बिहार के मौजूदा राजनैतिक समीकरण के मध्य-नजर नहीं होगा आसान किसी भी गठबंधन के लिये एक तिहाई बहुमत से सरकार बनाना । शायद यह राजनीति का समीकरण जोड़-तोड के साथ ही पूरा हो । 243 विधान-सभा सीटों वाले बिहार राज्य में तीन चरण में चुनाव संभावित हैं । 28 अक्टूबर को 71 सीटों पर, 3 नवंबर को 94 सीटों पर एवं 7 नवंबर को 78 सीटों पर मतदान होगा । मतगणना की तारीख आगामी 10 नवंबर को मुकरर है ।
बिहार में राजनीति के पंडितों की अटकल है कि आगामी चुनावों में बीजेपी का जेडीयू के साथ एवं अप्रत्यक्ष रूप से एलजेडी के साथ गठबंधन है । दूसरी तरफ कांग्रेस का आरजेडी को समर्थन है । दिलचस्प बात यह है कि एलजेडी लगभग सभी सीटों पर चुनाव लड़ रही है एवं उसके नेता चिराग पासवान दिवंगत नेता रामविलास पासवान के बेटे हैं । माकूल सीटें मिलने पर बिहार की राजनीति में चिराग पासवान की भागीदारी एवं दावेदारी फिलहाल सवालिया है ।
आगामी विधान-सभा चुनावों से नीतिश,तेजस्वी एवं चिराग तीनों का ही भविष्य जुड़ा है । सभी दलों के दिग्गज नेता बिहार में डेरा डाले हैं एवं कोरोना के इस महाकाल में भी जन सभाओं का जोर है । आरोपों एवं प्रत्यारोपों के साथ वायदों को मीठी चासनी लपेटकर मतदाताओं को रिझााने का प्रयास जारी है । इस बार का चुनावी मुद्दा है विकास । क्या वास्तव में बिहार का मतदाता उब चुका है एवं बदलाव चाहता है और या फिर यह मात्र चुनावी जुमला है ।
जाति एवं लाठी की बिसात पर बिछी बिहार की राजनीति के मध्य-नजर विकास के भविष्य का खुलासा समय के साथ हो ही जायेगा .....