आंकड़ों के खेल ने हाल ही में हुए हरियाणा और महाराष्ट्र में विधान-सभा चुनावों में देश की दोनों ही सबसे बड़ी पार्टियों के पुर्जे ढ़ीले कर दिये । कुल मिलाकर दोनो ही पार्टियों में कांटे की टक्कर रही । जाहिर है कि दोनो ही राज्यों मे सबसे ज्यादा सीट हासिल होने से सरकार बनाने का मौका भारतीय जनता पार्टी को मिलेगा ।
एक जगह समर्थन पर तो दूसरी जगह होगी समर्थन की राजनीति । इस बार के चुनावी परिणाम कुछ इस प्रकार हैं हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी को 40, कांग्रेस को 31, जेजेपी को 10 तथा अन्य को 8 सीटें हासिल हुई । उसी प्रकार महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी दल को 160,कांग्रेस को 97,एमएनएस को 1 तथा अन्य को 28 सींटें हासिल हुई ।
जहाँ भारतीय जनता पार्टी ने इस जीत को लोकतंत्र की जीत आ्रैर प्रधान-मंत्री नरेंद्र भई मोदी की परिकल्पना सशक्त भाजपा सशक्त भारत की जीत माना है वहीं कांग्रेस पार्टी के मुख्यालय में आयेजित एक प्रेस वार्ता में पार्टी के प्रवक्ता श्री आनंद शर्मा ने इसे बीजेपी की नैतिक हार माना है । उनका कहना है कि बीजेपी का वोट स्तर 20 प्रतिशत गिरा है ।
भारतीय जनता पार्टी की पार्लियमेंट्री कमेटी ने हरियाणा के लिये सर्वसंमति से मुख्यमंत्री पद के लिये इस बार भी श्री मनोहर लाल खट्टर का नाम चुना है । श्री खट्टर एक बार फिल खेलेंगे दूसरी पारी । वो कल मुख्य-मंत्री पद की शपथ लेंगे और अपनी सरकार बनाने की दावेदारी राज्यपाल को पेश करेंगे । महाराष्ट्र पर निर्णय अभी बाकी है । पार्टी तरफ से मुख्यमंत्री पद की दावेदारी के लिये श्री देवेंद्र फडनविस का नाम प्रस्तावित है और शिवसेना को मनाने की कवायद जारी है ।
मौजूदा राजनीतिक परिवेश में दोनो ही राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनेगी । कहीं ना कहीं जरूरी है प्रधान मंत्री नरेंद्र भाई मोदी की परिकल्पना को साकार करने लिये आत्ममंथन....