बजट में कटौती करना बताता है कि एमसीडी फिर से कंगाल होने वाली है: आप निगम पार्षद
दिल्ली: स्टैंडिंग कमेटी में पेश किए गए दिल्ली नगर निगम के बजट को झूठ का पुलिंदा बताते हुए ‘‘आप’’ के एमसीडी सह प्रभारी प्रवीण कुमार ने कहा कि भाजपा सरकार का यह बजट दिल्लीवालों के साथ धोखा है। क्योंकि जन कल्याण के लिए कोई स्कीम नहीं है और मुख्य मुद्दे गायब हैं। एमसीडी का कुल बजट 16,530 करोड़ रुपए का है और एमसीडी पर 16 हजार करोड़ की देनदारी ही है। ऐसे में निगम विकास कार्य कैसे करेगा? इस बजट में प्रदूषण को कम करने, डीबीसी कर्मचारियों पक्का करने, पार्षदों को विकास कार्य करने के लिए फंड का कोई प्रावधान नहीं है, जो दिल्लीवालों के साथ अन्याय है। उन्होंने कहा कि दिल्लीवालों को उम्मीद थी कि अब दिल्ली में चार इंजन की सरकार है तो हर तरफ विकास की गंगा बहेगी, लेकिन बजट ने सबको निराशा कर दिया।
शनिवार को ‘‘आप’’ मुख्यालय पर प्रेस वार्ता कर एमसीडी के सह प्रभारी प्रवीण कुमार ने कहा कि भाजपा द्वारा दिल्ली की जनता के साथ लगातार धोखा किया जा रहा है। केंद्र से लेकर निगम तक भाजपा की चार इंजन की सरकार होने के बावजूद वह दिल्ली के लिए कुछ भी डिलीवर करने में नाकाम है। शुक्रवार को सिविक सेंटर में तमाम अड़चनों के बाद बनी स्टैंडिंग कमेटी की बैठक हुई जिसमें पहला बजट पेश किया गया। प्रवीण कुमार ने इस बजट को दिल्लीवालों के साथ पूरी तरह धोखा, हवा हवाई और आई वॉश बताते हुए कहा कि यह बजट एक सफेद झूठ का पुलिंदा है।
शुक्रवार को स्टैंडिंग कमेटी में 16,530 करोड़ रुपए का बजट पेश किया गया और एमसीडी के ऊपर वर्तमान में देनदारी भी लगभग 16,000 करोड़ रुपए ही है। उन्होंने सवाल किया कि आखिर भाजपा किसे बेवकूफ बनाना चाहती है? जब बजट के बराबर ही कर्ज है तो निगम विकास कार्य कैसे करेगा? इससे पहले जब आम आदमी पार्टी की सरकार थी तो उसने 17,000 करोड़ रुपए का बजट पेश किया था। भाजपा ने एक तरफ तो बजट की राशि कम कर दी और ऊपर से भारी भरकम देनदारी के बीच यह बजट पेश कर दिया, जिससे कोई काम होना संभव नहीं है।
बजट में दिल्ली के मुख्य मुद्दे पूरी तरह नदारद हैं। जैसे, आज दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति भयंकर है और लोग गिन गिन कर सांसे ले रहे हैं। कोर्ट भी इसका संज्ञान ले रहा है। लेकिन भाजपा को इसकी कोई चिंता नहीं है। हमें आशा थी कि प्रदूषण की रोकथाम के लिए बजट में कोई अलग से प्रावधान किया जाएगा, लेकिन भाजपा ने अपने बजट में इसके लिए कोई फंड नहीं रखा। यह दिल्लीवासियों के लिए बहुत बड़ा धोखा है जो बड़ी आशा के साथ इस चार इंजन की सरकार की ओर देख रहे थे।
पार्षदों के फंड का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा कि जब से एमसीडी और दिल्ली में भाजपा की सरकार बनी है, पार्षदों को क्षेत्र के विकास के लिए दिया जाने वाला फंड जारी नहीं किया गया है। ऐसे में जनता के काम कैसे होंगे? उन्होंने बताया कि भाजपा ने हर पार्षद को दो करोड़ रुपये देने का वादा किया था, जिसके हिसाब से बजट में 500 करोड़ रुपये का प्रावधान होना चाहिए था। लेकिन पार्षदों के लिए बजट में एक रुपये का भी प्रावधान नहीं किया गया। वहीं, डीबीसी कर्मचारी लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं। बजट में उनके लिए प्रावधान का वादा किया गया था, लेकिन उन्हें झुनझुना थमा दिया गया। जबकि 60 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान होना चाहिए था। उन्होंने कहा कि भाजपा का यह बजट सिर्फ जनता को धोखा देने के लिए है। एमसीडी के अस्पतालों में दवाइयां बिल्कुल उपलब्ध नहीं हैं और जनता इलाज के लिए परेशान हो रही है। स्कूलों की हालत भी खस्ताहाल है, जहां छतें गिर रही हैं और शिक्षक नदारद हैं या समय पर नहीं आते। भाजपा ने एक ऐसा बजट पेश किया है जो दिल्ली वालों के साथ सरासर अन्याय और धोखा है।
