जानबूझकर अवहेलना करने पर दोषी ठहराया गया है। अदालत ने 400 करोड़ रुपये के बकाया की वसूली के लिए फॉरेंसिक ऑडिट और दिल्ली कमेटी तथा जीएचपीएस की संपत्तियों के मूल्यांकन का भी आदेश दिया है। दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष ने अदालत के इस निष्कर्ष की ओर इशारा किया कि मौजूदा अध्यक्ष कालका और उनके साथियों ने शिक्षकों को उनका बकाया माफ़ करने के लिए मजबूर किया और कार्रवाई में देरी करने के लिए झूठे वादे किए।"यह केवल प्रशासनिक गलतियाँ नहीं हैं," उन्होंने कहा। "कालका और उनके गिरोह ने झूठे वादे किए, शिक्षकों को चुप कराने के लिए दबाव डाला, और अब सत्ता से जुड़े होकर बेबसी का रोना रो रहे हैं।"सरना ने घोषणा की कि "दिल्ली कमेटी की हर इंच ज़मीन संगत की है – इसे छुपाने या असफल नेताओं के अहंकार की ढाल बनाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।" उन्होंने मांग की कि सिरसा, कालका और उनके सहयोगियों की संपत्तियों को नीलाम किया जाए, न कि समुदाय की सेवा के लिए बनाई गई दिल्ली कमेटी की संपत्तियों को बेचा जाए। उन्होंने पांच बिंदुओं पर आधारित सवालों के भी उत्तर दिए, जिनका जवाब उन्होंने कहा कि कालका को संगत और क़ानून को देना चाहिए: दिल्ली हाई कोर्ट ने जीएचपीएस मामले में किसे दोषी ठहराया है – और क्यों?
दिल्ली कमेटी को इन कानूनी लड़ाइयों में पक्षकार के रूप में किसने खड़ा किया – क्या यह आपका प्रशासन नहीं था?दिल्ली कमेटी के वकील किसके निर्देश पर अदालत द्वारा नियुक्त मूल्यांकनकर्ता से सहयोग के लिए सहमत हुए?फॉरेंसिक ऑडिटर ने जीएचपीएस स्कूल की संपत्तियों को दिल्ली कमेटी की संपत्ति के रूप में क्यों सूचीबद्ध किया – क्या उन्हें कभी आधिकारिक रूप से अलग किया गया?एडवोकेट मंगेश नाइक द्वारा अर्जी दायर करने के बाद आपकी अगुवाई में दिल्ली कमेटी चार महीने तक चुप क्यों रही – क्या यह पर्दाफाश था या गंभीर लापरवाही?"कालका और उनके साथियों के लिए अब हटने का समय आ गया है," उन्होंने ने निष्कर्ष निकालते हुए कहा कि "वे नैतिक अधिकार खो चुके हैं, उन्होंने कानूनी आधार खो दिया है और लोगों का विश्वास भी। दिल्ली कमेटी कभी भ्रष्ट लोगों का अड्डा नहीं थी – यह सेवा का गढ़ थी।"उन्होंने ने मौजूदा अध्यक्ष को चेतावनी दी कि वह असली मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए अदालती कार्यवाही को तोड़-मरोड़ कर पेश न करें। "कालका सही पंजाबी बोलने के लिए संघर्ष कर रहा है – वह हिंदी और अंग्रेज़ी में अदालती हिस्सों को तोड़-मरोड़ कर पढ़ कर गुमराह करना चाहता था।” प्रदेश अध्यक्ष ने शायराना अंदाज़ में तंज़ कसते हुए कहा, "इधर उधर की बात मत कर, ये बता काफ़िला कैसे लुटा..." इसके साथ ही उन्होंने मांग की कि इस नुकसान की भरपाई मौजूदा अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका की और उनके साथियों की संपत्तियाँ ज़ब्त करके की जाए, जो पिछले 12 वर्षों से स्कूलों के चेयरमैन से लेकर कमेटी के अध्यक्ष तक के पदों पर रहते हुए लूट करते रहे हैं। दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 10 जुलाई को तय की है, जहां सज़ा की मात्रा और अनुपालन की प्रगति की समीक्षा की जाएगी।
दिल्ली: है। हाई कोर्ट द्वारा अध्यापकों को उनकी बनती हुई तनख्वाहें न देने पर अदालत की अवमानना का दोषी ठहराए जाने पर शिरोमणि अकाली दल के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना ने दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका और उनके साथियों के खिलाफ कड़े शब्दों में हमला बोला । वर्तमान अध्यक्ष एवं पूर्व अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा पर निशाना साधते हुए कहा कि अध्यापकों के साथ धोखाधड़ी कर नौजवान पीढ़ी का भविष्य बर्बाद कर रहे हैं।
कोर्ट के आदेश ने दिल्ली कमेटी का असली चेहरा बेनकाब कर दिया है। ये सिर्फ कानूनी रूप से नहीं, बल्कि पूरी सिख संगत के भी दोषी हैं । दिल्ली कमेटी के जनरल सेक्रेटरी को 2021 के अदालती आदेश की अवहेलना करने और अध्यापकों को 6वें और 7वें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार वेतन न देने के लिए अदालत की अवमानना का दोषी ठहराया गया है। कोर्ट ने दिल्ली कमेटी और गुरु हरकृष्ण पब्लिक स्कूल सोसाइटी की संपत्ति का फोरेंसिक ऑडिट और मूल्यांकन करवा कर 400 करोड़ रुपये की बकाया राशि अदा करने का आदेश भी दिया है।
प्रदेश अध्यक्ष के अनुसार यह केवल प्रशासनिक गलतियाँ नहीं हैं। झूठ बोला,गया अध्यापकों को डराया, और अब झूठी बेबसी दिखा रहे हैं। उन्होंने मांग की कि इनकी निजी संपत्ति को नीलाम कर अध्यापकों का बकाया चुकाया जाए, न कि दिल्ली कमेटी की संपत्ति को। दिल्ली हाई कोर्ट ने अगली सुनवाई 10 जुलाई को रखी है, जिसमें सज़ा की अवधि और आदेशों के पालन की समीक्षा की जाएगी।
दिल्ली : पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को मुहतोड़ जबाव दे रही भारतीय सेना के साहस और पराक्रम के सम्मान में दिल्ली प्रदेश कांग्रेस ने निकाली जय हिन्द यात्रा। प्रदेश कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव की अगुवाही में दिल्ली के कौने-कौने से कांग्रेस के हजारों कार्यकर्ताओं ने जंतर मंतर पहुँचे । पहलगाम आतंकी हमले के ऑपरेशन सिंदूर के तहत अपना सर्वस्व समर्पित कर रही भारत की थल, जल और वायु सेना का मनोबल बढ़ाने और उसे मजबूत करने के लिए पूरा देश एकजुट होकर भारतीय सेना के साथ खड़ा है।
