भौतिकवाद एवं प्रतिस्पर्धा के इस दौर में संतुलन बनाये रखने के लिये जरूरी मस्तिष्क एवं इंद्रियों पर नियंत्रण । उपाय है साधना एवं व्यायाम पर आधारित फालुन दाफा । चीन में जन्मी इस पद्धति को 114 देशों के 10 करोड़ से भी अधिक लोगों ने अपनाया है । साधना एवं व्यायाम पर आधारित इस पद्धति के नियमित अभ्यास से साधक को बौद्धिक एवं शारीरिक विकास के साथ सत्य, करूणा एवं सहनशीलता से आत्मसात होता है जो कि आज के मशीनी युग में जरूरी है ।
चीन में आदिकाल से बौद्ध भिक्षुओं द्वारा साधित इस पद्धति को सार्वजनिक करने का श्रेय जाता है अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त नोबल शांति एवं सखारोव पुरस्कार विजेता श्री ली होंगजी को । श्री होंगजी को इस पद्धति का गुरू भी माना जाता है । 1998 में एक सर्वेक्षण बीजिंग शहर के 200 से अधिक व्यायाम स्थलों पर 12400 लोगों में किया गया । करीब आधे प्रतिभागी 52.6% फालुन दाफा का अभ्यास 1 से 3 वर्ष से कर रहे थे । 49.8% प्रतिभागियों को औसत 3 बीमारियाँ थी ।
सर्वेक्षण के समय 58.5% लोगों ने पूर्ण स्वास्थ्य लाभ 24.9% ने बुनियादी लाभ और 15.7% ने आंशिक लाभ का वर्णन किया । अभ्यास आरम्भ करने के बाद जिन लोगों को अधिक ऊर्जावान महसूस हुआ उनकी संख्या 3.5% से 55.3% बढ़ गयी और 80.3% लोगों ने व्यापक मानसिक स्वास्थ्य लाभ का दावा किया । आखिर यह फालुन दाफा क्या है ? अनुयाइयों के अनुसार फालुन का अर्थ है विधान चक्र और दाफा के मायने हैं महान मार्ग । बौद्धिक विकास के साथ इस पद्धति में शारीरिक विकास के लिये पाँच प्रकार के व्यायामों का सामावेश है ।
सहस्त्र हस्त प्रदर्शन - यह व्यायाम शरीर की सभी शक्ति नाड़ियों को खोलता है जिससे शरीर में शक्ति का प्रवाह निर्विघ्न हो सके ।
स्थिर मुद्रा - यह शांत भाव में खड़े रहने का व्यायाम है जिसमें चक्र को थामने की चार मुद्राएं है । व्यायाम के पश्चात सारा शरीर हल्का महसूस करेगा ।
ब्रह्मांड के दो छोरों का भेदन - यह व्यायाम विश्व की शक्ति का शरीर की भीतरी शक्ति के साथ विलय करता है । इससे शरीर कि शुद्धि होती है ।
फालुन दिव्य परिपथ - यह व्यायाम महान दिव्य परिपथ को सक्रिय करता है । यह मानव शरीर कि सभी असामान्य परिस्थितियों को ठीक करता है । इस व्यायाम का उद्देश्य शरीर की सभी शक्ति नाड़ियों को खोलना है ।
दिव्य शक्तियों को सुदृढ करने का व्यायाम व्यक्ति के शक्ति सामर्थ्य और दिव्य शक्तियों को सुदृढ करता है । इस व्यायाम में दोनों पैरों को एक दूसरे के ऊपर रखकर बैठना होता है । पूर्ण कमल मुद्रा उत्तम है परन्तु अर्ध कमल मुद्रा भी स्वीकार्य है । व्यायाम के दौरान ची का प्रवाह बहुत प्रबल होता है और शरीर के आस-पास का शक्ति क्षेत्र बहुत बड़ा होता है ।
फालुन दाफा सीखने के लिये श्री होंगजी लिखित निम्न पुस्तकें पढें -
फालुन गोंग रू - इसमें फालुन दाफा के सिधान्तों की चर्चा और अभ्यास का वर्णन दिया गया है । व्यायाम कैसे करें यह उदाहरण द्वारा समझाया गया है ।
ज़ुआन फालुन रू - फालुन दाफा की मुख्य पुस्तक है । जिसमें गुरु ली होंगज़ी के नौ व्याख्यानो का संग्रह है । ज़ुआन फालुन इस पद्धति के लिए एक आवश्यक मार्गदर्शक है।
www.falundafa.org एवं www.falundafaindia.org ।