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दिल्ली: दिवाली पर दिल्ली की अंधेरी सड़कों को रौशन करने के लिए सभी पार्षदों को स्ट्रीट लाइटें देने का वादा करने भूल गए मेयर राजा इकबाल सिंह को एमसीडी में आम आदमी पार्टी के नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने चिट्ठी लिखकर उन्हें उनका वादा याद दिलाया है। उन्होंने कहा कि 14 अक्टूबर को सदन की बैठक में मेयर ने दिवाली पर सभी पार्षदों को 50-50 स्ट्रीट लाइटें देने का वादा किया था लेकिन उनका यह वादा जुमला निकल गया। अभी तक किसी को स्ट्रीट लाइट नहीं मिली है। उन्होंने मेयर से पूछा कि जब स्ट्रीट लाइटें पार्षद को देनी ही नहीं थीं, तो सदन में झूठी और गैर-जिम्मेदार घोषणा क्यों की? मेयर से अपील है कि वो स्ट्रीट लाइटें देकर पार्षदों से किया गया वादा निभाएं। दिवाली से पहले 14 अक्टूबर को एमसीडी सदन की बैठक हुई थी। उस बैठक में महापौर राजा इकबाल सिंह ने बेहद गैर-जिम्मेदाराना ढंग से एक झूठी घोषणा की कि दिवाली के शुभ अवसर पर सभी पार्षदों को 50-50 स्ट्रीट लाइटें दी जाएंगी। पार्षदों ने स्पष्ट कहा था कि 50 लाइटों से काम नहीं चलेगा, कम से कम 100 लाइटें तो दी जानी चाहिए। लेकिन 100 लाइटों की बात छोड़िए, किसी भी पार्षद को एक भी स्ट्रीट लाइट नहीं मिली। यानी महापौर की घोषणा पूरी तरह झूठी साबित हुई।नेता प्रतिपक्ष के अनुसार महापौर ने गैर-जिम्मेदारी के साथ यह घोषणा सदन में की, जहां सभी सदस्यों की सामूहिक जिम्मेदारी होती है। जब स्ट्रीट लाइटें देनी ही नहीं थीं, तो ऐसी झूठी घोषणा करने की क्या जरूरत थी? महापौर राजा इकबाल सिंह ने अपने मुख से कहा था कि दिवाली के शुभ अवसर पर सभी को 50-50 स्ट्रीट लाइटें मिलेंगी, ताकि शहर की सड़कें रोशन हो सकें। लेकिन दिवाली आकर चली गई, छठ पूजा भी निकल गई, फिर भी किसी को एक भी स्ट्रीट लाइट नहीं मिली। राजा इकबाल सिंह की झूठ की हदें अब इतनी बढ़ गई हैं कि अब सदन जैसी गरिमापूर्ण जगह पर भी वे झूठ बोलने लगे? महापौर ने गैर-जिम्मेदाराना ढंग से कहा था कि दिवाली से पहले सभी को लाइटें मिल जाएंगी, ताकि त्योहार रोशन हो। लेकिन उन्होंने तो दिवाली की रोशनी ही रोक ली। विपक्ष अब इस रोशनी को जनता तक पहुंचाने के लिए कटिबद्ध है।
किए महापौर से किए दो सवाल :
- जब स्ट्रीट लाइटें किसी भी पार्षद को देनी ही नहीं थीं, तो सदन में ऐसी झूठी और गैर-जिम्मेदार घोषणा क्यों की?
- अगर इसका टेंडर लगना था या अधिकारियों के माध्यम से वितरण करना था, तो दिवाली से पहले देने का वादा कैसे किया? और अगर अधिकारियों ने नहीं दिया, तो अभी तक महापौर ने उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की?
उनका कहना है कि खुद को सनातन धर्मी बताकर हिंदुत्व के नाम पर वोट मांगने वाली भाजपा हमारी दिवाली को रोशन नहीं कर पाई। अब कम से कम स्ट्रीट लाइटें पार्षदों को जरूर दें, ताकि वे अपने इलाकों को रोशन कर सकें। अगर अब भी नहीं दिया गया, तो आम आदमी पार्टी की आवाज सड़क से लेकर सदन तक गूंजती हुई नजर आएगी।