जय हिंद यात्रा को कांग्रेस कोषाध्यक्ष अजय माकन, संगठन महासचिव के.सी. वेनुगोपाल, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पवन खेड़ा ने तिरंगा दिखाकर जंतर मंतर से यात्रा शुरु की। इस अवसर पर कांग्रेस महासचिव श्री सचिन पॉयलट और दिल्ली प्रभारी काजी निजामुद्दीन सहित पार्टी के केंद्र एवं राज्य स्तर के वरिष्ठ नेता पदयात्रा में दिखाई दिए ।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के अनुसार कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे जी और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी जी ने स्पष्ट कर दिया है कि संकट के समय दलगत राजनीति से उपर उठकर आतंकवाद और पाकिस्तान के खिलाफ देशहित में हर तरह की सैनिक कार्यवाही सहित सुरक्षा की दिशा में हम मन, वचन और कर्म से भारत सरकार के साथ है। पाकिस्तान के विरोध में भारत सरकार के प्रत्येक बड़े फैसले को कांग्रेस पार्टी का पूरा सहयोग और समर्थन रहेगा। भारतीय सेना के साहसी जज्बे को हम सलाम करते हैं और जय हिन्द यात्रा के तहत अपनी सेना के समर्थन में अपनी पूरी राजनीतिक इच्छाशक्ति प्रकट करते है।
जय हिन्द यात्रा का लक्ष्य देशवासियों तक संदेश पहुँचाने का है कि तिरंगे की रक्षा और सुरक्षा के लिए एकजुट रहने का समय है और यह भी बताना है कि भारत की संप्रभुता का प्रतीक तिरंगा ही हमारा धर्म है, जिसकी रक्षा के लिए भारत की सीमाओं पर भारतीय सेना के जवान 24 घंटे सुरक्षा के लिए तैनात खड़े देश के लिए कुर्बानी देने से भी नही डरते।
पाकिस्तान को जबाव दे रहे भारतीय सेना अपना काम कर रही है लेकिन विभिन्न जाति, धर्म, वर्गों, क्षेत्रों के 140 करोड़ देशवासी मन और वचन के साथ उनके साथ खड़े है। यही अनेकता में एकता हमारे देश की ताकत है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने अपने सभी राजनीतिक कार्यक्रम रद्द करके साबित कर दिया है, कि हम अवसरवादी और मौकापरस्ती में विश्वास नही रखते। हमेशा देश की सेवा की है और दुख और जरुरत के समय देशवासियों के साथ खड़े रहना ही हमारा कर्तव्य है।
जय हिन्द यात्रा भारतीय सेना के मनोबल को मजबूत करने निकाली गई। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के निर्देशानुसार देश के सभी राज्यों सहित दिल्ली में दिल्ली कांग्रेस के कार्यकर्ताओं जय हिन्द यात्रा निकाली। हमारी अपील है कि सीमा पर बसे गांव और शहरों के लोगों की सुरक्षा की प्राथमिकता भी सरकार की जिम्मेदारी है, सरकार इनकी सुरक्षा भी तय करे। पुंछ में जिन लोगों की जान गई हम उनके प्रति भी संवेदना प्रकट करते है और उनके परिजनों की देखभाल, घायलों का इलाज करना भी सरकार की जिम्मेदारी है। हमारी मांग कि जो देश खुलेआम आतंकवादियों को पनाह देता है उसे आईएमएफ से फंडिंग नही मिलनी चाहिए, भारत सरकार इस पर कड़ा रुख अपनाकर
दिल्ली: 7 से 8 मई 2025 की रात पाकिस्तान ने उत्तरी और पश्चिमी भारत में स्थित कई सैन्य ठिकानों जैसे अवंतीपोरा, श्रीनगर, जम्मू, पठानकोट, अमृतसर, कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, आदमपुर, बठिंडा, चंडीगढ़, नाल, फलोदी, उत्तरलाई और भुज पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला करने का प्रयास किया। आधिकारिक सूत्रों के। अनुसार इन हमलों को वायु रक्षा प्रणालियों द्वारा निष्क्रिय कर दिया गया। इन हमलों का मलबा कई स्थानों से बरामद हुआ, जो पाकिस्तानी हमलों का प्रमाण है।
पाकिस्तान आधारित सोशल मीडिया हैंडल्स एक वीडियो साझा कर रहे हैं, जिसमें दावा किया गया है कि पाकिस्तान सेना ने जम्मू-कश्मीर के बटाल सेक्टर में भारतीय चौकियों पर हमला किया और कम से कम 12 भारतीय सैनिकों को मार गिराया। पीआईबी फैक्ट चेक के अनुसार यह वीडियो पुराना है एवं ऑपरेशन सिंदूर के बाद की किसी भी गतिविधि से संबंधित नहीं है । इसे 2016 की समाचार रिपोर्ट में भी इस्तेमाल किया गया था ।
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के पीड़ितों और उनके परिवारों को इंसाफ दिलाने के लिए ऑपरेशन सिंदूर के तहत दिलाने के लिए भारतीय सेना द्वारा सरहद के पार चलाए जा रहे 9 आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाकर सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया गया। पिछले तीन दशकों में पाकिस्तान ने सुनियोजित तरीके से एक आतंकवादी ढांचा तैयार किया है। यह ढांचा भर्ती और ब्रेनवॉशिंग सेंटरों, प्रारंभिक और रिफ्रेशर ट्रेनिंग क्षेत्रों तथा आतंकियों के हैंडलरों के लिए लॉन्चपैड्स का एक जटिल जाल है। ये कैंप पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (PoJK) दोनों क्षेत्रों में स्थित हैं ।
22 अप्रैल 2025 को लश्कर-ए-तैयबा से संबंधित पाकिस्तानी और पाकिस्तान प्रशिक्षित आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हमला किया और 25 भारतीय नागरिकों और 1 नेपाली नागरिक की हत्या कर दी, उन्होंने लोगों को उनके परिवार के सदस्यों के सामने सिर में गोली मारी। परिवार के सदस्यों को जानबूझकर आघात पहुंचाया गया और उन्हें नसीहत दी गई कि वो वापस जाकर इस संदेश को पहुंचा दें। यह हमला स्पष्ट रूप से जम्मू-कश्मीर में बहाल हो रही सामान्य स्थिति को बाधित करने के उद्देश्य से किया गया था ।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार पिछले दशक में 350 से अधिक भारतीय नागरिक और 600 से अधिक सुरक्षाकर्मी सीमापार आतंकवाद के शिकार हुए हैं। ऑपरेशन सिंदूर के तहत ऐसे स्थानों को चिन्हित किया गया जहां से भारत के खिलाफ आतंकवादी हमलों की योजना बनाई गई और उन्हें निर्देशित किया गया।
