छात्रों की विवादस्पद बयानबाजी और राष्ट्र विरोधी नारेबाजी के चलते जे.एन.यू. आज सुर्खियों में है । देश का सबसे बड़ा शिक्षा का केंद्र अब राजनैतिक दलों का जमवाड़ा बन गया है । मौका था संसद पे हमले के मुख्य आरोपी अफजल गुरु की बरसी का नहीं चूके फिरकापरस्त "अफजल गुरु अमर रहे " "तुम कितने अफजल मारोगे घर-घर से अफजल निकलेगा" । कुछ एक ने तो पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे भी लगाये ।
आरोपिया के खिलाफ कार्यवाही होते ही बचाव के लिए कांग्रेस और वामपंथी दल मैदान में कुद पड़े । जे.एन.यू. अब राहुल गांधी ,सीताराम येंचुरी ,अजय माकन और डी. राजा जैसे राजनीतिक दिग्गाजों का अखाड़ा बन गया है । और शुरु हुआ लीपा-पोती का दौर ।दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सबूत के तौर पर पेश विडियो फुटेज की वास्तविकता की मजिस्ट्रट जांच के आदेश दिये हैं ।
गौर फरमाने की बात यह है कि आरोपियों की लिस्ट में जे.एन.यू. की छात्र युनियन के अघ्यक्ष कनहिया कुमार के साथ सी.पी.आई. के नेता डी.राजा. की बेटी भी शामिल है और 14 आरोपियों की धड़-पकड़ जारी है । हर बार की तरह इस बार भी कांग्रेस और वामपंथी दलों ने घसीट लिया है केंद्र सरकार को कटघरे में । याने कि हर बार की तरह इस बार भी है बी.जे.पी. के साथ कांग्रेस वा उसके सहयोगी वापंथी दलों के बीच सीधा टकराव ।
पहले हैदराबाद युनिवर्सटी और अब जे.एन.यू. हर जगह अलगाव का सिल-सिला जारी है । आयोजन तो आयोजन है अब वो याकूब मेमन की शोक सभा या फिर संसद पे हमले के मुख्य आरोपी अफजल गुरु की बरसी । लीपा-पोती का सिल-सिला जारी है । विचारनीय है छात्रों मे शिक्षा की जगह लेता अलगाववाद....