दिल्ली: उत्तर बाहरी दिल्ली साइबर क्राइम सेल द्वारा गठित एक पुलिस टीम ने लखनऊ,करनाल एवं गुड़गांव में दबिश कर तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार करके एक ऐसे सिंडिकेट को नस्तेनाबूत किया जो एसआईपी याने कि सेशन इनिशिएशन सिस्टम के माध्यम से कॉल कर भोले भाले लोगों को झाँसा देकर डिजिटल अरेस्ट कर मोटी रकम ऐंठता था ।
गिरफ्तार अभियुक्तों में अजयदीप कानपुर का रहने वाला है एवं बीटेक है, अभिषेक श्रीवास्तव 12 वीं पास एवं करनाल का रहने वाला है और तीसरा अभियुक्त आशुतोष वोहरा गुड़गांव का रहने वाला एवं बीए पास है । आशुतोष इस सिंडिकेट का मास्टर माइंड था और उसके अंतरराष्ट्रीय अपराधियों से लिंक बताए जा रहे हैं । क्यूंकि अभिषेक श्रीवास्तव को केबल एवं सीसीटीवी का तजुर्बा था ,उसके सिंडिकेट में डिजिटल एवं कम्युनिकेशन सेटअप था । अजय डीप ने एक एनजीओ ग्रेस ऑफ़ ग्लॉसी ट्रस्ट के माध्यम से एसआईपी कनेक्शन लिया जिसके माध्यम से यह लोग फर्जी कॉल करके अनजान लोगो पर झूठे मामले में फसे होने का दबाव बनाकर मोटी रकम ऐंठते थे । इन्हें एक गृहणी की शिकायत पर गिरफ्तार किया गया। । उसके पास टेलीफोन रेगुलेट्री अथॉरिटी के नाम से फ़ोन कॉल आई थी कि उसका मोबाइल नंबर से संधिग्ध गतिविधियों में लिप्त है । उक्त महिला 45 मिनट तक डिजिटल अरेस्ट रही थी और उससे मोटी रकम ऐठी गई । जाँच के बाद पता चला कि काल फर्जी थी ।
आरंभिक जाँच से पता चल है कि यह काल क्लाउड के माध्यम से दुबई लाओस कनाडा के सर्वर से कॉल जो कि एसआईपी के माध्यम से लोकल या ट्रंकॉल में तब्दील होकर टारगेट के पास पहुचती थी और नंबर संबंधित विभाग के नंबर से मिलता जुलता होता था जैसा की फ्लो चार्ट में दिखाया गया है । अभियुक्त इंटरमीडिएटरी के रूप में काम करते थे । उन्हें रूट की गई कॉल के हिसाब से हिस्सा मिलता था । अभियुक्त फ़िलहाल हिरासत में हैं एवं मामले पर तहक़ीक़ात जारी है । दिल्ली पुलिस ने गुजारिश की है कि संदिग्ध कॉलों से सावधान रहें । क्यूंकि सावधानी में ही सुरक्षा है ।