दिल्ली: शिरोमणि अकाली दल की दिल्ली इकाई के प्रधान परमजीत सिंह सरना ने श्री रकाबगंज साहिब में हुई कथित नैतिक पतन की घटनाओं को लेकर दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की अगुवाई पर तीखी टिप्पणी की है और इसे कलका-सिरसा के दस साल के शासनकाल के दौरान "गिरावट की एक नई हद" करार दिया है।
"यह शर्मनाक घटना, जो सीसीटीवी और मोबाइल कैमरों की पूरी निगरानी में हुई, श्री ननकाना साहिब के महंत नरायण दास से जुड़ी बदनामी से भी बड़ी है," सरदार सरना ने कहा। उन्होंने यह बात गुरुद्वारा सुधार आंदोलन से पहले एक महंत द्वारा गुरुद्वारों के दुरुपयोग की ओर इशारा करते हुए कही।
सरना ने हरमीत सिंह कलका और मनींदर सिंह सिरसा पर नैतिक पतन की अगुवाई करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "ऐसी घटनाएं दस साल तक उनकी निगरानी में पनपती रहीं, यह सिर्फ लापरवाही नहीं बल्कि पूरी विफलता को दर्शाता है।"
उन्होंने कलका से जवाबदेही की मांग की और चेतावनी दी कि पारंपरिक बयानों से बात नहीं बनेगी। "अगर उनमें नैतिकता का थोड़ा भी अंश बाकी है, तो उन्हें तुरंत पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।"
दिल्ली: भाखड़ा डैम नहर में जल की कोई कमी नहीं है, फिर भी आम आदमी पार्टी की पंजाब सरकार ने राजनीतिक स्वार्थों की पूर्ति हेतु भाखड़ा नहर से जल आपूर्ति में भारी कटौती की घोषणा के मद्देनजर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा और दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी, रामवीर सिंह बिधूड़ी, योगेन्द्र चांदोलिया, कमलजीत सहरावत, प्रवीण खंडेलवाल एवं सुश्री बाँसुरी स्वराज आज दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना से मिलकर आम आदमी पार्टी की पंजाब सरकार द्वारा दिल्ली वासियों पर थोपे जा रहे कृत्रिम जल संकट के संबंध में ज्ञापन सौपा।
इस ज्ञापन में कहा गया है की दिल्ली के लोग आपका ध्यान इस ओर आकर्षित करना चाहते हैं कि आम आदमी पार्टी की पंजाब सरकार ने हरियाणा राज्य की भाखड़ा नहर से जल आपूर्ति में कटौती की घोषणा कर दिल्ली पर एक कृत्रिम जल संकट थोपने का कार्य किया है। भाखड़ा डैम नहर में जल की कोई कमी नहीं है, फिर भी आम आदमी पार्टी की पंजाब सरकार ने राजनीतिक स्वार्थों की पूर्ति हेतु भाखड़ा नहर से जल आपूर्ति में भारी कटौती की घोषणा की है।
दिल्ली को अपनी जल आपूर्ति का 50% से अधिक हिस्सा हरियाणा से प्राप्त होता है । ज्ञापन में आशा जताई गई है कि उपराज्यपाल इस बात से सहमत होंगे कि कोई भी कृषि प्रधान राज्य, जब वह जल संकट का सामना कर रहा हो, तो पहले अपने जल संसाधनों का उपयोग अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए करेगा। वास्तविकता यह है कि दिल्लीवासियों ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी को सत्ता से बाहर कर दिया है, और अब राजनीतिक अस्थिरता फैलाने के षड्यंत्र के तहत आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली को लगभग पूर्ण जल संकट की स्थिति की ओर धकेल दिया है।
इस ज्ञापन के माध्यम से आपसे आग्रह किया गया है कि इस मामले में हस्तक्षेप कर दिल्ली को अरविंद केजरीवाल द्वारा निर्मित जल संकट से बचाने हेतु समाधान सुनिश्चित किया जाए ।
दिल्ली: प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने दिल्ली कांग्रेस द्वारा दिल्ली की सभी मदर डेयरियों पर दूध के दामों में 2 रुपये बढ़ोतरी के विरोध में किए जाने वाले प्रदर्शन व हस्ताक्षर अभियान में कहा कि भाजपा की केन्द्र सरकार के अंतर्गत 2014 से 2025 तक खाद्य उत्पादों के साथ अन्य रोजमर्रा की जरुरतों की वस्तुओं में बेहताशा वृद्धि करके यह साबित कर दिया है कि यह सरकार केवल पूंजीपतियों की हितेषी है न कि गरीब व मध्यम वर्ग की। महंगाई का आलम यह है कि घर की सबसे महत्वपूर्ण जरुरत, बच्चो के पोषण का स्रोत दूध भी गरीबों की पहुँच से दूर होता जा रहा है और गरीब अब दाल रोटी खाओ, प्रभु के गुण गाओ जैसी कहावतें भी गरीब के लिए बेमानी नजर आने लगी है।डीडीए मार्केट मदर डेयरी, मिंटो रोड़ नजदीक गांधी मार्केट पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा शामिल विरोध प्रदर्शन में प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष के साथ पूर्व मंत्री हारून यूसूफ, कम्युनिकेशन विभाग के चेयरमैन व पूर्व विधायक अनिल भारद्वाज, जिला अध्यक्ष जावेद मिर्जा, पूर्व पार्षद अशोक जैन, कृष्ण मुरारी जाटव, मौहम्मद उस्मान, डा0 आर.बी. सिंह, मंजूर मलिक और संजय यादव मुख्य रुप से मौजूद थे। मदर डेयरी बूथों पर हजारों कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्ले कार्ड लेकर दूध के दामों की वापसी की मांग करते हुए मदर डेयरियों पर दूध उपभोक्ताओं से बढ़े हुए दामों के विरोध में हस्ताक्षर अभियान भी चलाया।