वहीं, स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य प्रवीण राजपूत ने कहा कि दिल्ली की जनता को बजट से बड़ी उम्मीदें थी। दिल्लीवालों को उम्मीद थी कि चार इंजन की सरकार है तो विकास की गंगा बहेगी। लेकिन सबको निराशा हाथ ली। भाजपा ने एक भी नई जन कल्याण की योजना न लाकर लोगों के साथ बहुत बड़ा धोखा किया है। दिल्ली को उम्मीद थी कि हाउस टैक्स में उन्हें राहत मिलेगी, लेकिन नहीं मिली। भाजपा सरकार अब 25 गज के छोटे मकानों से भी हाउस टैक्स वसूलना चाहती है। जबकि आम आदमी पार्टी की मंशा हाउस टैक्स माफ करने की थी।
प्रवीण राजपूत ने कहा कि आज दिल्ली में सबसे बड़ा मुद्दा प्रदूषण है। इसका एक बड़ा कारण धूल है। एलजी भी 50 से 60 फीसद प्रदूषण का कारण धूल को बता रहे हैं। इस 90 फीसद धूल को साफ करने की जिम्मेदारी एमसीडी की है। इसके बाद भी भाजपा सरकार ने बजट में इसके लिए कोई प्रावधान नहीं किया। उन्होंने कहा कि जब दिल्ली में ‘‘आप’’ की सरकार थी, तब भाजपा के सारे सांसद, पार्षद और विधायक 13 हजार करोड़ रुपए की मांग को लेकर प्रदर्शन करते थे। आज जब दिल्ली और केंद्र दोनों जगह भाजपा की सरकार है, तो वह 13 हजार करोड़ रुपये कहां गए? अब भाजपा ने बजट में इस पर पूरी तरह चुप्पी साध ली है।
इस दौरान आम आदमी पार्टी की एमसीडी सह-प्रभारी प्रीति डोगरा ने कहा कि एमसीडी के बजट को देखकर हर कोई हैरान है। भाजपा पहले 15 साल एमसीडी में रही और उस दौरान एमसीडी को कंगाल कर दिया था। 2022 में जब एमसीडी में आम आदमी पार्टी का मेयर चुना गया, तो निगम में सुधार की प्रक्रिया शुरू हुई थी। वर्षों से परेशान चल रहे कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया गया। ऐसे कर्मचारी, जिनकी सेवानिवृत्ति में महज 10 महीने या एक-दो साल बचे थे, उन्हें भी स्थायी किया गया। अब फिर से एमसीडी में भाजपा का मेयर है और एमसीडी उसी बदहाली के मोड़ पर आ गई है। पूरी दिल्ली में जगह-जगह गंदगी का अंबार है। भाजपा सरकार ने अपने पहले ही बजट में साफ-सफाई से हाथ खड़े कर दिए हैं और बजट में 500 करोड़ रुपए की कटौती कर दी है। चार इंजन की सरकार होने के बावजूद भाजपा को बजट में कटौती करने की क्या मजबूरी है?
प्रीति डोगरा ने कहा कि जब आम आदमी पार्टी को मेयर था, तब भाजपा नेता बकाया रकम और कर्मचारियों को पक्का करने की मांग करते थे। लेकिन अब जब वह सत्ता में है, तो कर्मचारियों के साथ खिलवाड़ कर रही है। भाजपा सरकार में एमसीडी के स्कूलों और अस्पतालों की हालत खस्ता है। अस्पतालों में गरीब इलाज कराने जाता है, लेकिन वहां मशीनें खराब हैं, बिस्तरों की कमी है और सफाई नदारद है। मरीजों को टेस्ट बाहर से कराने के लिए कहा जाता है। स्कूलों में डेस्क तक नहीं हैं और बच्चों को फर्श पर चटाई बिछाकर बैठना पड़ता है। मिड-डे मील में भी अनियमितताओं का खुलासा हुआ है।
08:50 pm 06/12/2025