काम्युनिटी स्प्रेड के दौर में आरटीसीपीआर टेस्ट रेपिड टेस्ट के बनसपत ज्यादा कारगर । यह टेस्ट रेपिड टेस्ट से मेहंगा जरूर हैं लेकिन इसके परिणाम 90 फीसदी सटीक हैं । रेपिड टेस्ट का सकसेस रेट 20 फीसदी है । कांग्रेस के पूर्व विधायक हरी शंकर गुप्ता ने सरकार से ताकीद की है कि कोरोना संक्रमण की जाँच आरटीसीपीआर टेस्ट से ही होनी चाहिये । आरटीसीपीआर टेस्ट का शुल्क देरी से सही 2400 रूप्ये से घटाकर 800 रूप्ये कर दिया गया है । लेकिन ज्यादातर निजी अस्पताल एवं लेब इस रेट पर टेस्ट करने के लिये तैयार नहीं हैं ।
यदि यह टेस्ट न्यूनतम शुल्क पर किये जाते हैं तो ज्यादा से ज्यादा लोग टेस्ट कराने के लिये प्रेरित होंगे । कहीं न कहीं निजी अस्पतालों एवं प्राइवेट लेब पर सरकार का नियंत्रण होना जरूरी है । हाल ही में दिल्ली सरकार द्वारा जारी एक बुलेटिन के अनुसार पिछले 24 घंटों में कोविड संक्रमण के 4006 मामले दर्ज हुए एवं मरने वालों की संख्या 86 है । दिल्ली के विभिन्न स्थानों में लगभग प्रतिदिन 58456 टेस्ट किये जा रहे हैं । दिल्ली के अस्पतालों उपलब्ध बेड की संख्या 18688 है जिन्में से 10911 खाली हैं ।
पूर्व विधायक का मानना है कि यह आंकड़ा हकीकत से 50 फीसदी कम है । ज्यादातर संक्रमण का शुभा होने पर खुद ही होम क्वरनटाइन हो जाते हैं । यदि इनको शामिल किया जाये तो यह आंकड़ा बड़ जायेगा । ऐसे में कहीं न कहीं सरकार की जिम्मेदारी एवं जवाबदेही बड़ जाती है ।