कांग्रेस शासन के बाद भाजपा के कार्यकाल में 2014 में दूध 48 रुपये प्रति लीटर था वह 44 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 69 रुपये प्रति लीटर हो गया है। जो टमाटर 2014 में 6 रुपये किलो मिलता था व आज 80 रुपये तक पहुॅच गया है, मतलब टमाटर के दामों में 1233 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जो कल्पना से भी परे है। इसी तरह तूर दाल जो 36 रुपये प्रतिकिलो थी वह अब 344 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 160 रुपये हो गई है। आलू 8 रुपये से 300 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 32 रुपये प्रतिकिलो मिल रहा है। प्याज जो 10 रुपये प्रतिकिलो थी वह 600 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ 70 रुपये प्रति किलो तक पहुॅच गई। आटा जो 2014 में 21 रुपये प्रति किलो था वह आज 98 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 40 रुपये प्रति किलो हो गया है। सरसों का तेल 2014 में 105 रुपये प्रति लीटर था जो 81 प्रतिशत बढ़ोतरी के बाद 2024 में 190 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है।प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ने कहा कि खाद्य वस्तुओं के साथ साथ रसोई गैस, पेट्रोल, डीजल, सीएनजी और पीएनजी की दरों में भी बेहताशा वृद्धि हुई है। रसोई गैस 450 रुपये से बढ़कर 850 हो गया है जिसमें 110 प्रतिशत की वृद्धि हुई। पेट्रोल 68 रुपये से बढ़कर 104 रुपये और डीजल 55.48 रुपये प्रतिलीटर में लगभग 59 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 88.05 रुपये प्रति लीटर पहुॅच गया। जबकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार गिरावट बनी रही। सरकार ने एक्साइज ड्यूटी और वेट में बेहताशा वृद्धि करके जनता पर अतिरिक्त बोझ डाला है। भाजपा के शासन काल में आम आदमी को घर चलाना मुश्किल हो गया है क्योंकि न थाली में खाना है और न जेब में पैसा है। महंगाई की मार और बेरोजगारी की आग में जनता दो तरफा संकट में फंसी है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को केवल और केवल अमीरों की चिंता है इसलिए उनको गरीब और मध्यम वर्ग के आंसू दिखाई नही देते। महंगाई की मार खाद्य उत्पादों व अन्य आवश्यकत वस्तुओं के साथ दवाईयों पर भी पड़ी है क्योंकि गरीब आवश्यक दवाईयां महंगी होने के कारण बीमारियों से मरने को मजबूर है। अब कैंसर, हृदय रोग, डायबिटिज, एंटी बायटिक दवाईयां भी गरीब अब खरीद नही सकता क्योंकि हाल ही में एनपीपीए ने सूचित दवाईयों के दामों में 10.7 प्रतिशत वृद्धि की अनुमति दे दी है। दवाईयों के दामों बेहताशा बढ़ोत्तरी के साथ बाजार में नकली दवाईयों का कारोबार भी गर्म है, नकली दवाईयां असली दवाईयों की पैकिंग के बार कोड के साथ खुले आम बिक रही है।
दिल्ली: केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आज एक संयुक्त प्रेसवार्ता कर वक़्फ़ बोर्ड जनजागरण अभियान को लेकर विपक्ष द्वारा मुस्लिम समुदाय में फैलाए जा रहे भ्रम की निंदा की और कहा कि विपक्ष एक बार फिर से वक़्फ़ बोर्ड के नाम पर ग़लत जानकारी देकर एक विशेष समुदाय को भड़काने का काम कर रहा है। प्रेसवार्ता में प्रदेश महामंत्री विष्णु मित्तल, वरिष्ठ भाजपा नेता आतिफ रशीद और दिल्ली भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष अनीश अब्बासी उपस्थित थे।
केंद्रीय मंत्री का मानना है कि देश की प्रगतिशिल यात्रा का एक महत्वपूर्ण पड़ाव वक्फ बोर्ड कानून है जो मोदी सरकार द्वारा संसद में पारित करवा कर कानून बनाया गया है। यह पहली बार नहीं है क्योंकि इससे पहले भी वक्फ में परिवर्तन हुए हैं। 2013 से पहले कांग्रेस के समय में वक्फ में बदलाव हुए हैं। सरकार ने जिस प्रकार से यह बिल जेपीसी को भी भेजा और जेपीसी का कन्सल्टेशन दर्शाता है कि सबका साथ सबका विकास वाली सरकार सभी उद्देश्यों को इस बिल में समाहित कर रही है। विपक्ष द्वारा वक्फ से मुसलमानों के अधिकार समाप्त होने जैसा भ्रम फैलाया जा रहा है। अपने धार्मिक कार्यों की गतिविधियों के लिए एक ट्रासपैरेंट और संवैधानिक दायरों के अंदर होना चाहिए। इसलिए वक्फ को क्रिएट करने का, मैनेज करने का और उसको रेगुलेट करने का अधिकार वक्फ सुधार कानून के बाद मुसलमानों के हित में सुरक्षित है।
1923, 1954 और 1995 या अन्य किसी वर्ष में सर्वे किया गया है लेकिन 2013 में कांग्रेस जी बिल लेकर आई थी उससे तो एक बात स्पष्ट हो गई कि अचानक से पिछले 10 सालों में 100 फीसदी का इज़ाफ़ा कैसे हो गया। संपत्तियों का सही तरीक़े से निर्धारण करने के लिए इस क़ानून को लाया गया है। धारा 26 में यह प्रावधान है कि कोई भी राज्य धार्मिक प्रबंधक की मैनेजमेंट के लिए क़ानून बना सकती है। आज सिर्फ़ बेहतर रख रखाव के अभाव में ही वक़्फ़ की संपत्तियों पर एंक्रोचमेंट कर उनका दुरुपयोग किया जा रहा है।
कांग्रेस के समय में भी कहा गया था कि सपतियों का डिजिटल रख रखाव किया जाना चाहिए इसलिए अगर आज मोदी सरकार यह करने जा रही है तो इसमें कांग्रेस को आपत्ति क्यों है। जेंडर जस्टिस के लिए और जिन उद्देश्यों के कारण वक़्फ़ का निर्माण किया गया है उसको पूरा करने के लिए एक सकारात्मक सोच के साथ सरकार यह कानून लेकर आई है लेकिन राहुल गांधी ने ना इसपर कोई भाषण दिया और उनकी बहन प्रियंका वाड्रा इस पर वोट डालने के लिए भी नहीं आई इसलिए कांग्रेस इस विषय के पक्ष में है या नहीं यह भी जानकारी नहीं है।
आतिफ रशिद के अनुसार वक्फ बोर्ड अनिधिनयम 2025 के नाम पर मुस्लिम समुदाय को भड़काने का काम किया जा रहा है। भाजपा के नाम से डराना और अपने वोट बैंक को मजबूत करने का काम विपक्ष कर रहा है और जब भी मोदी सरकार ने कुछ सुधार का काम किया है तो एक गंदी राजनीति विपक्ष द्वारा की गई है। तीन तलाक हो, सिटिजन अम्डेमेन बिल हो या फिर अन्य सुधार सभी पर सिर्फ भड़काने और गलत जानकारी फैलाने का काम विपक्ष ने किया है।
