निरंतर बारिश के चलते नदियों का पानी है उफान पर । जल-भराव एवं लेंड स्लाइडिंग के कारण मार्ग हुए अवरूद्ध । चरमारा गई है प्रशासनिक व्यवस्था । बुनियादी सेवायें हुई ठप्प ।जनजीवन है अस्त-व्यस्त । लाखों हुए बेघर ।
एनडीआरएफ एवं सेना स्थाननीय प्रशासन की मदद से राहत कार्य में जुटा है । केरल में 738 रिलीफ केंप लगाये गये हैं और लगभग 64000 लोग पलायन किये हैं । कर्नाटक में 650 गाँव में 11000 घर ढ़ह गये हैं । 207212 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है ।
पश्चिम महाराष्ट्र के 5 जिले बाढ़ की चपेट में हैं । 134 119 लोगों को सांगली,11365 को कोल्हापुर के राहत शिविरों में पहुँचाया गया है । तमिलनाडू में बाढ़ और लेड स्लाइडिंग से प्रभावित 1704 लागों को राहत शिविर में पहुँचाया गया है । उड़िसा में 9 जिले 1012 गाँव बाढ़ की चपेट में हैं और लगभग 130072 लोग बाढ से प्रभावित हैं । 14322 लोगों को सुरक्षित स्थानों में पहुँचाया गया है । आसाम बिहार और नार्थ -इस्ट इलाके भी बाढ़ की चपेट में हैं ।उत्तर भारत के पर्वतीय इलाकों में भी भयंकर बारिश के कारण लेंड स्लाइडिंग का प्रकोप है ।
निरंतर बारिश वा बवंडर के चलते जल.भराव वा लेंड.स्लाइडिंग तो स्वाभाविक है विचारणीय है तो इन प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली जान.माल की क्षति । जरूरत है तो बस इनसे निपटने के लिये सुलझी हई नीति के तहत तैयार रूपरेखा....