दिल्ली में सक्रिय हैं राजनीतिक सर्गमियाँ । आगामी 8 फरवरी को 70 विधान सभा सीटों के लिये मतदान संभावित हैं । 1.42 करोड़ मतदाता करेंगे उमीदवारों के भविष्य का निर्धारण । नामांकन प्रक्रिया समाप्त हो गई है और चुनाव प्रचार का दौर है ।
वायदों के बिसपात पर यहाँ के राजनीतिक समीकरण कुछ उलझे से हैं । फिलहाल दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है । पिछले विधान सभा चुनावों के समीकरण कुछ इस प्रकार हैं आम आदमी पार्टी 67 $ भरतीय जनता पार्टी 3 $ कांग्रेस 0 = 70 ।
इस बार आम आदमी पार्टी,भारतीय जनता पार्टी एवं कांग्रेस के साथ मैदान में उतरी हैं जनता दल युनाइटेड एवं लोक शक्ति पार्टी । हालांकि दोनो ही पार्टियाँ सीमित स्थानों पर चुनाव लड़ेंगी । जनता दल युनाइटेड 2 सीटों बुराड़ी एवं संगम विहार और लोक शक्ति पार्टी सीलमपुर की एक सीट पर चुनाव लड़ेगी ।
घोषणा पत्र के वायदे जो भी हों चुनावी मुद्दे रहेंगे नागरिक सुरक्षा कानून, एनआरसी और सपनों के सौदागर अरविंद केजरीवाल द्वारा मतदाताओं को दिखाये गये सपने । दिल्ली में मतदान की औसत दर 65 प्रतिशत है और 75 फीसदी मतदाता अनाधिकृत कलोनियों और झुग्गी झोपड़ी से आता है और इनके बीच 20 फीसदी अल्प-संख्यक सामुदाय ।
तमाम अटकलों और कवायदों और उलझे हुए पेचों के मध्य-नजर नहीं होगा आसान राजनीति के चाणक्य के लिये भेद पाना सपनों के सौदागर की व्युह रचना । फिलहाल जीत की गूँज,कांगेस वाली दिल्ली खुशहाल दिल्ली एवं अच्च्छे बीते पाँच साल लगे रहो केजरीवाल के बीच तीकोना संघर्ष......