दिल्ली: चकाचौंध और सोशल मीडिया के शोरगुल में डूबी फिल्मी दुनिया में, एक नई किरण फूट पड़ी है - 'फिल्मोर'। एक विचारोत्तेजक संगोष्ठी में, फिल्मोर ने फिल्मी पत्रकारिता के परिदृश्य को बदलने का संकल्प लिया है। यह महज एक पहल नहीं, बल्कि एक वैचारिक आंदोलन है, जो सिनेमा को मनोरंजन से कहीं बढ़कर, सामाजिक संवाद और सांस्कृतिक चेतना का सशक्त माध्यम बनाने का सपना देखता है।
संगोष्ठी में फिल्म निर्देशक अविनाश दास ने कहा कि सिनेमा सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि समाज का दर्पण होना चाहिए। यह विचार फिल्मोर के दृष्टिकोण को दर्शाता है, जो पर्दे के पीछे की कहानियों को उजागर करने और दर्शकों को सोचने पर मजबूर करने का इरादा रखता है।
फिल्मोर की संस्थापक और सीईओ सैंजला ने स्पष्ट किया कि यह पहल टीआरपी की अंधी दौड़ में खोई हुई पत्रकारिता को सही दिशा दिखाने का प्रयास है। उनका कहना है कि फिल्मोर सेलिब्रिटी गॉसिप से ऊपर उठकर सभ्यता की कहानियों को सामने लाएगा, जो रेड कार्पेट और सतही चर्चाओं से परे, सिनेमा की गहराई और उसके महत्व को समझने पर केंद्रित होगा।
फिल्मोर के क्रिएटिव डायरेक्टर अनिल शारदा ने इसे 'प्रतिरोध का मंच' बताते हुए कहा कि आज जब हर खबर जल्दबाजी में परोसी जा रही है, तो फिल्मोर का ठहराव एक क्रांति के समान है। उनका मानना है कि फिल्म सिर्फ एक दृश्य नहीं, बल्कि एक विचार है, जो समाज को प्रेरित और आंदोलित कर सकता है।
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए नीरज झा ने कहा कि फिल्मोर की सबसे बड़ी खूबी है तकनीक और मानवीय दृष्टिकोण का अद्भुत संगम। यहां, यारा एआई मात्र एक उपकरण नहीं, बल्कि एक संवेदनशील सहयोगी के रूप में देखा जाता है, जो गहराई से विश्लेषण करने और छिपे हुए अर्थों को उजागर करने में मदद करता है।
फिल्मोर एक वैकल्पिक और विचारशील फिल्म पत्रकारिता की आवश्यकता को रेखांकित करता है। यह पहल फिल्मी खबरों को सिर्फ 'शब्द' नहीं, बल्कि 'संदर्भ' देने का वादा करती है। यह सिनेमा की आत्मा को छूने और उसे एक नए दृष्टिकोण से देखने की एक साहसिक पहल है, जिसकी फिल्म जगत को बेसब्री से तलाश थी। अब देखना यह है कि फिल्मोर अपने इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को किस प्रकार प्राप्त करता है।
इस हफ्ते रिलीज हुई साउथ स्टार नानी की फिल्म ‘हिट द थर्ड केस’ है, इस फिल्म में जबरदस्त सस्पेंस क्राइम के साथ थ्रिलर है। आपको दमदार कहानी के साथ ही जबरदस्त एक्शन सीक्वेंस है। फिल्म की कहानी और कई सीन आपको हिलाकर रख देंगे। अगर अगर आप पिछले दिनों हिट रही स्त्री 2 , भूल भुलैया 3 जैसी एक्शन, थ्रिल , हॉरर, कॉमेडी देखने का प्लान बना रहे हैं तो आप इस फिल्म को जरूर देखने जाए ।
फिल्म की कहानी आपको झकझोरकर रख देगी। इसमें डार्क वेबसाइट के बारे में दिखाया गया है, जो क्राइम की नई दुनिया है। इसमें जम्मू-कश्मीर की कहानी है, जिसमें लोग झूठी आजादी के नाम पर मासूम बच्चों तक का बेरहमी से कत्ल करने तक को तैयार हैं। कहानी खूनी खेल की है, जिसे मिटाने का काम एक मूडी और साइको पुलिस अफसर एसपी अर्जुन सरकार करता है। कहानी में कई कड़ियां हैं, जिसे खोजते-खोजते पूरी फिल्म खत्म हो जाती है। इसे आप वन मैन फिल्म कह सकते हैं। फिल्म का ट्रीटमेंट गजब का है। फिल्म शुरुआत से ही फ्रेम से आपको बांध लेती है। शुरुआत में आपको नानी जेल में दिखाई देते हैं लेकिन फिर अंत में जो होता है वो कमाल होता है। फिल्म के कुछ सीन्स को आप देखते रह जाएंगे इस फिल्म का एक्शन ज्यादा हाई लेवल का हैं। कुछ वक्त पहले तक हीरो सीन में आठ दस को मारता था लेकिन अब दर्शकों ऐसे सींस में मजा नहीं आता। बल्कि अब तो हीरो दर्जनों को मारता है और दर्शक ऐसे एक्शन सीक्वंस का मजा लेते है, ऐसे सींस इस में है
कुल मिलाकर फिल्म की कहानी ठीकठाक है , दमदार एक्टिंग के साथ बेहतरीन स्टोरी में फिट स्टार कास्ट और सोने पर सुहागा फिल्म का कसा हुआ क्लाइमैक्स दर्शको के लिए पैसा वसूल है।
मेरी नजर में फिल्म के कुछ सींस ऐसे है जिन्हें देख आप हिल जायेंगे। डायरेक्टर सैलेश कोलानू की खास तौर से तारीफ करनी होगी कि उन्होंने अपने बेहतरीन डायरेक्शन से फिल्म का क्लाइमैक्स ऐसा है आप दिल थामे रहेंगे और आपकी पलक तक नहीं झपकेगी और आगे क्या होगा यह जानने के लिए आपकी उत्सुकता बढ़ जाएगी कि आगे क्या होगा। एक-एक खुलासे, हाई एक्शन सीक्वेंस के बीच आपको खुश करने वाला बेहतरीन कैमियो है, मेरा दावा है हर सिंगल स्क्रीन सिनेमा में इस सीन पर दर्शको की खूब सीटियां बजेगी फिल्म में साउथ स्टार अदिवी शेष का असरदार कैमियो है। फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर फिल्म की हर कड़ी को अगली कड़ी से जोड़ने का काम करता है और जानदार है।
अगर आप एक्शन, सस्पेंस, हॉरर क्राइम थ्रिलर फिल्मों के शौकीन हैं तो आपके लिए नानी स्टारर यह फिल्म फुल पैसा वसूल है और हां कमजोर दिल के है तो जरा दिल थाम कर इस फिल्म को देखे।
दिल्ली: कांग्रेसी नेताओं द्वारा हो रही बयानबाजी को सत्ता के लिए सामाजिक न्याय का स्वांग बताते हुए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लिया गया जातिगत जनगणना का निर्णय सामाजिक न्याय के प्रति एनडीए की कटिबद्धता का प्रमाण है । फैसला यकायक नहीं लिया बल्कि पिछले 11 वर्षों से समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलने की नीति का तार्किक एवं सिद्धांतिक विस्तार है । कांग्रेस ने काका कलेकर कमेटी की पिछड़े वर्ग से संबंधित रिपोर्ट को बरसों तक दबाये रखा । 1977 में जानता पार्टी सरकार ने मंडल कमीशन का गठन किया ।
