यू.पी. भी भारी पड़ सकता है बी.जे.पी. को आने वाले विधान सभा वुनाव में । रहेगी पुरजोर कोशिश बी.जे.पी. को सत्ता से बाहर खदेड़ने की । कहीं असहिष्णुता का जामा तो कहीं दलितों पे अत्याचार । लास्ट में आखरी दाव तमंचे पे डिस्को । सब चलता है वोटों की राजनीति जो है ।
एक नपी हुई नीति के तहत व्यूह रचना । यू.पी. के आजम खान की संघ प्रचारक पर बदबयानी पे कमलेश तिवारी की विवादस्पद प्रतिक्रिया पे देश के विभिन्न कौनों में जमकर हंगामा । व्यक्तिगत बयानबाजी का राजनीतिकरण । हेराल्ड केस में कोर्ट दवारा राहुल और सोनिया गांधी के नाम जारी समन के चलते कांग्रेस व सहयोगी दलों का संसद में जमके हंगाामा । और संसाद ठप । केजरीवाल के प्रधान सचिव की विभिन्न घोटालों में लिप्त होने की संभावनाओं के चलते सी.बी. आई रेड पर मुख्यमंत्री केजरीवाल की प्रतिक्रिया । प्रोटोकोल के नियमों को ताक पे रखके जमके छिछलेदारी । अब फिारेजशाह कोटला मैदान के जिर्नोदार के घोटाले में निवर्तमान डी.डी.सी.आई. के अध्यक्ष और मोदी सरकार के वित मंत्री अरुण जेटली की कथित भागिता के चलते मीडिया और सोशल मीडिया के सहयोग से जमकर हंगामा । कुल मिलाकर आपोजीशन की गनपोइंट पर है मोदी सरकार ।
विरोधियों दवारा कहीं असहिष्णुता तो कहीं भगवाकरण तो कहीं राजनैतिक रंजिश का जामा पहना दिये जाने के बावजुद मोदी की लहर सबका साथ सबका विकास कहां तक टिक पायेगी यह तो आने वाला समय ही बतायेगा । परिस्थितियां चाहें कितनी भी विषम हो सुर्योदय तो होगा ही ।
मौजूदा सियासी एवं राजनीतिक उठा पटक का अंजाम जो भी हो आने वाला समय मोदी समर्थकों के लिये किसी चूनौती से कम नहीं होगा ।