समाचार पत्र एवं मीडिया हाउस में तालाबंदी से हई पत्रकार एवं गैर मीडियाकर्मी की छंटनी के समाचारों से पत्रकार संगठनों में मचा हड़कंप । पत्रकारों के संगठनों द्वारा प्राप्त सूचना के अनुसार देश के प्रतिष्ठित प्रकाशान संस्थानों और चेनलों में कर्मचारियों की हो रही है छटनी । टाइम्स आफ इंडिया ने संडे मेगजीन की पूरी टीम को बरखास्त कर दिया है । न्यूज नेशन से भी 16 इंगलिश डिजिटल कार्मिक एवं क्विंट से आधे कार्मिकों की छटनी के समाचार मिले हैं । इंडिया टुडे की छटनी की लिस्ट भी लगभग तैयार है । 46 रिपोर्टर,6 केमरामेन एवं 17 प्रोडयुसरों का बाहर निकलना लगभग तय है । हिंदुस्तान टाइम्स मराठी संस्करण का भी प्रकाशन 30 अप्रेल सेे बंद होना लगभग तय है ।
पत्रकारों के अग्रणी संगठन नेशनल यूनियन आफ जर्नलिस्ट (इंडिया),प्रेस एशोसियेश एवं वर्किंग न्यूज पेपर केमरामेन एशोसियेशन ने इस मामले में सरकार से संज्ञान लेने की अपील की है । बडे़ प्रकाशन एवं मीडिया संस्थानों के मामले पत्रकार संगठनों द्वारा समय-समय पर उठाये जाते रहे हैं । यह बात और है कि संगठन की गतिविधियों एवं आयोजित धरने प्रदर्शनों में दो एक पदाधिकारियों के अलावा शायद ही कोई प्रतिष्ठिात प्रकाशन का मुलाजिम नजर आये । नजर आते हैं तो जिला और तहसील स्तर पर निकलने वाले समाचार पत्रों के मालिक/संपादक या उनसे जुड़े पत्रकार । जिन्की परेशानियों के प्रति स्वयं संगठन ही उदासीन हैं । वंदे मातरम और कल्पांत या फिर गुलाब भारत जैसे छोटे प्रकाशनों की दशा भी उतनी ही विचारणीय है । कहीं न कहीं जरूरी है प़त्रकार संगठनों और सरकार दोनों का ही संज्ञान....