दिल्ली जल बोर्ड में चल रही अनियमितताओं के मध्य-नजर, भाजपा नेताओं ने की विधान-सभा का विशेष सत्र बुलाये जाने की माँग । प्रतिपक्ष के नेता राम वीर सिंह विदुड़ी एवं भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष श्री वृजेंद्र गुप्ता द्वारा पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में किये गये खुलासे के अनुसार जल संशोधन यंत्रों द्वारा संशोधित जल का मात्र 50 प्रतिशत हिस्सा, जल बोर्ड उपभेगताओं को सप्लाई करता है । बाकी का 50 प्रतिशत टेंकर माफियाओं को सप्लाई होता है ।
दिल्ली में पीने के पानी की किल्लत के कारण लोगों को पानी मोल लेना पड़ता है । इतना ही नहीं दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा अपने पाँच साल के शासन काल में दिल्ली जल बोर्ड को 41000 करोड़ ऋण दिया गया जिसमें से 26000 करोड़ का हिसाब दिल्ली सरकार के पास नहीं है । दिल्ली जल बोर्ड की सालाना आमदनी से ऋन इंस्टालमेंट कहीं ज्यादा है । दिल्ली जल बोर्ड का रेवेन्यु 2848 करोड़ एवं ऋण की एवेज में इंस्टालमेंट है 3366.6 करोड़ ।
यमुना की गंदगी को साफ करने के लिये केंद्र सरकार द्वारा 1600 करोड़ रूप्या सेंकशन हुआ लेकिन गंदगी जयों की त्यों है । पार्टी के नेता दिल्ली सरकार से इस बाबत हिसाब माँग रहे हैं । दिल्ली सरकार की रेन हारवेस्टिंग एवं मुफ्त सेफ्टी टेंको की सफाई योजना भी सवालों के घेरे में है । सिवेज एंड वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट संयत्र की कैपिसिटी औसतन से कम 30 प्रतिशत रह गई है । माकूल इंतेजामात के आभाव में पीने के पानी की लाइन में सिवरेज की लाइन मिलने के कारण दूषित जल की सप्लाई की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता ।