कृष्ण जन्माष्टमी हो और माया नगरी मुंबई में छाये खामोशी हो ही नहीं सकता । हर बार की तरह इस बार भी यहाँ का जन्माष्टमी मनाने का अंदाज ही कुछ हटकर है । दही हाँडी उत्सव । युवाओं और बच्चों की टोली निकल पड़ती है गली मौहल्ले में उँचाई पर टंगी दही हाँडी टोड़ने ढोल नगाड़ों के साथ ।
हाँडी फोड़ने वाली टोली को इनाम मिलता है । कहीं कहीं नकद राशी का भी प्रावधान है । मुंबई तो मुंबई अब राजधानी दिल्ली भी नहीं रही है अब दही-हाँडी उत्सव से अछूती । बड़- चड़कर भाग लेते हैं दही-हाँडी उत्सव में यहाँ के युवा । यह बात और है हाँडी की उँचाई थोड़ी कम होती है ।
कृष्ण जन्म भूमी मथुरा वा संपूर्ण उत्तर भारत में जन्माष्टमी मनाने का तरीका जरा थोड़ा हटके है । मंदिरों में लाइटिंग वा प्राँगण में रास लीला और गली-मौहल्लों में बच्चों द्वारा सजाई गई झाँकियाँ ।
दही-हाँडी भगवान कृष्ण की बाल-लीलाओं का ही मँचन है । आइये खो जायें भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं में । गो गो गो गोविंदा......