पंजाब महाराष्ट्र कोपरेटिव बैंक मामले में नहीं मिली खाताधारियों को सुप्रिम कोर्ट से राहत । सुप्रिम कोर्ट ने दी हाई कोर्ट जाने की सलाह । अनियमितताओं के कारण 23 सितंबर 2019 को रिजर्व बैंक द्वारा आहरण की लिमिट निर्धारण के बाद खाताधारियों में मचा हड़कंप । 6 माह की अवधि में खाताधारक 40 हजार रूप्ये तक निकाल सकता है । यह रोक बैंक में हुए 4355 करोड़ के घोटाले के कारण लगाई गई है । सात राज्यों मे संचालित एवं 137 शाखाओं वाले इस बैंक के खाताधारियों में व्यक्तिगत, व्यापारी,सार्वजनिक निकाय बैंक एवं सार्वजनिक क्षेत्र की हाउसिंग सोसाइटीज शामिल हैं ।
कांग्रेस पार्टी के मुख्यालय में समय समय पर आयोजित प्रेसवार्ताओं में पार्टी के प्रवक्ता श्री अखलेश प्रताप सिंह एवं अन्य वरिष्ठ नेताओं द्वारा किये गये खुलासों के अनुसार इस बैंक का 73 प्रतिशत लोन का हिस्सा एक ऐसी कंपनी को आवंटित किया गया जिसका निर्देशक बैंक का भी निर्देशक है । फिलहाल बैंक हो गया है खाली । जरूरत के लिये खुद ही का पैसा ना निकालने के कारण मुंबई के 51 वर्षीय जेट ऐयर के पूर्व कर्मचारी श्री संजय गुलाटी का हार्ट फेल हो गया और उनकी मौत हो गई । बैंक में उनके नब्बे लाख रूप्ये फसे हैं । पैसा ना निकाल पाने के सदमें से मरने वालों की संख्या 4 हो गई है ।
गृह मंत्री अमित भाई शाह ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही का आश्वासन दिया है और दोषियों के खिलाफ कार्यवाही भी चल रही है । विचारणीय है तो बस खुद के पैसे के लिये इंसाफ की तलाश में भटकते खाताधारी....