राहुल के इस्तीफे के साथ शुरू हुआ अटकलों का दौर । नाटकीय अंदाज में कांग्रेस के गलियारे उछला एक नाम कांग्रेस के वयोवृद्ध नेता मोतीलाल वोहरा । 17 वें लोकसभा की हार को अपने राहुल गाँधी ने ज्यादा ही दिल पे ले लिया । खुद को हार का दोशी करार करते हुए कर डाली पेशकश राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफे की ।
पार्टी की आलाकमान अध्यक्ष सोनिया गाँधी जो राहुल गाँधी की मम्मी भी हैं , किया इस्तीफा नामंजूर और मामला पहुँचा पार्टी की कार्य समिति में । शुरू हुई राहुल को मनाने की कवायद । आंतरिक समिक्षा के दौरान पार्टी के गलियारों से दबी जबान एक आवाज उठी । कहीं हार का कारण पार्टी में पनपता परिवारवाद तो नहीं ।
राहुल गाँधी को मनाने की कोशिशें अब भी जारी हैं । सुना है वर्तमान कांग्रेसी मुख्य मंत्रियों की मीटिंग बुलाई जा रही है । जहाँ गाँधी परिवार के करीबी नेताओं ने पार्टी को संभालने के लिये गाँधी परिवार का मार्गदर्शन जरूरी माना वहीं पार्टी के एक तबके की बाँछें खिल गई । चलो बहाने से ही सही बिल्ली के भाग में छीका फूटा ।
तमाम अटकलों और कवायदों के बीच जेहन में है बस एक ही सवाल कि क्या वास्तव में राहुल गाँधी का इस्तीफा कार्य समिति द्वारा होगा मंजूर ? पंजाब के मुख्य-मंत्री केप्टन अमरेंद्र सिंह ने राहुल गाँधी के इस्तीफे पर निराशा जाहिर की । उनका मानना है कि पार्टी फिलहाल कठिन दौर से गुजर रही है । राहुल जी के मार्ग-दर्शन में ही पार्टी हाोगी मजबूत ।
वैसे यदि राहुल गाँघी अपना इस्तीफा वापिस नहीं लेते हैं,तो कौन होगा अगली कार्यकारिणी कमेटी की बैटक तक पार्टी का नया कार्यकारी अध्यक्ष ? मोतीलाल वोहरा होंगे काँग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष या फिर नाटकीय अंदाज में हो रही है किसी तीसरे को लाने की तैयारी ।
चलो बहाने से ही सही अपने राहुल गाँधी को मिलेगा सकून से अपनी नानी के घर बिताने समय....