उन्होंने बताया की पहली बार भाजपा शासन काल में ओबीसी आयोग को संविधानिक दर्जा मिला । बड़ी संख्या में वंचित वर्गों को प्रतिनिधित्व मिला अब चाहें केंद्र हो या भाजपा शासित राज्य सरकारें मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद या फिर विधायक । यह सब सामाजिक न्याय के प्रति प्रतिबधता का प्रमाण है । जिसकी अगुवाही स्वयं प्रधानमंत्री कर रहे हैं । आजादी के बाद से अबतक की जनगणनाओं में जातिगत आँकड़े नहीं जुटाए गए । 2021 में जनगणना प्रस्तावित थी जो कोविड महामारी के करण स्थगित हो गई । अब सरकार ने सैद्धांतिक निर्णय लिया है कि जनगणना में जातिगत गणना भी शामिल होगी ।
1931 में पहली बार जातिगत जनगणना हुई थी । 1941 में ब्रिटिश हकूमत ने इसे नहीं होने दिया । स्वतंत्रता के बाद 1951 में पहली बार जनगणना होनी थी । तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू जातिगत जनगणना के विरोधी थे । उन्होंने राज्य सरकारों को इस बाबत खत भी लिखे । उनका मानना था इससे गुणवत्ता में असर पड़ेगा ।
दिल्ली: केंद्र द्वारा जातिगत जनगणना को जनगणना में शामिल किए जाने का स्वागत करते हुए लोकसभा के नेता विपक्ष राहुल गाँधी ने बताया कि वह और उनकी पार्टी पहले दिन से ही इसकी माँग कर रहे थे । इस मुद्दे को विपक्ष द्वारा समय समय पर उठाया जाता रहा है एवं इस बाबत प्रधानमंत्री को खत भी प्रेषित किया गया । लेकिन प्रधानमंत्री सामाजिक न्याय की इस नीति को लागू करने से बचते रहे और विपक्ष पर समाज को बांटने का झूठा आरोप लगाते रहे।
उनका मानना है कि जातिगत जनगणना के अभाव में, सार्थक सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण कार्यक्रमों का क्रियान्वयन अधूरा है, इसीलिए ये सभी वर्गों के लिए ज़रूरी है। जनगणना के लिए इस साल के बजट में भी केवल ₹575 करोड़ का आवंटन है, इसलिए ये सवाल मुनासिब है कि सरकार इसको कैसे और कब पूरा करेगी। उनकी पार्टी ने माँग की है कि मोदी सरकार जल्द से जल्द, बजट का प्रावधान कर, जनगणना और जातिगत जनगणना का काम पूरी पारदर्शिता के साथ चालू करे। हिस्सेदारी न्याय के बिना सबकी प्रगति अधूरी है।
अकबर रोड स्थित कांग्रेस कार्यालय में पत्रकारों से रूबरू होकर बोले राहुल गाँधी देश में आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा हटाने की मांग भी दोहराई। उन्होंने याद दिलाया कि कांग्रेस पार्टी ने संसद में कहा था कि वे जाति जनगणना कराकर रहेंगे और 50 प्रतिशत की सीमा को भी हटाएंगे। साथ ही की जाति जनगणना कराने में अपनी पार्टी के सहयोग की पेशकश । उन्होंने तेलंगाना को जाति जनगणना के लिए एक मॉडल बताते हुए कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार पहले ही जाति जनगणना करा चुकी है।
उन्होंने कहा कि तेलंगाना मॉडल को पूरे देश में जाति जनगणना के लिए ब्लूप्रिंट के रूप में अपनाया जा सकता है। हालांकि बिहार में भी जाति जनगणना की गई थी, लेकिन दोनों जनगणनाओं में बहुत अंतर था। उन्होंने कहा कि तेलंगाना में जाति जनगणना के दौरान पूछे जाने वाले प्रश्न हितधारकों से सलाह करके तैयार किए गए थे, और यह एक बहुत विस्तृत प्रक्रिया थी।जाति जनगणना देश में विकास के नए प्रतिमान की ओर पहला कदम होगी।तेलंगाना सरकार ने पहले ही आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा हटाने और राज्य में संविधान के अनुच्छेद 15(5) को लागू करने जैसे कदम उठाए गए हैं।
जाति जनगणना से यह पता चलेगा कि पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों की देश में कितनी भागीदारी है। यह पहला कदम है, लेकिन हमें और आगे जाना है। हमें पता लगाना है कि देश की संस्थाओं और सत्ता संरचना में इन लोगों की कितनी भागीदारी है। निजी शिक्षण संस्थानों में आरक्षण के लिए अनुच्छेद 15(5) को लागू करने की भी मांग की। उन्होंने सरकार से जाति जनगणना के लिए धन आवंटित करने और इस संबंध में अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत करने की मांग की।
अयोध्या: आज वैशाख शुक्ल द्वितीया २९ अप्रैल २०२५ मंगलवार प्रातः ८ बजे राम जन्मभूमि मन्दिर के मुख्य शिखर पर ध्वज दण्ड स्थापित किया गया। विश्व हिंदू परिषद के उपाध्यक्ष चंपत राय जो कि श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के। महासचिव भी हैं। के अनुसार इस ध्वज दण्ड की लम्बाई ४२ फुट है । ध्वज दण्ड लगाने की प्रक्रिया प्रातः ६.३० बजे प्रारंभ होकर प्रातः ८ बजे पूर्ण हुई ।
