इस बार का दिल्ली सरकार का बजट दिल्ली के समग्र विकास के द्वार खोलेगा । 100,000 करोड़ रुपये के इस बजट से हर क्षेत्र में उन्नति की संभावनाओं को मजबूती मिलेगी । शिक्षा, स्वास्थ्य परिवहन एवं बुनियादी ढांचों को नया आयाम मिलेगा । दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस बजट को ऐतिहासिक बताते हुए सदन में बजट की विवेचना की ।
बजट में जल आपूर्ति और स्वच्छता व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए 9,000 करोड़ रुपये का प्रावधान है। इससे नई जल पाइपलाइन बिछाई जाएंगी, सीवर लाइनों का विस्तार होगा और हर नागरिक को शुद्ध पेयजल की सुविधा मिलेगी। बिजली के तारों के जाल से मुक्त करने के लिए 3,847 करोड़ रुपये का प्रावधान है । अंडरग्राउंड केबलिंग, स्मार्ट ग्रिड्स और स्वच्छ ऊर्जा हेतु सोलर पैनलों के माध्यम से निर्बाध, सुरक्षित और अधिक कुशल बिजली आपूर्ति सुनिश्चित होगी ।
100 झुग्गी झोपड़ी कॉलोनियों में अटल कैंटीन की स्थापना कर जरुरतमंदों को सस्ता और पौष्टिक भोजन प्रदान करेंगे। भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी जी की 100वीं जयंती के उपलक्ष्य पर 100 अटल कैंटीन खोली जाएंगी, जहां कम कीमत पर पौष्टिक भोजन मिलेगा। इसके लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है । सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को आधुनिक एवं पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए 12,952 करोड़ रुपये का प्रावधान हैं । अब दिल्ली में दिखाई देंगी 5,000 नई इलेक्ट्रिक बसें ।
मुख्यमंत्री के अनुसार महिला सशक्तिकरण उनकी सरकार की प्राथमिकता है! महिला समृद्धि योजना के तहत जरूरतमंद महिलाओं को ₹2,500 प्रतिमाह देने के लिए ₹5,100 करोड़ का प्रावधान किया गया है। साथ ही मातृ वंदना योजना हेतु 210 करोड़ रुपये सुनिश्चित किए गए हैं । भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन के दिन अब चले गए। इस बार के ऐतिहासिक ₹1 लाख करोड़ के बजट में कैपिटल एक्सपेंडीचर को दोगुना कर ₹28,000 करोड़ किया गया है, जो सड़कों, नालियों, सीवर और शिक्षा में निवेश के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। ऐसे अन्य बहुत से मसले हैं जिनका जिकर बजट में है एवं कुछ एक को मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी पोस्टर्स में दर्शाया गया है ।
वहीं नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने इस बजट को भाजपा शासित "विपदा" सरकार का दिल्ली को दिया गया हवा-हवाई बजट बताया है। उनका कहना है कि इस एक लाख करोड़ के बजट का कोई आर्थिक आधार नहीं है, वरना आर्थिक सर्वेक्षण को छुपाने की जरूरत क्यों पड़ती? उन्होंने दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को चैलेंज किया है कि वह आर्थिक सर्वेक्षण के आंकड़े सार्वजनिक करें। दूध का दूध, पानी का पानी हो
प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने इसे झूठ और जुमले का बजट करार देते हुए कहा कि जिन उम्मीदों के साथ दिल्ली ने भाजपा को विजय दिलाई थी वो आने वाले 5 सालों में पूरी होती नजर नहीं आती । एक लाख करोड़ के इस बजट में से 9950 करोड़ रुपया यहाँ के करदाताओं की जेब से टैक्स के रूप में वसूला जाएगा । शीला दीक्षित सरकार के समय का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि 2013-14 में कुल बजट का कैपिटल एक्सपेंडिचर 34.3 फीसदी था । आम आदमी पार्टी शासित सरकार में घटकर यह 19.85 फ़ीसदी हुआ और अब भाजपा इसे 28 फ़ीसदी करके अपनी पीठ थपथपा रही है । तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने दूरदर्शी सोंच के साथ काम किया उनका इरादा विकास का था । 12 सालों में महँगाई एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर को बनाने की लागत दोनों ही बढ़ी हैं ।
28 फ़ीसदी कैपिटल एक्सपेंडिचर पर आधारित भाजपा शासित दिल्ली सरकार का विकास का मॉड्यूल कितना कारगर साबित होगा इस का खुलासा समय के साथ हो ही जाएगा...