निरंतर बारिश के चलते भूस्खलन एवं जलभराव के कारण उत्तर एवं पूर्वोत्तर भारत के विभिन्न राज्य जिन्में आसाम, उत्तराखंड एवं हिंमाचल प्रदेश भी शामिल हैं, में हर साल की तरह इस बार भी छाया प्राकृति का प्रकोप । चरमरा गई है संचार व्यवस्था रास्ते एवं बुनियादी सेवायें हुई ठप्प । अस्त-व्यस्त हुआ जन-जीवन ।
आसाम में भी जलभराव एवं जलावेग से 23 जिलों के 70 लाख लोग प्रभावित हैं । जलभराव एवं जलावेग से मरने वालों का आंकड़ा 80 पार कर गया है । आसाम राज्य आपदा प्रबंधन प्रधिकरण के अनुसार इन इलाकों से अब तक 50000 लोगों को रेसक्यु कर 521 राहत शिविरों में भेजा गया है । ब्रहमपुत्र,धनश्री, जियाभराली, कोपिली आदि नदियों का पानी खतरे के निशान को पार कर गया है ।
उत्तराखंड एवं हिंमाचल प्रदेश में निरंतर बारिश हुए भूस्खलन के कारण लगभग सभी मार्ग हुए अवरूद्ध जिन्में राष्ट्रीय राजमार्ग शामिल हैं । यहाँ भी भूस्खलन एवं जलावेग के कारण गाँव ढ़ह गये । हेक्टेयरों में जमीन जहाँ पर काश्तकारी होती थी उजड़ने एवं मवशियों के मरने के समाचार मिले हें । यहाँ पर भी आपदा प्रबंधन का स्थाननीय प्रशासन की मदद से राहत कार्य जारी है ।
निरंतर बारिश के चलते जलभराव एवं जलावेग एवं भूस्खलन का होना स्वाभाविक है । विचारणीय है तो बस इन आपदाओं से होने वाली जानोमाल की क्षति । कहीं ना कहीं जरूरी है इनसे निपटने के लिये सुलझी हुई नीति के तहत रूपरेखा....