दिल्ली : कंस्टीट्यूशन क्लब में SCALING MOUNT UPSC: Inspiring Stories of Young IAS Officers किताब का विमोचन हुआ. इस किताब को केंद्रीय शिक्षा मंत्री माननीय धर्मेंद्र प्रधान ने लॉन्च किया. SCALING MOUNT UPSC: Inspiring Stories of Young IAS Officers किताब के लेखक हैं आईएएस सज्जन यादव जो फिलहाल वित्त मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव हैं। यह पुस्तक उन IAS अधिकारियों की प्रेरक कहानियाँ हैं, जिन्होंने कई बाधाओं के बावजूद अपने दृढ़ संकल्प के बल पर दुनिया की सबसे कठिन और चैलेंजिंग प्रतियोगी परीक्षा में सफलता पाई. सिक्किम की एक दृष्टिबाधित लड़की और केरल के एक सरकारी क्लर्क से लेकर कश्मीर के एक दूरदराज़ गाँव के एक नौजवान और राजस्थान के एक आईआईटी स्नातक तक। यह पुस्तक उन सात दृढ़ निश्चयी युवा स्त्री-पुरुष अधिकारियों की अनूठी कहानियों को समेटे हुए है जिन्होंने इस कठिन IAS परीक्षा में सफलता को हासिल करके दिखाया। इस पुस्तक में तिरुवनंतपुरम् की जूनियर क्लर्क से आईएएस बनीं मिन्नू पी.एम., बिहार के समस्तीपुर के एक छोटे से गांव दिघरा से आए हुए सत्यम गांधी, कभी एक सर्वेंट क्वार्टर में रह चुके और अब आईएएस बने भरत सिंह, दृष्टिबाधा के बावजूद आईएएस बनी अंजलि शर्मा, दक्षिणी कश्मीर के एक गांव से आने वाले वसीम अहमद भट्ट, बिजनौर की रहने वाली श्रुति शर्मा और अमेरिका की चकाचौंध का मोह त्यागकर आईएएस बनने आए लवीश की संघर्षों से भरी कहानी को बख़ूबी प्रस्तुत किया गया है।
किताब का विमोचन करते हुए मुख्य अतिथि, केंद्रीय शिक्षा मंत्री माननीय धर्मेद्र प्रधान ने कहा कि इस किताब में सज्जन यादव जी ने बहुत ही सीधी-सरल भाषा में और रोचक अंदाज में एक प्रतियोगी की मनोदशा को बताया है कि वो जब आईएएस बनने की तैयारी करता है तो किस हालात से गुजरता है। उन्होंने कहा कि हर किसी को कहीं ना कहीं से आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है। इस किताब में दर्ज सात सफल आईएएस कैंडिडेट की कहानी एक माइल स्टोन की तरह काम करेगी और समाज को प्रेरणा देगी। कार्यक्रम में मौजूद भारत के जी20 शेरपा, रिटायर्ड आईएएस अमिताभ कांत ने कहा कि इस किताब में आईएएस बनने की महत्वाकांक्षा और सफलता की उस बुलंदी तक पहुंचने की जद्दोजहद को बखूबी दर्ज किया गया है जो आने वाली पीढियों को रास्ता दिखायेगी. इसके अलावा इस किताब के माध्यम से पब्लिक सर्वेंट अपना मूल्यांकन भी कर पायेंगे और अपनी जिम्मेवारियों को बेहतर तरीके से समझ पायेंगे । पुस्तक बताती है कि आईएएस परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए भाषा, पृष्ठभूमि या शारीरिक बाधाएँ एक सीमा से ज्यादा प्रभाव नहीं डालतीं. साथ ही, सही रणनीति, एकाग्रता और कठोर परिश्रम किसी भी इंसान को दुनिया में कहीं भी पहुँचा सकते हैं. पुस्तक की किस्सागोई अद्भुत है और इसमें भी प्रकार के उपदेश का पुट नहीं है. भारत के आम युवक-युवतियों के आईएएस जैसी ख़ास परीक्षा में सफल होने के ये उदाहरण ज़रूर लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करेंगे, चाहे सिविल सेवा हो या कोई भी महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य। किस्सागोई शैली में कही गई ये कहानियाँ पाठकों को अवश्य अपने सपनों का पीछा करने के लिए प्रेरित करेंगी।
सज्जन यादव ने प्रतिष्ठित लंदन स्कूल ऑफ़ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन (एलएसएचटीएम) से सार्वजनिक स्वास्थ्य में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है. मिनेसोटा विश्वविद्यालय अमेरिका से सार्वजनिक नीति में मास्टर डिग्री और दिल्ली विश्वविद्यालय से एमबीए किया है। वे वर्तमान में भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग में अतिरिक्त सचिव हैं. सज्जन यादव के पास नीति-निर्माण और कार्यान्वयन के साथ-साथ भारत सरकार व राज्य सरकारों में वरिष्ठ नेतृत्व के पदों पर रहने का तीस वर्षों का समृद्ध तथा विविध अनुभव है। लेखक सज्जन यादव को सार्वजनिक सेवा में असाधारण कार्य के लिए कर्इ पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जिनमें 2017-2018 के लिए राष्ट्रीय र्इ-गवर्नेंस पुरस्कार और जनगणना कार्यों में उत्कृष्ट कार्य के लिए भारत का राष्ट्रपति पदक शामिल है।
दिल्ली : भारत की समृद्ध विधिक विरासत को समर्पित एक ऐतिहासिक आयोजन में सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता और दिल्ली हाईकोर्ट में केंद्र सरकार के स्थायी वकील अधिवक्ता विनीत धांडा ने नई दिल्ली में केसरी चैप्टर 2 की विशेष स्क्रीनिंग का आयोजन किया। इस अवसर पर सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट के माननीय न्यायाधीशों, भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल्स, और केंद्र सरकार के वरिष्ठ स्थायी अधिवक्ताओं सहित 1000 से अधिक कानूनी विशेषज्ञों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई।
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन, दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन और विभिन्न ज़िला अदालतों की बार एसोसिएशनों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्य भी इस आयोजन का हिस्सा बने, जिससे यह कार्यक्रम भारत की विधिक बिरादरी के लिए एकता का दुर्लभ और प्रेरणादायक क्षण बन गया। कार्यक्रम की शुरुआत पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले के पीड़ितों की याद में एक मिनट के मौन के साथ की गई—जो राष्ट्रीय एकजुटता और शोक की एक सामूहिक अभिव्यक्ति थी।
अक्षय कुमार, आर. माधवन, अनन्या पांडे और अमित सियाल अभिनीत केसरी चैप्टर 2 भारत के उपनिवेशकालीन इतिहास के एक प्रेरणादायक अध्याय को उजागर करती है—जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद भारतीय वकीलों द्वारा ब्रिटिश साम्राज्य के विरुद्ध शुरू किए गए विधिक संघर्ष को। फिल्म दिखाती है कि कैसे अदालतें भी आज़ादी की लड़ाई में रणभूमि बन गई थीं, जहां बुद्धि और साहस के साथ अन्याय का विरोध किया गया।अधिवक्ता विनीत धांडा—जो राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (NADA) की अनुशासनात्मक समिति के अध्यक्ष भी हैं और भारत सरकार के पूर्व सहायक सॉलिसिटर जनरल रह चुके हैं—ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह केवल एक फिल्म की स्क्रीनिंग नहीं है, बल्कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम कानूनी योद्धाओं को श्रद्धांजलि देने के लिए एक ऐतिहासिक संगम है। केसरी चैप्टर 2 हमें यह याद दिलाती है कि न्याय केवल सड़कों पर ही नहीं, अदालतों में भी लड़ा गया था। यह फिल्म उन लोगों के साहस और बुद्धिमत्ता को सलाम है, जिन्होंने कानून के दायरे में रहकर औपनिवेशिक अन्याय को चुनौती दी।
फिल्म में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे अभिनेता आर. माधवन ने भावुक होकर कहा कि वह श्री विनीत धांडा और उनके परिवार का धन्यवाद करते हैं जिन्होंने देशभक्ति से प्रेरित भारतीय फिल्मों को प्रदर्शित करने की इस शानदार पहल को आगे बढ़ाया। यह एक अद्भुत कदम है और वह इस अवसर पर माननीय न्यायाधीशों, माननीय अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल्स, केंद्र सरकार के स्थायी अधिवक्ताओं, और सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली हाईकोर्ट व अन्य जिला बार एसोसिएशनों के सभी मान्य सदस्यों का स्वागत करते हैं । यह फिल्म हमारे लिए एक जुनून का प्रोजेक्ट रहा है और मुझे उम्मीद है कि यह फिल्म आपको भी उतनी ही गहराई से छुएगी जितनी हमें इसे बनाते समय छुई।
अभिनेत्री अनन्या पांडे ने भी इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि वह विनीत सर और उनके परिवार को देशभक्ति से प्रेरित फिल्मों को प्रदर्शित करने की इस महान पहल के लिए धन्यवाद देती हैं । वह सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली हाईकोर्ट और अन्य जिला अदालतों के बार एसोसिएशन के सभी मान्य सदस्यों का स्वागत करती हैं ।
यह आयोजन भारत के कानूनी इतिहास के भूले-बिसरे योद्धाओं को समर्पित एक प्रेरणादायक श्रद्धांजलि बन गया, जिसने आज के कानूनी संरक्षकों में एक नई ऊर्जा और गर्व का संचार किया।
दिल्ली: शिरोमणि अकाली दल की दिल्ली इकाई द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय सरदार प्रकाश सिंह बादल की बरसी के मौके पर उनकी याद में के.के. बिड़ला लेन, लोदी एस्टेट स्थित संसद सदस्य बीबी हरसिमरत कौर बादल के आवास पर कीर्तन दरबार का आयोजन किया गया। इसमें दिल्ली की सिख संगत और अकाली कार्यकर्ताओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया। मौके पर संबोधित करते हुए शिरोमणि अकाली दल की दिल्ली इकाई के प्रधान और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष सरदार परमजीत सिंह सरना ने कहा, “सरदार प्रकाश सिंह बादल में निर्णय लेने की अद्वितीय क्षमता थी और उन्होंने पूरी ज़िंदगी पंथ, पंजाब और पार्टी के लिए समर्पित की।” इसके साथ ही उन्होंने कहा, “मास्टर तारा सिंह से लेकर आज तक सरदार सुखबीर सिंह बादल तक हर अकाली नेता की चरित्र हत्या एक सोची-समझी साजिश के तहत की जाती रही है और हमारे ही बीच से कुछ लोग सरकारी हथियार बन बैठे हैं, लेकिन आज का यह एकत्र सरकार को यह बताने के लिए काफी है कि सिख अकाली दल के साथ हैं।”
उन्होंने कहा कि हम जन्म से अकाली हैं और अकाली रहेंगे, और अकाली दल के साथ कठिन समय में खड़ा रहना हमारा फर्ज़ है, जिसे हम पूरी निष्ठा से निभाएंगे। उन्होंने दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से सरदार मनजीत सिंह जी.के. के खिलाफ की जा रही दुर्भावनापूर्ण बयानबाज़ी की भी निंदा की।इस अवसर पर दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष सरदार हरविंदर सिंह सरना ने सरदार प्रकाश सिंह बादल को राजनीति का युग पुरुष बताया और कहा कि यह संतोषजनक है कि उनकी विरासत को उनके पुत्र सरदार सुखबीर सिंह बादल अच्छे तरीके से आगे बढ़ा रहे हैं। शिरोमणि अकाली दल की कोर कमेटी के सदस्य और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष सरदार मनजीत सिंह जी.के. ने अपने संबोधन में सरदार प्रकाश सिंह बादल और अपने पिता जत्थेदार संतोष सिंह के संबंधों को याद किया और कहा, “अगर पंजाब में बड़े पैमाने पर विकास कार्य हुए हैं तो वह सरदार प्रकाश सिंह बादल के नेतृत्व वाली अकाली सरकार की देन हैं। इसके अलावा उन्होंने सिख इतिहास से संबंधित स्मारकों का निर्माण करवाकर सिखी के प्रति अपनी आस्था को समर्पित किया।” उन्होंने दिल्ली के सिखों से अपील की कि वे आगामी दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनावों में बढ़-चढ़कर वोट बनवाएं।
इस अवसर पर अन्य प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने भी अपने संबोधन में सरदार प्रकाश सिंह बादल को श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम में जतिंदरसिंह साहनी महासचिव, दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य सरदार जतिंदर सिंह सोनू, सरदार परमजीत सिंह राणा, सरदार सतनाम सिंह खालसा, सरदार अमरीक सिंह विकासपुरी, सरदार कुलतरन सिंह कोचर, सरदार तलविंदर सिंह मरवाह, सरदार करतार सिंह चावला, सरदार सुरिंदर सिंह दारा, सरदार मोहिंदर सिंह, सरदार गुरविंदर सिंह मठाड़ू, पार्टी के यूथ प्रधान रमनदीप सिंह सोनू, सरदार अरविंदर सिंह रानी बाग, सरदार सतनाम सिंह जगा और सरदार मनजीत सिंह सरना सहित बड़ी संख्या में अकाली कार्यकर्ता मौजूद रहे।